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सीतापुर: लॉकडाउन के कारण नहीं हुआ पशु मेले का आयोजन, बेजुबान हुए परेशान

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में हर वर्ष अप्रैल माह में पशु मेले का आयोजन किया जाता है. इस वर्ष कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से मेले का आयोजन नहीं किया जा रहा है. वहीं व्यापारी और पशु भुखमरी के कागार पर आ गए हैं.

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Published : Apr 10, 2020, 7:38 PM IST

इस वर्ष नहीं किया गया पशु मेले का आयोजन
इस वर्ष नहीं किया गया पशु मेले का आयोजन

सीतापुर: जिले में हर वर्ष पशु मेले का आयोजन किया जाता है. लॉकडाउन के कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आए 12 से अधिक पशु व्यवसायी भुखमरी के कगार पर पहुंच गए है. सैकड़ों की तादात में पशु मेले में लाई गई भैंसें, पड़ियों, बछियों की बिक्री बाधित होने से पशुओं को चारा भी नहीं खिला पा रहे हैं.

इस वर्ष नहीं किया गया पशु मेले का आयोजन
इस वर्ष नहीं किया गया पशु मेले का आयोजन

व्यापारी और पशु हो रहे भुखमरी के शिकार
होली परिक्रमा मेले की समाप्ति के बाद दधीचि आश्रम के पास बाग में हर साल पशु मेले का आयोजन किया जाता था. इस मेले का शुभारंभ किया जा चुका था लेकिन, लॉकडाउन के वजह से सारा व्यवसाय चौपट हो गया.

पशु मेले में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, बुलन्दशहर आदि के पशु व्यवसायी सलीम, शकील, अनुराग, गुलशन, रईस, गुलफान, इसरार, दिनेश आदि लोग भैंस, पड़िया व बछियों की खेप लेकर मेले में आते थे. अचानक कोरोना महामारी के विश्वव्यापी संक्रमण होने के वजह से केन्द्र सरकार ने लॉकडाउन घोषित कर दिया है.

मेले में लाए गए मवेशियों की खरीद फरोख्त पर बुरा असर पड़ रहा है. पड़िया, बछियों की बिक्री तो दूर बंजारों से लाए गए मवेशियों के खिलाने के लिए भूसा, दाना आदि भी मार्केट बन्द होने के कारण नहीं मिल रहा है.

पशु मेले का आयोजन दधीचि मन्दिर के महंत कराते है. लॉकडाउन होने से सभी बंजारों को खाने-पीने की किल्लत हो गई है. तहसीलदार से उनके खाने-पीने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही महंत ने भी पशु मेले में आए व्यापारियों की समस्याओं के समाधान के लिए कहा है.

-राजीव पाण्डेय, एसडीएम

सीतापुर: जिले में हर वर्ष पशु मेले का आयोजन किया जाता है. लॉकडाउन के कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आए 12 से अधिक पशु व्यवसायी भुखमरी के कगार पर पहुंच गए है. सैकड़ों की तादात में पशु मेले में लाई गई भैंसें, पड़ियों, बछियों की बिक्री बाधित होने से पशुओं को चारा भी नहीं खिला पा रहे हैं.

इस वर्ष नहीं किया गया पशु मेले का आयोजन
इस वर्ष नहीं किया गया पशु मेले का आयोजन

व्यापारी और पशु हो रहे भुखमरी के शिकार
होली परिक्रमा मेले की समाप्ति के बाद दधीचि आश्रम के पास बाग में हर साल पशु मेले का आयोजन किया जाता था. इस मेले का शुभारंभ किया जा चुका था लेकिन, लॉकडाउन के वजह से सारा व्यवसाय चौपट हो गया.

पशु मेले में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, बुलन्दशहर आदि के पशु व्यवसायी सलीम, शकील, अनुराग, गुलशन, रईस, गुलफान, इसरार, दिनेश आदि लोग भैंस, पड़िया व बछियों की खेप लेकर मेले में आते थे. अचानक कोरोना महामारी के विश्वव्यापी संक्रमण होने के वजह से केन्द्र सरकार ने लॉकडाउन घोषित कर दिया है.

मेले में लाए गए मवेशियों की खरीद फरोख्त पर बुरा असर पड़ रहा है. पड़िया, बछियों की बिक्री तो दूर बंजारों से लाए गए मवेशियों के खिलाने के लिए भूसा, दाना आदि भी मार्केट बन्द होने के कारण नहीं मिल रहा है.

पशु मेले का आयोजन दधीचि मन्दिर के महंत कराते है. लॉकडाउन होने से सभी बंजारों को खाने-पीने की किल्लत हो गई है. तहसीलदार से उनके खाने-पीने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही महंत ने भी पशु मेले में आए व्यापारियों की समस्याओं के समाधान के लिए कहा है.

-राजीव पाण्डेय, एसडीएम

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