सीतापुर: गांवों के विकास और सौन्दर्यीकरण के लिए लागू योजनाओं में भ्रष्टाचार का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. ग्राम प्रधान और पंचायत सेक्रेटरी इन योजनाओं को खाने-कमाने का जरिया बनाये हुए हैं जिसके चलते ग्रामीणों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिलाधिकारी ने दोषी पाये 14 पंचायत सचिवों को निलंबित कर दिया है.
पंचायत सचिव को किया गया निलंबित
- केन्द्र और राज्य सरकारें गांवों के विकास के लिए तमाम योजनाओं को लागू करती हैं.
- इन योजनाओं में राज्य वित्त और शौचालय निर्माण की योजना वर्तमान में सबसे प्रमुख है.
- जानकारों की मानें तो इन्हीं योजनाओं में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है.
- जिला पंचायती राज अधिकारी कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक डीएम स्तर से प्राप्त कई शिकायतें मिलीं.
- इन शिकायतों में से इस समय 137 मामलों की जांच चल रही है.
- उनमें 14 मामलों में पंचायत सचिव दोषी पाए गए.
- दोषी पाये गये पंचायत सचिवों को निलंबित किया जा चुका है.
- ग्राम प्रधानों को नोटिस जारी किया गया है.
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जानें क्या कहते हैं शिकायतकर्ता
ग्राम विकास से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों की शिकायत दर्ज कराने वाले लोगों का कहना है कि ऐसी जांचों को लंबे समय तक लटकाया जाता है और फिर उनमें लीपापोती की जाती है. कुछ मामलों में तो जांच पूरी होने के बाद भी कार्यवाही ठंडे बस्ते में पड़ी रहती है.