सिद्धार्थनगर: जिले के डुमरियागंज तहसील अंतर्गत जमोतिआ गांव निवासी कुछ लोग भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दौरान पाक में जा बसे. हालांकि आजादी के बाद गांव छोड़कर पाकिस्तान गए लोगों के नाम कई बीघा जमीन अभिलेखों में दर्ज है. यह मामला तब प्रकाश में आया जब खतौनी की ऑनलाइन प्रक्रिया का काम चल रहा था. डुमरियागंज उपजिलाधिकारी त्रिभुवन ने जमीन को शत्रु संपत्ति घोषित करने की कार्रवाई शुरू कर दी है.
31 लोगों की जमीन शत्रु संपत्ति हो रही घोषित
भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दौरान तहसील क्षेत्र के कुसम्ही ग्राम पंचायत के जमौतिया गांव के करीब 31 लोग देश छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे, जिसके बाद से लेकर अभी तक उन लोगों की जमीन शत्रु संपत्ति नहीं घोषित की गई थी. अब वरासत अभियान के तहत गांव में यह मामला सामने आया, जिसके बाद तहसील प्रशासन गुरुवार को हरकत में आया और सभी की संपत्ति को शत्रु संपत्ति दर्ज करने की कार्रवाई शुरू कर दी.
1.797 हेक्टेयर यानि 4.5 एकड़ भूमि की गई चिन्हित
लेखपालों ने राजस्व समिति की बैठक में कुल 31 लोगों की लगभग 1.797 हेक्टेयर यानि 4.5 एकड़ भूमि ऐसी पाई है, जो सन 1954 में भारत छोड़कर पाकिस्तान में जा बसे थे. ऐसी स्थिति में भारत में उनकी समस्त संपत्ति शत्रु संपत्ति के अंतर्गत आती है, जिसमें अली हैदर पुत्र मेहंदी हसन के नाम से 2 एकड़ तन्हा भूमि है. इसके साथ अन्य खातेदार नौसा हुसैन पुत्र यार अली, हकीम अली, असगर अली, अशफाक हुसैन, अमीर हैदर, कर्रार हुसैन, मालिक अली आदि सहित 31 लोग भारत देश छोड़कर पाकिस्तान में जा बसे थे. शत्रु संपत्ति के संबंध में विस्तृत जांच के लिए मौके का निरीक्षण किया गया. तहसीलदार राजेश प्रताप सिंह और सहायक विकास अधिकारी पंचायत बृजेश गुप्ता को सार्वजनिक स्थान पर सूचना चस्पा और डुग्गी मुनादी आदि के माध्यम से प्रचार करने के लिए एसडीएम ने निर्देशित किया.
इस संबंध में डुमरियागंज एसडीएम त्रिभुवन विस्तृत जांच के बाद जिलाधिकारी को अंतिम रिपोर्ट प्रेषित की जाएगी. इसके लिए 27 जनवरी तक सभी को अपना पक्ष रखने के लिए समय दिया गया है. इस प्रकार शत्रु संपत्ति घोषित करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है. जिलाधिकारी को भी वस्तुस्थिति से अवगत कराने के लिए पत्र प्रेषित किया गया है.