सिद्धार्थनगरः सड़कों पर पसरा गंदा पानी, टूटा हुआ संपर्क मार्ग व पुल, अधूरी इंटरलॉकिंग, टूटा और अधूरा खड़ंजा और नाली विहीन गांव. यह सब मिलेगा आपको सिद्धार्थनगर जिले के भनवापुर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत कानभारी के राजस्व ग्राम निजामाबाद में. व्यवस्थाएं इतनी बदहाल हैं कि यहां आज भी महिलाएं नहाने गांव से बाहर जाती हैं.
नहीं हैं मूलभूत सुविधाएं
ग्रामीणों का कहना है कि यहां मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं. खासतौर से पूरे गांव में गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं है. सड़क पर जलभराव रहता है. नालियां नहीं बनाई गई हैं. गांव में जमे पानी में बदबू और विषाणु के होने से बीमारियां फैलने की भी आशंका है. विवशता यह है कि खुद के घर के सामने गड्ढा बनाकर पानी जमा किया जाता है. एक ग्रामीण गीता देवी ने बताया कि नल पर बने चबूतरे पर पानी जमा करके घर से दूर नहर पर ले जाकर फेंकना पड़ता है. घर की महिलाओं को नहाने के लिए गांव से बाहर जाना पड़ता है. सफाईकर्मी क्या होता है, अभी ग्रामीणों को यही नहीं मालूम. ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान सिर्फ आश्वासन ही देते हैं, काम आज तक कोई किया नहीं गया.
आवास नहीं मिलते
गांव के दलितों के घर सिर्फ टीनशेड के बने हैं. दलित महिला कानी ने आरोप लगाया कि हमारा आवास बनने की लिस्ट में नाम था मगर हमारा नाम कटवा दिया गया. वहीं दलित टोले से अवधेश कुमार ने बताया कि आवास के लिए बार-बार घर पर आकर सर्वे करते तो हैं मगर हाथ आती है सिर्फ निराशा और आश्वासन. वहीं, अशोक कुमार ने बताया कि दलित टोले से बाहर जाने का रास्ता कच्चा है और संपर्क मार्ग का टूटा हुआ पुल दुर्घटना को आमंत्रण देता है. कई बार लोग गिर कर चोटिल हो चुके हैं मगर बरसों से टूटे पुल की मरम्मत नहीं कि जाती है, सिर्फ आश्वासन से काम चलाया जाता है.
35 लाख के काम का दावा
इस पूरे मामले को लेकर खंड विकास अधिकारी धनंजय सिंह से बात की गई तो जवाब हैरान करने वाला था. उन्होंने कहा कि उक्त ग्राम पंचायत में 35 लाख रुपये राज्य वित्त आयोग योजना से अवमुक्त किए गए हैं. वहां सारे कार्य हुए हैं. साथ ही कहा कि अभी तक कोई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है. यदि कोई समस्या है तो जाकर निरीक्षण किया जाएगा.