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Shravasti CMO: श्रावस्ती सीएमओ और बाबू का ऑफिस में ही रिश्वत लेते video viral

श्रावस्ती जनपद में सीएमओ ऑफिस (Shravasti CMO Office) का एक रिश्वत लेने का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में रिश्वत लेते सीएमओ और बाबू को देख स्वास्थ विभाग में खलबली मच गई है.

श्रावस्ती जनपद में
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Published : Jan 12, 2023, 3:52 PM IST



श्रावस्ती: जनपद में एक ओर योगी सरकार जीरो टॉलरेंस पर काम करने की बात कर रही है. वहीं, दूसरी ओर श्रावस्ती सीएमओ कार्यालय में रिश्वत लेना आम बात हो गई है. बुधवार को श्रावस्ती के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में सीएमओ और बाबू का घूस लेते वीडियो एक साथ वायरल हो रहा है. यहां पर आपके पास पैसे हैं तो सीएमओ आफिस में हर अवैध काम आपके लिए वैध है. पैसे नहीं हैं तो वैध काम भी अवैध है. एक साथ दोनों लोगों का वीडियो वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.

इस वीडियो को बनाकर सीएमओ आफिस के एक बाबू कोमल ने ही वायरल किया है. जिसे वह मीडिया के सामने स्वीकार भी कर रहा है. सीएमओ कार्यालय में तैनात वरिष्ठ लिपिक कोमल कुमार ने सीएमओ पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने व विभाग में तैनात कर्मियों से धन उगाही करने का आरोप लगाया है. ऐसा करने से मना करने पर उससे पैसे की मांग की गई. लिपिक ने सीएमओ को घूस देते वीडियो बना लिया. यह वायरल वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.

सीएमओ कार्यालय में तैनात वरिष्ठ लिपिक कोमल ने उप मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक, प्रमुख सचिव, डीएम व एसपी को भेजे गए पत्र में कहा है कि सीएमओ डा. शारदा प्रसाद तिवारी बीते वर्ष जिले में तैनाती के बाद से ही उन्हें मानसिक रूप से परेशान कर रहे हैं. विभागीय कर्मचारियों के पीएफ व पेंशन से पैसा वसूलने का दबाव बनाते हैं. जब उसने ऐसा करने से मना कर दिया तो मुझसे ही 50 हजार रुपये की मांग की. वरिष्ठ सहायक ने बताया कि मैने पत्नी के कैंसर बीमारी का हवाला दिया तो जंगल में ट्रांसफर करने की धमकी दी. हमने उन्हें पांच हजार रुपये दिया. वरिष्ठ सहायक का आरोप है कि बुधवार को सीएमओ ने अपने कक्ष में बुलाया और जातिसूचक गालियां देते हुए कहा कि शाम तक पैसा नहीं दिया तो मल्हीपुर या सिरसिया जाने को तैयार रहो. आहत लिपिक ने सीएमओ का रुपये लेते वीडियो वायरल कर दिया.


सीएमओ डॉ.शारदा प्रसाद तिवारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के कुछ माफिया ठेकेदार हैं. जिन्हें काम नहीं मिला तो उन्होंने लिपिक के माध्यम से आरोप लगवाए हैं. सारे आरोप बेबुनियाद हैं. एडी स्वास्थ्य से मिलकर मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग करूंगा.

यह भी पढे़ं- Vice Chancellor Vinay Pathak के खिलाफ सीबीआई ने शुरू की जांच, STF दफ्तर पहुंच अफसरों से ली जानकारी



श्रावस्ती: जनपद में एक ओर योगी सरकार जीरो टॉलरेंस पर काम करने की बात कर रही है. वहीं, दूसरी ओर श्रावस्ती सीएमओ कार्यालय में रिश्वत लेना आम बात हो गई है. बुधवार को श्रावस्ती के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में सीएमओ और बाबू का घूस लेते वीडियो एक साथ वायरल हो रहा है. यहां पर आपके पास पैसे हैं तो सीएमओ आफिस में हर अवैध काम आपके लिए वैध है. पैसे नहीं हैं तो वैध काम भी अवैध है. एक साथ दोनों लोगों का वीडियो वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.

इस वीडियो को बनाकर सीएमओ आफिस के एक बाबू कोमल ने ही वायरल किया है. जिसे वह मीडिया के सामने स्वीकार भी कर रहा है. सीएमओ कार्यालय में तैनात वरिष्ठ लिपिक कोमल कुमार ने सीएमओ पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने व विभाग में तैनात कर्मियों से धन उगाही करने का आरोप लगाया है. ऐसा करने से मना करने पर उससे पैसे की मांग की गई. लिपिक ने सीएमओ को घूस देते वीडियो बना लिया. यह वायरल वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.

सीएमओ कार्यालय में तैनात वरिष्ठ लिपिक कोमल ने उप मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक, प्रमुख सचिव, डीएम व एसपी को भेजे गए पत्र में कहा है कि सीएमओ डा. शारदा प्रसाद तिवारी बीते वर्ष जिले में तैनाती के बाद से ही उन्हें मानसिक रूप से परेशान कर रहे हैं. विभागीय कर्मचारियों के पीएफ व पेंशन से पैसा वसूलने का दबाव बनाते हैं. जब उसने ऐसा करने से मना कर दिया तो मुझसे ही 50 हजार रुपये की मांग की. वरिष्ठ सहायक ने बताया कि मैने पत्नी के कैंसर बीमारी का हवाला दिया तो जंगल में ट्रांसफर करने की धमकी दी. हमने उन्हें पांच हजार रुपये दिया. वरिष्ठ सहायक का आरोप है कि बुधवार को सीएमओ ने अपने कक्ष में बुलाया और जातिसूचक गालियां देते हुए कहा कि शाम तक पैसा नहीं दिया तो मल्हीपुर या सिरसिया जाने को तैयार रहो. आहत लिपिक ने सीएमओ का रुपये लेते वीडियो वायरल कर दिया.


सीएमओ डॉ.शारदा प्रसाद तिवारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के कुछ माफिया ठेकेदार हैं. जिन्हें काम नहीं मिला तो उन्होंने लिपिक के माध्यम से आरोप लगवाए हैं. सारे आरोप बेबुनियाद हैं. एडी स्वास्थ्य से मिलकर मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग करूंगा.

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