सहारनपुर: अमेरिकी हवाई हमले में मारा गया अलकायदा का कमांडर मौलाना आसिम उमर उर्फ सन्नू के नाम से जाना जाने वाला आतंकी सम्भल निवासी था. जिले के एसएसपी का कहना है कि आतंकवादी का दारुल उलूम से जुड़े होने का अभी कोई ऐसा सबूत नही मिला है. अगर मिलता है तो दारुल उलूम के अधिकारियों से उसके रिकॉर्ड ले सकते हैं.
एसएसपी ने दी जानकारी
बता दें कि सितंबर में अफगानिस्तान में हुई अमेरिकी एयर स्ट्राइक में आसिम उमर मारा गया था, जो कि संभल जिले का रहने वाला था. हालांकि 1990 के आखिरी दशक में वह पाकिस्तान चला गया था. बताया जाता है आसिम उमर ने दारुल उलूम देवबंद से 1991 में दीनी तालीम हासिल की थी. इसके पश्चात वह पाकिस्तान चला गया था.
पाकिस्तान से उसने अपनी दीनी और असकारी ट्रेनिंग के बाद आतंकी संगठन हरकत उल मुजाहिदीन का हिस्सा बना और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से जुड़ गया. जवाहिरी ने आसिम उमर को भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए कमांडर के तौर पर चुना था और उसे कमांडर बनाकर आतंकवाद फैलाने की बड़ी जिम्मेदारी दी थी.
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आसिम उमर द्वारा दारुल उलूम देवबंद से तालीम हासिल करने को लेकर देवबंदी उलेमाओं ने अपनी-अपनी राय रखी थी. महिलाओं का कहना था कि आसिम को दारुल उलूम का छात्र बताकर दारुल उलूम को बदनाम करने की एक बड़ी साजिश की जा रही है.
आसिम उमर के देवबन्द दारुल उलूम में पढ़े जाने को लेकर हमारे पास अभी कोई जानकारी नहीं है. अगर कोई पक्की जानकारी हमको मिलेगी तो उसके संबंध में जांच करके दारुल उलूम के अधिकारियों से बात की जाएगी. साथ ही उनसे हम रिकॉर्ड ले सकते हैं. फिलहाल हमारे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है.
-दिनेश कुमार पी, एसएसपी