सहारनपुर: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को मौत के मुंहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है. दुनिया का हर देश इस वक्त लॉकडाउन होकर रह गया है. भारत समेत ज्यादातर देशों में कर्फ्यू जैसे हालात बने हुए हैं. लॉकडाउन लागू किये जाने के बाद गरीब और असहाय लोगों के सामने आर्थिक संकट के साथ ही खाने के भी लाले पड़ गए हैं. ऐसी ही तस्वीरें स्मार्ट सिटी सहारनपुर से सामने आईं है. यहां रोजी रोटी के लिए रोजगार की तलाश में आए कई नेपली परिवार न सिर्फ लॉकडाउन में फंस गए हैं, बल्कि भूख से मरने की कगार पर पहुंच गए हैं.
ETV भारत को जब इन परिवारों की जानकारी लगी तो ETV भारत की टीम ने पहुंच कर उनके दर्द को साझा किया. इतना ही नहीं एक सामाजिक संगठन के माध्यम से राहत सामग्री भी उपलब्ध कराई.
जनपद में फंसे नेपाली परिवार
दरअसल, जनपद के थाना नगर कोतवाली इलाके में करीब एक दर्जन परिवार आकर किराए पर रह रहे हैं. ये लोग हींग, गर्म कपड़े आदि बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं. नेपाली परिवार सर्दियां खत्म होते ही नेपाल लौट जाते हैं, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते अचानक लॉकडाउन होने से कर्फ्यू जैसे हालात बने हुए हैं. जिससे इन परिवारों के मुखिया भी विभिन्न स्थानों पर फंस गए हैं. कई घरों में केवल महिलाएं और बच्चे ही यहां रह रहे हैं. मकान मालिक के अलावा इनका परिचय भी ज्यादा लोगों से नहीं है.
ईटीवी भारत से बांटा अपना दर्द
वहीं नेपाली भाषा भी इनके लिए मुसीबत बन गई हैं. हालांकि ये लोग थोड़ी बहुत टूटी-फूटी हिंदी तो बोल लेते हैं, लेकिन जान पहचान न होने की वजह से यह लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं. स्थिति इतनी दयनीय हो गई है कि इनके पास खाने-पीने का सामान भी खत्म हो चुका है.
ETV भारत को जब इसकी जानकारी हुई तो ETV भारत की टीम ने नेपाली परिवारों के बीच पहुंच कर उनका दर्द साझा किया. साथ ही समाजिक संगठन सैनी सेवा समाज के माध्यम से कुछ राशन भी भिजवाया.
नहीं बचा है राशन और रुपये
जब इन लोगों से बातचीत की गई तो इनमें से सपना नाम की नेपाली महिला ने बताया कि अचानक लॉकडाउन होने से उसके पति बाहर फंसे हुए हैं. वह अपने दो बच्चों के साथ अकेली रहने को मजबूर है. तीन दिन पहले से इनके पास खाने का राशन और पैसे खत्म हो गए थे. पिछले तीन दिन से जैसे-तैसे थोड़ा बहुत खाकर काम चलाने की कोशिश कर रहे हैं.
हींग और मसाला बेचकर चलाते हैं परिवार
नेपाल से आये राज बहादुर ने भी बताया कि हम लोग सर्दियों में हींग आदि मसाले बेच कर रोटी कमाने आये थे. कोरोना वायरस के कारण इनके सामने आर्थिक संकट आ गया है. जो थोड़े बहुत पैसे इनके पास थे वे अपने परिजनों को भेज दिए थे. इस बात का कोई अंदेशा ही नहीं था कि लॉक डाउन हो जाएगा.
ईटीवी भारत की टीम ने भूख से बिलख रहे नेपाली परिवारों के बारे में जिलाधिकारी अखिलेश सिंह को जानकारी दी. इसके लिए उन्होंने ईटीवी भारत का धन्यावाद करते हुए उनकी मदद करने का भरोसा दिया है.
ऐसे परिवारों की मदद के लिए नगर निगम और तहसील अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं. जिले में खाने पीने के सामान की कोई कमी नहीे है. हर असहाय और गरीब परिवार के पास खाने-पीने का सामान भिजवाया जा रहा है. इस महामारी के दौर में कोई भूखा नहीं सोएगा इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है.
-अखिलेश सिंह, जिलाधिकारी