सहारनपुर: विश्वविख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद परिसर में लगातार हो रहे निर्माण कार्य को लेकर जिला प्रशासन ने सख्त हो गया है. अवर अभियंता विनियमित की शिकायत पर जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडे ने न सिर्फ दारुल उलूम प्रबंधन से जवाब तलब किया है बल्कि संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर निर्माण कार्य की जांच के आदेश दिए है. बताया जा रहा है कि दारुल उलूम देवबंद परिसर में बिना अनुमति के पुस्तकालय के साथ उसके ऊपर हेलीपैड का निर्माण किया जा रहा है.
क्या है पूरा मामला-
- फतवों की नगरी दारुल उलूम देवबंद की स्थापना 1866 में हुई थी. तब से लेकर आज तक दारुल उलूम परिसर में लगातार भवनों का निर्माण होता आ रहा है.
- बिना अनुमति के दारुल उलूम परिसर में एक विशाल पुस्तकालय का निर्माण किया गया है. जिसको लेकर जिला प्रशासन ने निर्माण कार्य का जांच के आदेश दे दिए हैं.
- यह पुस्तकालय बहु मंजिला इमारत के रूप में है. गोल आकृति में बनी पुस्तकालय के ऊपर और परिसर में हेलीपैड भी बनाए जा रहे हैं.
- जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि अवर अभियंता विनियमित देवबंद द्वारा अवगत कराया गया था.
- संज्ञान में यह भी आया है कि विशाल लाइब्रेरी के ऊपर और परिसर में हेलीपैड निर्माण किए जा रहे हैं.
- दारुल उलूम देवबंद के कुलपति मोहतमिम अबुल कासिम नोमानी को एनओसी तलब करने को कहा गया था.
- एडीएम देवबंद ने 26 जून को पत्र जारी कर लाइब्रेरी निर्माण कार्य से संबंधित अनुमति पत्र एवं सुरक्षा की दृष्टि से अनापत्ति प्रमाण पत्र तलब किए थे.
कुलपति ने दी थी संदिग्ध जानकारी-
कुलपति दारुल उलूम ने 4 जुलाई को पत्र प्रेषित कर मात्र यह बताया कि लाइब्रेरी के ऊपर और परिसर में है कोई हेलीपैड का निर्माण नहीं हो रहा है. एक सप्ताह में लाइब्रेरी के निर्माण से संबंधित अनुमति पत्र एवं सुरक्षा की दृष्टि से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं देने के साथ संतोषजनक जवाब भी नहीं दिया गया. मामला समुदाय विशेष के विश्वविख्यात शिक्षण संस्थान से जुड़ा होने के चलते 20 जुलाई को एक बार फिर निर्माण से संबंधित अनुमति पत्र एवं अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने को निर्देशित किया गया है.
निर्माण कार्य को रुकवाने का आदेश-
साथ ही आरबीओ एक्ट 1958 के प्रावधान के अंतर्गत दारलूम परिसर में कराए जा रहे निर्माण कार्य को रुकवाने के आदेश दे दिए हैं. निर्माण कार्य की जांच बैठा दी गई है जिससे स्थिति की सही जानकारी प्राप्त हो सके. ऐसा पहली बार हुआ है कि जब फतवो की नगरी दारुल उलूम देवबंद में हो रहे निर्माण कार्य की जांच की जाएगी. हालांकि बिना अनुमति के विशाल पुस्तकालय और हेलीपैड की जांच के लिए जिला प्रशासन फूंक-फूंक कर कदम रख रहा हैं.