शामली: जनपद से होकर गुजरने वाली यमुना नदी की लहरें इन दिनों चिंता का सबब बनती नजर आ रही है. पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में वर्षा के चलते हथिनीकुंड बैराज (hathnikund barrage water level today) से 2.81 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद जलस्तर चेतावनी बिंदु के पार पहुंच गया है. यमुना का जलस्तर (Yamuna water level) बढ़ने से एक मंदिर में पानी घुस गया है. वहीं, किसानों की सैकड़ों बीघा फसल भी जलमग्न हो गई है. प्रशासन ने क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी कर दिया है.
दरअसल, पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में वर्षा के चलते हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में एक दिन पूर्व अधिकतम 2.81 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया था, जिसके चलते शामली जिले में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया. सोमवार शाम करीब चार बजे कैराना यमुना ब्रिज पर समुद्र तल से बहाव 230.15 मीटर रिकॉर्ड किया गया था. यहां से चेतावनी बिंदु 231 मीटर और खतरे का निशान 231.50 मीटर रह गया था. वहीं, हथिनीकुंड बैराज से डिस्चार्ज हो रहे पानी (Discharge water from Hathnikund barrage) की मात्रा भी शाम के समय कम होती गई थी.
यमुना नदी में छोड़ा गया अधिकतम पानी मंगलवार को शामली जिले तक पहुंच गया, जिसके बाद एकाएक एक मीटर जलस्तर की वृद्धि होने से बहाव चेतावनी बिंदु के पार पहुंच गया. शाम चार बजे यमुना ब्रिज पर जलस्तर 231.10 मीटर रिकॉर्ड किया गया. यहां से खतरे का निशान महज 40 सेंटीमीटर दूर रह गया है. उधर, यमुना नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु के पार पहुंचने के कारण ब्रिज के निकट स्थित मंदिर में पानी घुस गया है.
इसके अलावा गांव नंगलाराई, रामड़ा और हैदरपुर आदि गांवों के जंगलों में सैकड़ों बीघा धान, गोभी और ईंख की फसलें जलमग्न हो गई है. फसलों की बर्बादी को लेकर किसानों की चिंता बढ़ गई है. वहीं, तटवर्ती बाशिंदे भी चिंतित नजर आ रहे हैं. प्रशासन की ओर से बाढ़ चौकियों को अलर्ट मोड पर कर दिया गया है. खादर क्षेत्र में भी निगरानी बढ़ाई गई है. प्रशासन ने लेखपालों को तमाम गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के भी निर्देश दे दिए हैं. हालांकि, हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में छोड़े जा रहे पानी की मात्रा हजारों क्यूसेक में आ जाने के बाद अगले 24 घंटे में राहत की संभावना है.
ड्रेनेज विभाग के जेई आशु कुमार ने बताया कि क्षेत्र में अलर्ट जारी किया गया है. उन्होंने बताया कि मंगलवार सुबह आठ बजे यमुना नदी में 75,437 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया, जिसके बाद शाम चार बजे तक पानी की मात्रा घटकर 32,911 क्यूसेक रह गई है. इससे यमुना नदी के जलस्तर में गिरावट आने की संभावना है.
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