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मास्टर जी का अनोखा अंदाज, कहानियों के माध्यम से बच्चों में भर रहे हैं संस्कार - shamli latest news

कहानियां बच्चों के मन-मस्तिष्क पर अच्छे-बुरे की छाप छोड़ती हैं. इन्हीं से बच्चा कल्पना करना भी सीखता है. बच्चे में अच्छे कार्य करने की रूची भी पैदा होती है. यह भी सच है कि कहानियों की घटनाओं का असर बच्चे के स्वभाव को भी बदल सकता है. उत्तर प्रदेश के शामली में जिले में एक सरकारी शिक्षक ऐसी ही कहानियों के माध्यम से धरती के सितारों को चरित्रवान बना रहे हैं.

शामली
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Published : Nov 21, 2019, 4:54 PM IST

शामली: जिले के पूर्व माध्यमिक विद्यालय जगनपुर में बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षक विजय कुमार शर्मा की कहानियां इन दिनों खूब सुर्खिया बटोर रही हैं. बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित 'कहानी सुनाओ प्रतियोगिता' में यह शिक्षक जनपद में प्रथम स्थान प्राप्त कर चुके हैं. अब इन्हें राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं के लिए भी न्यौता मिला है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

क्या है पूरा मामला

  • मास्टर विजय कुमार जिले के जगनपुर गांव के सरकारी स्कूल में बतौर शिक्षक नियुक्त हैं.
  • उनके द्वारा सुनाई जाने वाली कहानियों को बच्चे बड़े ही चाव से सुनकर अपने जीवन में आत्मसात करते हैं.
  • कहानियों के माध्यम से वह प्रदूषण, वन्य जीव, सामाजिक कुरातियों और नशा मुक्ति पर जागरूकता की अलख भी जगा रहे हैं.
  • उनके द्वारा सुनाई जाने वाली शिक्षाप्रद कहानियां बच्चों को चरित्रवान बना रही हैं.
  • मास्टर विजय कहानी सुनाओ प्रतियोगिता में जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त कर चुके हैं.
  • जिला स्तर पर प्रथम आने के बाद उन्हें राज्य स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर भी मिला है.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: मोबाइल एप्प से की जाएगी 16वीं जनगणना, दो चरणों में होगी पूरी

अच्छाई-बुराई का फर्क बताती हैं कहानियां
बचपन में दादा-दादी, माता और पिता द्वारा सुनाई गई कहानियां बड़े होने पर भी बच्चों के जेहन में गूंजती रहती हैं. कहानियां बच्चों को अच्छे और बुरे की कल्पना कर बदलना भी सिखाती हैं. कहानियों की घटनाओं का असर सिर्फ भाषा या शब्द सीखने तक ही नहीं रहता, बल्कि यह बच्चे के मन मस्तिष्क तक पर असर करती हैं. ऐसे में कहानियों का चयन भी विशेष मायने रखता है. मास्टर विजय कुमार ऐसी ही कहानियों के माध्यम से बच्चों में ज्ञान का भंडार भरने का काम कर रहे हैं

कहानियों के माध्यम से समाज में फैली कुरीतियों और बड़ी से बड़ी समस्या को भी खत्म किया जा सकता है. कहानियों के माध्यम से ही बच्चों में नैतिक शिक्षा, नैतिक मूल्यों, संस्कार और उद्देश्यपूर्ण तत्थ भरे जा सकते हैं. बच्चे कोमल मन और स्वभाव वाले होते हैं. छोटी-छोटी कहानियों के माध्यम से बच्चों को अच्छे और बुरे की पहचान भी कराई जा सकती है.
- विजय सिंह, शिक्षक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय जगनपुर

शामली: जिले के पूर्व माध्यमिक विद्यालय जगनपुर में बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षक विजय कुमार शर्मा की कहानियां इन दिनों खूब सुर्खिया बटोर रही हैं. बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित 'कहानी सुनाओ प्रतियोगिता' में यह शिक्षक जनपद में प्रथम स्थान प्राप्त कर चुके हैं. अब इन्हें राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं के लिए भी न्यौता मिला है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

क्या है पूरा मामला

  • मास्टर विजय कुमार जिले के जगनपुर गांव के सरकारी स्कूल में बतौर शिक्षक नियुक्त हैं.
  • उनके द्वारा सुनाई जाने वाली कहानियों को बच्चे बड़े ही चाव से सुनकर अपने जीवन में आत्मसात करते हैं.
  • कहानियों के माध्यम से वह प्रदूषण, वन्य जीव, सामाजिक कुरातियों और नशा मुक्ति पर जागरूकता की अलख भी जगा रहे हैं.
  • उनके द्वारा सुनाई जाने वाली शिक्षाप्रद कहानियां बच्चों को चरित्रवान बना रही हैं.
  • मास्टर विजय कहानी सुनाओ प्रतियोगिता में जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त कर चुके हैं.
  • जिला स्तर पर प्रथम आने के बाद उन्हें राज्य स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर भी मिला है.

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अच्छाई-बुराई का फर्क बताती हैं कहानियां
बचपन में दादा-दादी, माता और पिता द्वारा सुनाई गई कहानियां बड़े होने पर भी बच्चों के जेहन में गूंजती रहती हैं. कहानियां बच्चों को अच्छे और बुरे की कल्पना कर बदलना भी सिखाती हैं. कहानियों की घटनाओं का असर सिर्फ भाषा या शब्द सीखने तक ही नहीं रहता, बल्कि यह बच्चे के मन मस्तिष्क तक पर असर करती हैं. ऐसे में कहानियों का चयन भी विशेष मायने रखता है. मास्टर विजय कुमार ऐसी ही कहानियों के माध्यम से बच्चों में ज्ञान का भंडार भरने का काम कर रहे हैं

कहानियों के माध्यम से समाज में फैली कुरीतियों और बड़ी से बड़ी समस्या को भी खत्म किया जा सकता है. कहानियों के माध्यम से ही बच्चों में नैतिक शिक्षा, नैतिक मूल्यों, संस्कार और उद्देश्यपूर्ण तत्थ भरे जा सकते हैं. बच्चे कोमल मन और स्वभाव वाले होते हैं. छोटी-छोटी कहानियों के माध्यम से बच्चों को अच्छे और बुरे की पहचान भी कराई जा सकती है.
- विजय सिंह, शिक्षक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय जगनपुर

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कहानियां बच्चों के मन—मस्तिष्क पर अच्छे—बुरे की छाप छोड़ती हैं. इन्हीं से बच्चा कल्पना करना भी सीखता है. बच्चे में अच्छे कार्य करने की रूची भी पैदा होती है. यह भी सच है कि कहानियों की घटनाओं का असर बच्चे के स्वभाव को भी बदल सकता है. उत्तर प्रदेश के शामली में जिले में एक सरकारी शिक्षक ऐसी ही कहानियों के माध्यम से धरती के सितारों को चरित्रवान बना रहे हैं.Body:शामली: जनपद के पूर्व माध्यमिक विद्यालय जगनपुर में बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षक विजय कुमार शर्मा की कहानियां इन दिनों खूब सुर्खिया बटोर रही हैं. बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित कहानी सुनाओ प्रतियोगिता में यह शिक्षक जनपद में प्रथम स्थान प्राप्त कर चुके हैं. अब इन्हें राज्य स्तर की प्रतियोगिता का न्यौता भी मिल गया है.

क्या है पूरा मामला?
. मास्टर विजय कुमार जिले के जगनपुर गांव के सरकारी स्कूल में बतौर शिक्षक नियुक्त हैं.

. उनके द्वारा सुनाई जाने वाली कहानियों को बच्चे बड़े ही चाव से सुनकर अपने जीवन में आत्मसात करते हैं.

. कहानियों के माध्यम से वें प्रदूषण, वन्य जीव, सामाजिक कुरातियों, नशा मुक्ति पर जागरूकता की अलख भी जगा रहे हैं.

. उनके द्वारा सुनाई जाने वाली शिक्षाप्रद कहानियां बच्चों को चरित्रवान बना रही हैं.

. मास्टर विजय कहानी सुनाओं प्रतियोगिता में जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त कर चुके हैं.

. जिला स्तर पर प्रथम आने के बाद उन्हें राज्य स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर भी शिक्षा विभाग द्वारा मिला है.

अच्छाई—बुराई का फर्क बताती हैं कहानियां
बचपन में दादा—दादी, माता और पिता द्वारा सुनाई गई कहानियां बड़े होने पर भी बच्चों के जेहन में गूंजती रहती है. कहानियां बच्चे को अच्छे और बुरे की कल्पना कर खुद को बदलना भी सिखाती हैं. कहानियों की घटनाओं का असर सिर्फ भाषा या शब्द सीखने तक ही नही रहता, बल्कि यह बच्चे के मन मस्तिष्क पर 360 डिग्री तक असर करती हैं. ऐसे में कहानियों का चयन भी विशेष मायने रखता है. मास्टर विजय कुमार ऐसी ही कहानियों के माध्यम से बच्चों में ज्ञान का भंडार भरने का काम कर रहे हैं.Conclusion:
इन्होंने कहा—
कहानियों के माध्यम से समाज में फैली कुरीतियों और बड़ी से बड़ी समस्या को भी खत्म किया जा सकता है, क्योंकि कहानियों के माध्यम से ही बच्चों में नैतिक शिक्षा, नैतिक मूल्यों, संस्कार और उद्देश्यपूर्ण तत्थ भरे जा सकते हैं. बच्चे कोमल मन और स्वभाग के होते हैं. छोटी—छोटी कहानियों के माध्यम से बच्चों को अच्छे और बुरे की पहचान भी कराई जा सकती है.
— मास्टर विजय सिंह, शिक्षक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय जगनपुर

बाइट: मास्टर विजय सिंह, शिक्षक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय जगनपुर

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रिपोर्टर: सचिन शर्मा
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