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शामली: तेजी से घट रहा महिलाओं का लिंगानुपात बना परेशानी का सबब

उत्तर प्रदेश के शामली जिले में पुरूष आबादी के सापेक्ष महिलाओं का लिंगानुपात तेजी के साथ घट रहा है, इसके चलते स्वास्थ्य महकमे की चिंता बढ़ गई है. वहीं इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.

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महिला लिंगानुपात में गिरावट.
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Published : Jan 25, 2020, 5:25 PM IST

शामली: जिले का लिंगानुपात 878 महिला प्रति 1000 पुरूष एवं साक्षरता दर 53.89 प्रतिशत है. साक्षरता दर कम होने की वजह से यहां पर अभी भी लड़के-लड़कियों के बीच भेदभाव के मामले देखने को मिलते हैं. वहीं महिलाओं के घटते लिंगानुपात को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई हैं.

महिला लिंगानुपात में गिरावट.
क्यों है ऐसी स्थिति
  • जिले में लिंग परीक्षण के मामले भी कई बार सामने आए हैं.
  • इसके अलावा भ्रूण हत्या और जन्म के बाद लड़कियों को फेंक देने के मामले भी देखने को मिल जाते हैं.
  • जिले में महिलाओं का लिंगानुपात 878 के आंकड़े पर पहुंच गया है, जो नई जनगणना में और भी घट सकता है.
  • ऐसे हालातों में स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है, इसमें सुधार के विशेष प्रयास शुरू कर दिए गए हैं.
  • यूपी में लिंगानुपात के हिसाब से शामली जिला निचले पायदान पर जगह बना रहा है.

शिक्षा का भी बढ़ा अभाव
जिले की साक्षरता दर 53.89 प्रतिशत है. इसका मतलब यह है कि यहां पर करीब आधी आबादी अशिक्षित है. इसके चलते भी लड़के-लड़कियों के बीच भेदभाव के मामले देखने को मिलते हैं. जिले में जन्म के बाद लड़कियों को फेंक देने के मामलों में भी आपेक्षित बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.

इसे भी पढ़ें- शामली: नेताजी की जयंती पर भाजपाइयों ने किया रक्तदान

सीएचसी के प्रभारी चिकित्सक डॉ. रमेश चंद्र ने कहा कि जिले में प्रति हजार पुरूषों की आबादी पर महिलाओं का लिंगानुपात 878 है. पूरे उत्तर प्रदेश में यह अनुपात 912 है. इससे पता चलता है कि शामली जिले में यह लिंगानुपात तेजी से घट रहा है. जिले में अल्ट्रासाउण्ड सेंटरों पर लिंग परीक्षण पर पूरी रोक लगा दी गई है. इसके लिए जिले में पीसीपीएनडी एक्ट के लिए विशेष नोडल अधिकारी भी बनाए गए हैं. विभाग ने स्वास्थ्य कर्मचारियों को भी इसके लिए विशेष जिम्मेदारी सौंपी है.

शामली: जिले का लिंगानुपात 878 महिला प्रति 1000 पुरूष एवं साक्षरता दर 53.89 प्रतिशत है. साक्षरता दर कम होने की वजह से यहां पर अभी भी लड़के-लड़कियों के बीच भेदभाव के मामले देखने को मिलते हैं. वहीं महिलाओं के घटते लिंगानुपात को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई हैं.

महिला लिंगानुपात में गिरावट.
क्यों है ऐसी स्थिति
  • जिले में लिंग परीक्षण के मामले भी कई बार सामने आए हैं.
  • इसके अलावा भ्रूण हत्या और जन्म के बाद लड़कियों को फेंक देने के मामले भी देखने को मिल जाते हैं.
  • जिले में महिलाओं का लिंगानुपात 878 के आंकड़े पर पहुंच गया है, जो नई जनगणना में और भी घट सकता है.
  • ऐसे हालातों में स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है, इसमें सुधार के विशेष प्रयास शुरू कर दिए गए हैं.
  • यूपी में लिंगानुपात के हिसाब से शामली जिला निचले पायदान पर जगह बना रहा है.

शिक्षा का भी बढ़ा अभाव
जिले की साक्षरता दर 53.89 प्रतिशत है. इसका मतलब यह है कि यहां पर करीब आधी आबादी अशिक्षित है. इसके चलते भी लड़के-लड़कियों के बीच भेदभाव के मामले देखने को मिलते हैं. जिले में जन्म के बाद लड़कियों को फेंक देने के मामलों में भी आपेक्षित बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.

इसे भी पढ़ें- शामली: नेताजी की जयंती पर भाजपाइयों ने किया रक्तदान

सीएचसी के प्रभारी चिकित्सक डॉ. रमेश चंद्र ने कहा कि जिले में प्रति हजार पुरूषों की आबादी पर महिलाओं का लिंगानुपात 878 है. पूरे उत्तर प्रदेश में यह अनुपात 912 है. इससे पता चलता है कि शामली जिले में यह लिंगानुपात तेजी से घट रहा है. जिले में अल्ट्रासाउण्ड सेंटरों पर लिंग परीक्षण पर पूरी रोक लगा दी गई है. इसके लिए जिले में पीसीपीएनडी एक्ट के लिए विशेष नोडल अधिकारी भी बनाए गए हैं. विभाग ने स्वास्थ्य कर्मचारियों को भी इसके लिए विशेष जिम्मेदारी सौंपी है.

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उत्तर प्रदेश के शामली में पुरूष आबादी के सापेक्ष महिलाओं का लिंगानुपात तेजी के साथ घट रहा है. इसके चलते स्वास्थ्य महकमें की चिंताएं बढ़ गई है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसके लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं.Body:शामली: जिले का लिंगानुपात 878 महिला प्रति 1000 पुरूष एवं साक्षरता दर 53.89 प्रतिशत है. साक्षरता दर कम होने की वजह से यहां पर अभी भी लड़के—लड़कियों के बीच भेदभाव के मामले देखने को मिलते हैं. महिलाओं के घटते लिंगानुपात के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ गई है.

क्या है पूरा मामला?
. जिले में लिंग परीक्षण के मामले भी कई बार पकड़े गए हैं.

. इसके अलावा भ्रूण हत्या और जन्म के बाद लड़कियों को फेंक देने के मामले भी देखने में आ रहे हैं.

. जिले में महिलाओं का लिंगानुपात 878 के आंकडे पर पहुंच गया है, जो नई जनगणना में ओर भी घट सकता है.

. ऐसे हालातों में स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ गई है, जिसके लिए विशेष प्रयास शुरू कर दिए गए हैं.

. यूपी में लिंगानुपात के हिसाब से शामली जिला निचले पायदान पर जगह बना रहा है.

शिक्षा का भी बड़ा अभाव
शामली जिले की साक्षरता दर 53.89 प्रतिशत है, इसका मतलब यह है कि यहां पर करीब आधी आबादी अशिक्षित है. इसके चलते भी लड़के—लड़कियों के बीच भेदभाव के मामले देखने को मिलते हैं. जिले में जन्म के बाद लड़कियों को फेंक देने के मामलातों में भी आपेक्षित बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है.Conclusion:इन्होंने कहा—
जिले में प्रति एक हजार पुरूषों की आबादी पर महिलाओं का लिंगानुपात 878 है. पूरे उत्तर प्रदेश में यह अनुपात 912 है. इससे पता चलता है कि शामली जनपद में यह लिंगानुपात तेजी से घट रहा है. जिले में अल्ट्रासाउण्ड सैंटरों पर लिंग परीक्षण पर पूरी रोक लगा दी गई है. इसके लिए जिले में पीसीपीएनडी एक्ट के लिए विशेष नोडल अधिकारी भी बनाए गए हैं. विभाग द्वारा स्वास्थ्य कर्मचारियों को भी इसके लिए विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है.
— डा. रमेश चंद्रा, प्रभारी चिकित्सक, सीएचसी शामली

नोट: खबर रैप से रेडी पैकेज के रूप में भेजी गई है।

रिपोर्टर: सचिन शर्मा
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