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शामली में पांच गांवों की पंचायत, विद्युतकर्मियों को घर में न घुसने देने का ऐलान - विद्युत विभाग की अवैध वसूली

शामली जिले में रविवार को पांच गांवों के लोगों की सर्वजातीय पंचायत (Sarvajati Panchayat in Shamli) का आयोजन किया गया. पंचायत में भाजपा समेत अन्य दलों के नेताओं ने विद्युत विभाग पर मनमानी और अवैध वसूली (illegal recovery of electricity department) करने का आरोप लगाया है.

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मंच पर मौजूद नेता
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Published : Sep 4, 2022, 6:24 PM IST

शामली: जनपद में विद्युत विभाग की मनमानी और अवैध वसूली (illegal recovery of electricity department) के खिलाफ रविवार को सर्वजातीय पंचायत का आयोजन किया गया. पंचायत में वक्ताओं ने विद्युत विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को चेकिंग के नाम पर घरों में नहीं घुसने देने का ऐलान किया. इसके साथ ही नलकूपों से भी विद्युत मीटर हटाने का आह्वान किया गया.

दरअसल, शामली जिले के गांव शेखुपुरा में 17 अगस्त को चेकिंग के लिए गए विद्युत कर्मचारियों का ग्रामीणों द्वारा विरोध किया गया था. इसके बाद विद्युत विभाग के अफसरों ने चार ग्रामीणों को नामजद करते हुए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया था. इसके बाद विद्युत विभाग के अफसरों ने भाजपा के एमएलसी विरेंद्र सिंह पर जबरन फैसला कराने के लिए धमकाने का आरोप लगाते हुए धरना भी दिया था.

मंच से बोलते नेता

उधर, विद्युत विभाग की मनमानी के खिलाफ कैराना की गुर्जर बैल्ट के गांव शेखुपुरा, कंडेला, हिंगोखेडी, भूरा और जगनपुर के ग्रामीणों ने रविवार को कंडेला गांव में पंचायत करने का ऐलान कर दिया था. हालांकि पंचायत से एक दिन पूर्व रात में ही आलाकमान द्वारा भाजपा नेताओं के दबाव में दो विद्युत अफसरों का जिले से बाहर तबादला कर दिया गया था. इसके बावजूद रविवार को कंडेला गांव में विद्युत विभाग की मनमानी और चेकिंग के नाम पर वसूली के आरोप में पंचायत का आयोजन किया गया.

पंचायत की अध्यक्षता गुर्जरों के 84 गांवों के चौधरी रामपाल सिंह ने की. मंच से वक्ताओं ने विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली के खिलाफ जमकर आक्रोश व्यक्त किया. शेखुपुरा गांव के पूर्व प्रधान विलियम चौहान ने पंचायत का एजेंडा बताते हुए कहा कि विद्युत महकमें के लोग हमारी इज्जत उतारने के लिए घरों में घुसने का प्रयास करते हैं. घरों में हमारी मां-बहने भी होती है. उन्होंने कहा कि अब हम चुप नही रहेंगे. चेकिंग के नाम पर आने वाले विद्युतकर्मियों को घरों में घुसने नहीं दिया जाएगा और नलकूपों पर भी विद्युत मीटर नहीं लगने देंगे. इसके अलावा गांवों में पांच-पांच लोगों की संघर्ष समिति बनाकर मनमानी करने वाले सरकारी महकमों के खिलाफ आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी.

यह भी पढ़ें: पुलिस ने किया चालान तो लाइनमैन ने काटी थाने की बिजली, जानें क्या है पूरी सच्चाई

जनता के विरोध से हुआ तबादला
पंचायत में पहुंची कैराना से समाजवादी पार्टी के विधायक नाहिद हसन की छोटी बहन इकरा हसन ने कहा कि यह आम जनता के विरोध की ताकत है कि दोनों विद्युत अफसरों का जिले से बाहर तबादला कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि वे यहां पर जनता के लिए आई हैं.

भाजपा के एमएलसी वीरेंद्र सिंह ने मंच से कुछ लोगों की गई गलत बयानबाजी पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि गांवों में लोग लाइनमैन को पैसे देकर खुद बिजली चोरी करते हैं लेकिन, बाद में वहीं लाइनमैन लोगों को विद्युत चोरी में पकड़वाने का काम करते हैं. उन्होंने कहा कि हमने मुख्यमंत्री से जिले के विद्युत विभाग द्वारा की जा रही मनमानी के खिलाफ शिकायत की थी और उन्होंने सुनवाई करते हुए दोनों अफसरों को जिले से बाहर तबादला कर दिया है.

एमएलसी ने कहा कि यदि ग्रामीण खुद विद्युत चोरी ना करें, तो कोई भी बिजलीकर्मचारी हमारे घरों में नही घुस सकता. उधर, पंचायत के मद्देनजर अधिकारियों द्वारा मौके पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात किए गए थे. उधर, सरकार द्वारा दोनों विद्युत अफसरों का स्थानांतरण करने के बावजूद भी आयोजित की गई पंचायत पर खुफिया विभाग के लोगों ने भी नजरें गड़ाए रखी.

यह भी पढ़ें: शामली में माहौल बिगाड़ने की साजिश, धर्मस्थल पर फेंके मांस के टुकड़े

शामली: जनपद में विद्युत विभाग की मनमानी और अवैध वसूली (illegal recovery of electricity department) के खिलाफ रविवार को सर्वजातीय पंचायत का आयोजन किया गया. पंचायत में वक्ताओं ने विद्युत विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को चेकिंग के नाम पर घरों में नहीं घुसने देने का ऐलान किया. इसके साथ ही नलकूपों से भी विद्युत मीटर हटाने का आह्वान किया गया.

दरअसल, शामली जिले के गांव शेखुपुरा में 17 अगस्त को चेकिंग के लिए गए विद्युत कर्मचारियों का ग्रामीणों द्वारा विरोध किया गया था. इसके बाद विद्युत विभाग के अफसरों ने चार ग्रामीणों को नामजद करते हुए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया था. इसके बाद विद्युत विभाग के अफसरों ने भाजपा के एमएलसी विरेंद्र सिंह पर जबरन फैसला कराने के लिए धमकाने का आरोप लगाते हुए धरना भी दिया था.

मंच से बोलते नेता

उधर, विद्युत विभाग की मनमानी के खिलाफ कैराना की गुर्जर बैल्ट के गांव शेखुपुरा, कंडेला, हिंगोखेडी, भूरा और जगनपुर के ग्रामीणों ने रविवार को कंडेला गांव में पंचायत करने का ऐलान कर दिया था. हालांकि पंचायत से एक दिन पूर्व रात में ही आलाकमान द्वारा भाजपा नेताओं के दबाव में दो विद्युत अफसरों का जिले से बाहर तबादला कर दिया गया था. इसके बावजूद रविवार को कंडेला गांव में विद्युत विभाग की मनमानी और चेकिंग के नाम पर वसूली के आरोप में पंचायत का आयोजन किया गया.

पंचायत की अध्यक्षता गुर्जरों के 84 गांवों के चौधरी रामपाल सिंह ने की. मंच से वक्ताओं ने विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली के खिलाफ जमकर आक्रोश व्यक्त किया. शेखुपुरा गांव के पूर्व प्रधान विलियम चौहान ने पंचायत का एजेंडा बताते हुए कहा कि विद्युत महकमें के लोग हमारी इज्जत उतारने के लिए घरों में घुसने का प्रयास करते हैं. घरों में हमारी मां-बहने भी होती है. उन्होंने कहा कि अब हम चुप नही रहेंगे. चेकिंग के नाम पर आने वाले विद्युतकर्मियों को घरों में घुसने नहीं दिया जाएगा और नलकूपों पर भी विद्युत मीटर नहीं लगने देंगे. इसके अलावा गांवों में पांच-पांच लोगों की संघर्ष समिति बनाकर मनमानी करने वाले सरकारी महकमों के खिलाफ आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी.

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जनता के विरोध से हुआ तबादला
पंचायत में पहुंची कैराना से समाजवादी पार्टी के विधायक नाहिद हसन की छोटी बहन इकरा हसन ने कहा कि यह आम जनता के विरोध की ताकत है कि दोनों विद्युत अफसरों का जिले से बाहर तबादला कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि वे यहां पर जनता के लिए आई हैं.

भाजपा के एमएलसी वीरेंद्र सिंह ने मंच से कुछ लोगों की गई गलत बयानबाजी पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि गांवों में लोग लाइनमैन को पैसे देकर खुद बिजली चोरी करते हैं लेकिन, बाद में वहीं लाइनमैन लोगों को विद्युत चोरी में पकड़वाने का काम करते हैं. उन्होंने कहा कि हमने मुख्यमंत्री से जिले के विद्युत विभाग द्वारा की जा रही मनमानी के खिलाफ शिकायत की थी और उन्होंने सुनवाई करते हुए दोनों अफसरों को जिले से बाहर तबादला कर दिया है.

एमएलसी ने कहा कि यदि ग्रामीण खुद विद्युत चोरी ना करें, तो कोई भी बिजलीकर्मचारी हमारे घरों में नही घुस सकता. उधर, पंचायत के मद्देनजर अधिकारियों द्वारा मौके पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात किए गए थे. उधर, सरकार द्वारा दोनों विद्युत अफसरों का स्थानांतरण करने के बावजूद भी आयोजित की गई पंचायत पर खुफिया विभाग के लोगों ने भी नजरें गड़ाए रखी.

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