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भाजपा से बगावत कर रालोद में आए इस नेता को प्रत्याशी बनाए जाने पर फूटे विरोध के सुर...पढ़िए पूरी खबर

यूपी के शामली में इन दिनों भाजपा से बगावत कर रालोद में शामिल हुए एक नेता को प्रत्याशी बनाए जाने पर विरोध के सुर फूट रहे हैं. रालोद के बड़े नेता हाईकमान के इस फैसले से असंतुष्ट नजर आ रहे हैं.

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भाजपा से बगावत कर रालोद में आए इस नेता को प्रत्याशी बनाए जाने पर फूटे विरोध के सुर...पढ़िए पूरी खबर
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Published : Jan 14, 2022, 8:36 PM IST

शामली: रालोद और सपा गठबंधन ने शामली सीट से प्रत्याशी की घोषणा कर दी है. इस बार यहां से भाजपा से बगावत कर रालोद में शामिल हुए जाट नेता प्रसन्न चौधरी को प्रत्याशी बनाया गया है. ऐसे में टिकट की कतार में लगे रालोद नेता बिजेंद्र मलिक समेत कई बड़े नेताओं ने पार्टी हाईकमान के इस फैसले को लेकर विरोध जताया है. उन्होंने इस संबंध में अपने आवास पर समर्थकों की पंचायत बुलाई.

दरअसल, बीती 19 जून 2021 को भाजपा से बगावत कर प्रसन्न चौधरी रालोद में शामिल हुए थे. पार्टी ने अब उन्हें शामली विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. यह सीट जाट वोटरों का गढ़ मानी जाती है. इसके विरोध में सुर फूटने लगे हैं. शामली विधानसभा में रालोद से टिकट के दावेदारों की कतार में खड़े रालोद के पूर्व प्रत्याशी बिजेंद्र मलिक किवाना ने शुक्रवार को अपने आवास पर समर्थकों की पंचायत बुलाकर इस फैसले को लेकर विरोध जताया.

ये भी पढ़ेंः यूपी की सियासी जमीन से रालोद के सूखे हैंडपंप को इस बार भी पानी की आस....पढ़िए पूरी खबर

पंचायत को संबोधित करते हुए जिला पंचायत सदस्य अरविंद पवार ने कहा कि बिजेन्द्र मलिक और उनके समर्थक पिछले पांच सालों से पार्टी की सेवा कर रहे हैं. पार्टी के संघर्ष में सभी साथ रहे हैं, लेकिन पार्टी ने जिन्हें टिकट दिया वह चौधरी अजीत सिंह के लोकसभा चुनाव में हारने पर मिठाई बांट चुके हैं. चौधरी अजीत सिंह को चुनाव हरवाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. पूर्व विधायक राजेश्वर बंसल ने कहा कि रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने पार्टी के लोगों को बिना विश्वास में लिए ही प्रसन्न चौधरी को टिकट दे दिया. पूर्व प्रत्याशी बिजेन्द्र मलिक ने कहा कि 2017 में जब राष्ट्रीय लोकदल का कोई भी प्रत्याशी बनने को तैयार नहीं था, तब मैंने हार वाला चुनाव लड़ा था. चौधरी अजीत सिंह ने तब मुझसे कहा था कि तुम हार वाला चुनाव लड़ लो...जीत का चुनाव भी तुम ही लड़ोगे. पंचायत में पूर्व विधायक बलवीर मलिक ने कहा कि शीघ्र ही हम लोग एक कमेटी गठित कर आप सभी लोगों को अपना फैसला सुना देंगे.

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गौरतलब है कि शामली विधानसभा में 3.10 लाख वोट हैं. 85 हजार मुस्लिम वोटों के बाद करीब 70 हजार वोटों के साथ जाट बिरादरी का वोट दूसरे स्थान पर है. पंचायत की अध्यक्षता चौधरी महेंद्र सिंह व संचालन विश्वास कुमार ने किया. पंचायत में जिला पंचायत सदस्य रंधावा मलिक, विपिन कुमार, विक्रांत उर्फ छोटा, बाबूराम, भूपेंद्र सिंह, विनोद कुमार, कयूम अली, सुधीर कुमार व आसिफ अली आदि मौजूद थे.

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शामली: रालोद और सपा गठबंधन ने शामली सीट से प्रत्याशी की घोषणा कर दी है. इस बार यहां से भाजपा से बगावत कर रालोद में शामिल हुए जाट नेता प्रसन्न चौधरी को प्रत्याशी बनाया गया है. ऐसे में टिकट की कतार में लगे रालोद नेता बिजेंद्र मलिक समेत कई बड़े नेताओं ने पार्टी हाईकमान के इस फैसले को लेकर विरोध जताया है. उन्होंने इस संबंध में अपने आवास पर समर्थकों की पंचायत बुलाई.

दरअसल, बीती 19 जून 2021 को भाजपा से बगावत कर प्रसन्न चौधरी रालोद में शामिल हुए थे. पार्टी ने अब उन्हें शामली विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. यह सीट जाट वोटरों का गढ़ मानी जाती है. इसके विरोध में सुर फूटने लगे हैं. शामली विधानसभा में रालोद से टिकट के दावेदारों की कतार में खड़े रालोद के पूर्व प्रत्याशी बिजेंद्र मलिक किवाना ने शुक्रवार को अपने आवास पर समर्थकों की पंचायत बुलाकर इस फैसले को लेकर विरोध जताया.

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पंचायत को संबोधित करते हुए जिला पंचायत सदस्य अरविंद पवार ने कहा कि बिजेन्द्र मलिक और उनके समर्थक पिछले पांच सालों से पार्टी की सेवा कर रहे हैं. पार्टी के संघर्ष में सभी साथ रहे हैं, लेकिन पार्टी ने जिन्हें टिकट दिया वह चौधरी अजीत सिंह के लोकसभा चुनाव में हारने पर मिठाई बांट चुके हैं. चौधरी अजीत सिंह को चुनाव हरवाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. पूर्व विधायक राजेश्वर बंसल ने कहा कि रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने पार्टी के लोगों को बिना विश्वास में लिए ही प्रसन्न चौधरी को टिकट दे दिया. पूर्व प्रत्याशी बिजेन्द्र मलिक ने कहा कि 2017 में जब राष्ट्रीय लोकदल का कोई भी प्रत्याशी बनने को तैयार नहीं था, तब मैंने हार वाला चुनाव लड़ा था. चौधरी अजीत सिंह ने तब मुझसे कहा था कि तुम हार वाला चुनाव लड़ लो...जीत का चुनाव भी तुम ही लड़ोगे. पंचायत में पूर्व विधायक बलवीर मलिक ने कहा कि शीघ्र ही हम लोग एक कमेटी गठित कर आप सभी लोगों को अपना फैसला सुना देंगे.

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गौरतलब है कि शामली विधानसभा में 3.10 लाख वोट हैं. 85 हजार मुस्लिम वोटों के बाद करीब 70 हजार वोटों के साथ जाट बिरादरी का वोट दूसरे स्थान पर है. पंचायत की अध्यक्षता चौधरी महेंद्र सिंह व संचालन विश्वास कुमार ने किया. पंचायत में जिला पंचायत सदस्य रंधावा मलिक, विपिन कुमार, विक्रांत उर्फ छोटा, बाबूराम, भूपेंद्र सिंह, विनोद कुमार, कयूम अली, सुधीर कुमार व आसिफ अली आदि मौजूद थे.

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