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विधायक नाहिद हसन और प्रशासन के बीच टकराव टला, शांत रहा कैराना

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Published : Nov 3, 2020, 12:29 AM IST

शामली में पुलिस उत्पीड़न को लेकर जेल भरो आंदोलन का बिगुल फूंकने वाले सपा विधायक नाहिद हसन और पुलिस प्रशासन के बीच टकराव टल गया है. आंदोलन के ऐलान के बाद क्षेत्र के हालातों के मद्देनजर चप्पे-चप्पे पर फोर्स की तैनाती के चलते कैराना पूरी तरह से शांत रहा. विधायक ने पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ राज्यपाल के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है.

सपा विधायक नाहिद हसन की नहीं हुई गिरफ्तारी.
सपा विधायक नाहिद हसन की नहीं हुई गिरफ्तारी.

शामली: सोमवार को कैराना से समाजवादी पार्टी के विधायक चौधरी नाहिद हसन के पुलिस के उत्पीड़न के खिलाफ जेल भरो आंदोलन के आह्वान को लेकर समर्थकों के बीच खासा जोश देखने को मिला. सुबह से ही नगर व ग्रामीण क्षेत्रों से समर्थकों की भीड़ के विधायक के आवास पर जुट गए. ये देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से कड़े इंतजाम किए. पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर बैरियर लगा दिए थे. हालांकि दोनों पक्षों की सूझबूझ के चलते शांतिभंग के हालात नहीं बन पाए. विधायक ने घर से निकलकर एसडीएम को ज्ञापन दिया, जिसके बाद विधायक के उनके समर्थक वापस लौट गए. पुलिस ने भी विधायक को गिरफ्तार नहीं किया.

सपा विधायक नाहिद हसन.
सपा विधायक नाहिद हसन.
राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपाजेल भरो आंदोलन के चलते हजारों समर्थक कैराना में विधायक के आवास तक भी पहुंच गए थे. विधायक ने समर्थकों को समझाबुझाकर शांति करते हुए राज्यपाल के नाम एसडीएम कैराना को ज्ञापन पत्र दिया गया. इस दौरान विधायक की मां एवं पूर्व सांसद तबस्सुम हसन भी मौजूद रहीं. ज्ञापन दिए जाने के बाद विधायक और प्रशासन के बीच टकराव भी होने से टल गया. भले ही विधायक के जेल भरो आंदोलन को लेकर हजारों समर्थकों की भीड़ जुटी हो, लेकिन कैराना पूरी तरह से शांत रहा. इससे प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है.
सपा विधायक नाहिद हसन की नहीं हुई गिरफ्तारी.
सपा विधायक नाहिद हसन की नहीं हुई गिरफ्तारी.
हमेशा लड़ेंगे इंसाफ व मान-सम्मान की लड़ाई
विधायक नाहिद हसन ज्ञापन देने से पूर्व मोहल्ला आलदरम्यान में ही स्थित चबूतरे पर अपने समर्थकों के बीच पहुंचे. इस दौरान विधायक ने कहा कि वह क्षेत्र की जनता के साथ में ज्यादती कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. आरोप लगाया कि यहां पुलिस द्वारा गरीब एवं पीड़ितों पर जुल्म किया गया है. उन्होंने कहा कि वें अपनी जनता के लिए जेल जाने को तैयार हैं, लेकिन उत्पीड़न सहन नहीं किया जाएगा. विधायक ने कहा कि वह हमेशा न्याय और मान-सम्मान की लड़ाई लड़ते रहेंगे.
कैराना विधायक का जेल भरो आंदोलन समाप्त.
कैराना विधायक का जेल भरो आंदोलन समाप्त.
ज्ञापन में आरोप लगाए तो मांगें भी रखीविधायक ने राज्यपाल के नाम दिए ज्ञापन में पुलिस पर आरोप भी लगाए हैं और कई मांगें भी रखी है. ज्ञापन में उन्होंने आरोप लगाया कि जहानपुरा में एक ग्रामीण को थाने की हवालात में बंद करके पुलिस द्वारा 20 हजार रूपये में दो दिन बाद छोड़ा गया. बारातियों के साथ हुई मारपीट के प्रकरण में पीड़ित को ही कैराना कोतवाल द्वारा अवैध हिरासत में रखा गया. गांव मन्नाजरा रसे महिलाओं को उठाया गया.

विधायक ने ज्ञापन में कहा कि जनता के उत्पीड़न को लेकर उनके द्वारा कोतवाली प्रभारी से दूरभाष पर वार्ता की गई, लेकिन उत्पीड़न बंद नहीं हुआ. जब वह पीड़ितों की संतुष्टि के लिए कोतवाली पहुंचे, तो उनके साथ में अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया और विधानसभा सदस्य होने के नाते विशेष अधिकारों का भी उल्लंघन किया गया. उन पर और 30-40 समर्थकों पर मुकदमा दर्ज किया गया, यह फर्जी है. उन्होंने उपरोक्त प्रकरणों की जांच कराकर पीड़ितों को दिलाया जाए तथा कोतवाली प्रभारी के विरूद्ध जांच कराने के साथ ही उनका स्थानांतरण किए जाने, उन पर दर्ज एफआईआर को समाप्त कराए जाने के साथ-साथ विशेष अधिकारों के हनन एवं अमर्यादित भाष का प्रयोग करने की जांच हेतु उप्र विधानसभा अध्यक्ष को पत्र प्रेषित करने की मांग की है.

कैसे आंदोलन तक पहुंची नौबत
गत 29 अक्टूबर को विधायक नाहिद हसन कुछ लोगों के साथ में कैराना कोतवाली पहुंचे थे. जहां कुछ मामलों को लेकर उनकी कोतवाली प्रभारी निरीक्षक से नोकझोंक हो गई थी. मौके पर सीओ ने पहुंचकर आश्वासन देते हुए मामला शांत कराया था. विधायक ने सीओ को मामलों से अवगत कराते हुए पीड़ितों को ही जेल भेजने व उनकी बोली लगाने जैसे संगीन आरोप लगाए थे. विधायक ने उसी दिन शाम को प्रेसवार्ता कर जेल भरो आंदोलन का ऐलान कर दिया था. हालांकि, कोतवाली में घटित मामले को लेकर पुलिस की ओर से विधायक व उनके समर्थकों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया हुआ है.

डीएम व एसपी ने डेरा डाला
जेल भरो आंदोलन को लेकर डीएम जसजीत कौर व एसपी नित्यानंद रॉय सुबह के समय कोतवाली में पहुंच गए। वह कोतवाली से ही क्षेत्र के हालातों के बारे में जायता लेते रहे और अधीनस्थ अमले को आवश्यक दिशा—निर्देश जारी करते रहे. उधर, एडीएम अरविंद कुमार सिंह ने बाजार का भ्रमण करते हुए विधायक के आवास पर की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया.

अब तक का घटनाक्रम
29 अक्टूबर: सपा विधायक ने दोपहर के समय समर्थकों के साथ कैराना कोतवाली पहुंचकर पुलिस पर निर्दोषों पर कार्रवाई करने का आरोप लगाया था. इस दौरान पुलिस से विधायक की नोकझोंक भी हुई थी.

29 अक्टूबर: शाम के समय विधायक ने कैराना स्थित अपने आवास पर प्रेसवार्ता करते हुए दो नवंबर को जेल भरो आंदोलन की चेतावनी दी थी.

29 अक्तूबर: रात के समय थाने पर हुए हंगामें के मामले में पुलिस ने विधायक समेत उनके 30-40 समर्थकों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था.

31 अक्टूबर: विधायक ने 50 हजार समर्थकों के साथ धरना व गिरफ्तारी देने की अनुमति हेतु उपजिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में पत्र दिया.

31 अक्टूबर: भाजपा के दो स्थानीय नेताओं ने विधायक पर पलटवार किया। साथ ही, कानून व्यवस्था के उल्लंघन की कोशिश का आरोप लगाया.

31 अक्टूबर: विधायक को अपने सेलर में 50 हजार समर्थकों के साथ धरना व गिरफ्तारी देने की अनुमति न दिए जाने के उपजिला मजिस्ट्रेट ने आदेश दिए.

01 नवंबर: विधायक की जेल भरो आंदोलन की चेतावनी को लेकर पब्लिक इंटर कॉलेज में पुलिस व पीएसी ने दंगा नियंत्रण ड्रिल किया. एसपी ने फोर्स के साथ फ्लैग मार्च किया.

01 नवंबर: विधायक ने जेल भरो आंदोलन के लिए दिनभर क्षेत्र का दौरा कर लोगों से समर्थन जुटाया. साथ ही, समर्थकों से शांतिपूर्ण विरोध करने की अपील की.

02 नवंबर: विधायक द्वारा ज्ञापन देने के बाद जेल भरो आंदोलन मामला शांत हो गया.

शामली: सोमवार को कैराना से समाजवादी पार्टी के विधायक चौधरी नाहिद हसन के पुलिस के उत्पीड़न के खिलाफ जेल भरो आंदोलन के आह्वान को लेकर समर्थकों के बीच खासा जोश देखने को मिला. सुबह से ही नगर व ग्रामीण क्षेत्रों से समर्थकों की भीड़ के विधायक के आवास पर जुट गए. ये देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से कड़े इंतजाम किए. पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर बैरियर लगा दिए थे. हालांकि दोनों पक्षों की सूझबूझ के चलते शांतिभंग के हालात नहीं बन पाए. विधायक ने घर से निकलकर एसडीएम को ज्ञापन दिया, जिसके बाद विधायक के उनके समर्थक वापस लौट गए. पुलिस ने भी विधायक को गिरफ्तार नहीं किया.

सपा विधायक नाहिद हसन.
सपा विधायक नाहिद हसन.
राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपाजेल भरो आंदोलन के चलते हजारों समर्थक कैराना में विधायक के आवास तक भी पहुंच गए थे. विधायक ने समर्थकों को समझाबुझाकर शांति करते हुए राज्यपाल के नाम एसडीएम कैराना को ज्ञापन पत्र दिया गया. इस दौरान विधायक की मां एवं पूर्व सांसद तबस्सुम हसन भी मौजूद रहीं. ज्ञापन दिए जाने के बाद विधायक और प्रशासन के बीच टकराव भी होने से टल गया. भले ही विधायक के जेल भरो आंदोलन को लेकर हजारों समर्थकों की भीड़ जुटी हो, लेकिन कैराना पूरी तरह से शांत रहा. इससे प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है.
सपा विधायक नाहिद हसन की नहीं हुई गिरफ्तारी.
सपा विधायक नाहिद हसन की नहीं हुई गिरफ्तारी.
हमेशा लड़ेंगे इंसाफ व मान-सम्मान की लड़ाईविधायक नाहिद हसन ज्ञापन देने से पूर्व मोहल्ला आलदरम्यान में ही स्थित चबूतरे पर अपने समर्थकों के बीच पहुंचे. इस दौरान विधायक ने कहा कि वह क्षेत्र की जनता के साथ में ज्यादती कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. आरोप लगाया कि यहां पुलिस द्वारा गरीब एवं पीड़ितों पर जुल्म किया गया है. उन्होंने कहा कि वें अपनी जनता के लिए जेल जाने को तैयार हैं, लेकिन उत्पीड़न सहन नहीं किया जाएगा. विधायक ने कहा कि वह हमेशा न्याय और मान-सम्मान की लड़ाई लड़ते रहेंगे.
कैराना विधायक का जेल भरो आंदोलन समाप्त.
कैराना विधायक का जेल भरो आंदोलन समाप्त.
ज्ञापन में आरोप लगाए तो मांगें भी रखीविधायक ने राज्यपाल के नाम दिए ज्ञापन में पुलिस पर आरोप भी लगाए हैं और कई मांगें भी रखी है. ज्ञापन में उन्होंने आरोप लगाया कि जहानपुरा में एक ग्रामीण को थाने की हवालात में बंद करके पुलिस द्वारा 20 हजार रूपये में दो दिन बाद छोड़ा गया. बारातियों के साथ हुई मारपीट के प्रकरण में पीड़ित को ही कैराना कोतवाल द्वारा अवैध हिरासत में रखा गया. गांव मन्नाजरा रसे महिलाओं को उठाया गया.

विधायक ने ज्ञापन में कहा कि जनता के उत्पीड़न को लेकर उनके द्वारा कोतवाली प्रभारी से दूरभाष पर वार्ता की गई, लेकिन उत्पीड़न बंद नहीं हुआ. जब वह पीड़ितों की संतुष्टि के लिए कोतवाली पहुंचे, तो उनके साथ में अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया और विधानसभा सदस्य होने के नाते विशेष अधिकारों का भी उल्लंघन किया गया. उन पर और 30-40 समर्थकों पर मुकदमा दर्ज किया गया, यह फर्जी है. उन्होंने उपरोक्त प्रकरणों की जांच कराकर पीड़ितों को दिलाया जाए तथा कोतवाली प्रभारी के विरूद्ध जांच कराने के साथ ही उनका स्थानांतरण किए जाने, उन पर दर्ज एफआईआर को समाप्त कराए जाने के साथ-साथ विशेष अधिकारों के हनन एवं अमर्यादित भाष का प्रयोग करने की जांच हेतु उप्र विधानसभा अध्यक्ष को पत्र प्रेषित करने की मांग की है.

कैसे आंदोलन तक पहुंची नौबत
गत 29 अक्टूबर को विधायक नाहिद हसन कुछ लोगों के साथ में कैराना कोतवाली पहुंचे थे. जहां कुछ मामलों को लेकर उनकी कोतवाली प्रभारी निरीक्षक से नोकझोंक हो गई थी. मौके पर सीओ ने पहुंचकर आश्वासन देते हुए मामला शांत कराया था. विधायक ने सीओ को मामलों से अवगत कराते हुए पीड़ितों को ही जेल भेजने व उनकी बोली लगाने जैसे संगीन आरोप लगाए थे. विधायक ने उसी दिन शाम को प्रेसवार्ता कर जेल भरो आंदोलन का ऐलान कर दिया था. हालांकि, कोतवाली में घटित मामले को लेकर पुलिस की ओर से विधायक व उनके समर्थकों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया हुआ है.

डीएम व एसपी ने डेरा डाला
जेल भरो आंदोलन को लेकर डीएम जसजीत कौर व एसपी नित्यानंद रॉय सुबह के समय कोतवाली में पहुंच गए। वह कोतवाली से ही क्षेत्र के हालातों के बारे में जायता लेते रहे और अधीनस्थ अमले को आवश्यक दिशा—निर्देश जारी करते रहे. उधर, एडीएम अरविंद कुमार सिंह ने बाजार का भ्रमण करते हुए विधायक के आवास पर की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया.

अब तक का घटनाक्रम
29 अक्टूबर: सपा विधायक ने दोपहर के समय समर्थकों के साथ कैराना कोतवाली पहुंचकर पुलिस पर निर्दोषों पर कार्रवाई करने का आरोप लगाया था. इस दौरान पुलिस से विधायक की नोकझोंक भी हुई थी.

29 अक्टूबर: शाम के समय विधायक ने कैराना स्थित अपने आवास पर प्रेसवार्ता करते हुए दो नवंबर को जेल भरो आंदोलन की चेतावनी दी थी.

29 अक्तूबर: रात के समय थाने पर हुए हंगामें के मामले में पुलिस ने विधायक समेत उनके 30-40 समर्थकों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था.

31 अक्टूबर: विधायक ने 50 हजार समर्थकों के साथ धरना व गिरफ्तारी देने की अनुमति हेतु उपजिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में पत्र दिया.

31 अक्टूबर: भाजपा के दो स्थानीय नेताओं ने विधायक पर पलटवार किया। साथ ही, कानून व्यवस्था के उल्लंघन की कोशिश का आरोप लगाया.

31 अक्टूबर: विधायक को अपने सेलर में 50 हजार समर्थकों के साथ धरना व गिरफ्तारी देने की अनुमति न दिए जाने के उपजिला मजिस्ट्रेट ने आदेश दिए.

01 नवंबर: विधायक की जेल भरो आंदोलन की चेतावनी को लेकर पब्लिक इंटर कॉलेज में पुलिस व पीएसी ने दंगा नियंत्रण ड्रिल किया. एसपी ने फोर्स के साथ फ्लैग मार्च किया.

01 नवंबर: विधायक ने जेल भरो आंदोलन के लिए दिनभर क्षेत्र का दौरा कर लोगों से समर्थन जुटाया. साथ ही, समर्थकों से शांतिपूर्ण विरोध करने की अपील की.

02 नवंबर: विधायक द्वारा ज्ञापन देने के बाद जेल भरो आंदोलन मामला शांत हो गया.

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