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पुलवामा एक साल: पिता उतारते हैं शहीद बेटे की आरती, माथा टेकने के लिए आते हैं लोग

उत्तर प्रदेश के शामली में पुलवामा हमले में शहीद हुए अमित कोरी की शहादत को एक साल बीत चुका है. शहीद के घर को उनके गांव के लोगों ने मंदिर की तरह पूजना शुरू कर दिया है.

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पिता उतारते हैं शहीद की आरती.
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Published : Feb 14, 2020, 5:45 AM IST

शामली: देश के लिए शहीद होना गर्व की बात है, लेकिन इससे भी बड़ा गर्व सिर्फ वो शख्स महसूस कर सकता है, जो किसी शहीद का पिता हो. पुलवामा हमले में शहीद शामली के अमित कोरी के पिता को भी अपने बेटे पर नाज है, क्योंकि बेटे के कारण लोगों ने उनके घर को मंदिर की तरह पूजना शुरू कर दिया है. सड़क से गुजरने वाले लोग यहां माथा टेककर ही आगे बढ़ते हैं. पिता अपने शहीद बेटे की आरती के बाद ही अपनी दिनचर्या शुरू करते हैं.

चित्र के सामने जलता रहता है दीपक
पुलवामा हमले में शहीद हुए अमित कोरी का घर शामली के कुड़ाना रोड़ पर स्थित हैं. परिवार के लोग बताते हैं कि शहीद अमित कोरी की वजह से समाज में उन्हें विशेष मान-सम्मान मिलता है. बाहर सड़क से गुजरने वाले लोग घर पर माथा टेककर आगे बढ़ते हैं. घर पर शहीद के चित्र के सामने घी का दीपक जलता रहता है. परिवार के लोग रोजाना शहीद की पूजा आरती के बाद ही अपने काम शुरू करते हैं.

पिता उतारते हैं शहीद की आरती.

सरकार से खुश है शहीद का परिवार
शहीद का परिवार सरकार और स्थानीय जिला प्रशासन से खुश हैं, क्योंकि अमित कोरी की शहादत के बाद सरकार और स्थानीय जिला प्रशासन ने जो वादे किए थे, वह सभी पूरे हो गए हैं. परिवार को आर्थिक मदद में भी कोई परेशानी सामने नहीं आई. अधिकारी भी परिवार की शिकायतों पर फौरन सुनवाई करते हैं. प्रदेश सरकार द्वारा शहीद के छोटे भाई को सरकारी नौकरी भी दे दी गई है.

शीघ्र बनकर तैयार होगा शहीद स्मारक
पुलवामा हमले में शहादत हासिल करने वाले अमित कोरी के परिजनों ने अंतिम संस्कार के दौरान सरकार से बेटे के नाम पर स्मारक बनवाने की मांग की थी. उस दौरान स्थानीय जिला प्रशासन द्वारा घर के पास ही शहीद स्मारक के लिए जमीन उपलब्ध करा दी थी. वर्तमान में इस जमीन पर शहीद का स्मारक बनकर लगभग तैयार हो चुका है. परिवार के लोग शीघ्र ही इस स्मारक का उद्घाटन कराने की भी सोच रहे हैं.

इसे भी पढ़ें: मोहब्बत को सलाम : पत्नी की याद में फौजी पति ने बनवा दिया मंदिर

शामली: देश के लिए शहीद होना गर्व की बात है, लेकिन इससे भी बड़ा गर्व सिर्फ वो शख्स महसूस कर सकता है, जो किसी शहीद का पिता हो. पुलवामा हमले में शहीद शामली के अमित कोरी के पिता को भी अपने बेटे पर नाज है, क्योंकि बेटे के कारण लोगों ने उनके घर को मंदिर की तरह पूजना शुरू कर दिया है. सड़क से गुजरने वाले लोग यहां माथा टेककर ही आगे बढ़ते हैं. पिता अपने शहीद बेटे की आरती के बाद ही अपनी दिनचर्या शुरू करते हैं.

चित्र के सामने जलता रहता है दीपक
पुलवामा हमले में शहीद हुए अमित कोरी का घर शामली के कुड़ाना रोड़ पर स्थित हैं. परिवार के लोग बताते हैं कि शहीद अमित कोरी की वजह से समाज में उन्हें विशेष मान-सम्मान मिलता है. बाहर सड़क से गुजरने वाले लोग घर पर माथा टेककर आगे बढ़ते हैं. घर पर शहीद के चित्र के सामने घी का दीपक जलता रहता है. परिवार के लोग रोजाना शहीद की पूजा आरती के बाद ही अपने काम शुरू करते हैं.

पिता उतारते हैं शहीद की आरती.

सरकार से खुश है शहीद का परिवार
शहीद का परिवार सरकार और स्थानीय जिला प्रशासन से खुश हैं, क्योंकि अमित कोरी की शहादत के बाद सरकार और स्थानीय जिला प्रशासन ने जो वादे किए थे, वह सभी पूरे हो गए हैं. परिवार को आर्थिक मदद में भी कोई परेशानी सामने नहीं आई. अधिकारी भी परिवार की शिकायतों पर फौरन सुनवाई करते हैं. प्रदेश सरकार द्वारा शहीद के छोटे भाई को सरकारी नौकरी भी दे दी गई है.

शीघ्र बनकर तैयार होगा शहीद स्मारक
पुलवामा हमले में शहादत हासिल करने वाले अमित कोरी के परिजनों ने अंतिम संस्कार के दौरान सरकार से बेटे के नाम पर स्मारक बनवाने की मांग की थी. उस दौरान स्थानीय जिला प्रशासन द्वारा घर के पास ही शहीद स्मारक के लिए जमीन उपलब्ध करा दी थी. वर्तमान में इस जमीन पर शहीद का स्मारक बनकर लगभग तैयार हो चुका है. परिवार के लोग शीघ्र ही इस स्मारक का उद्घाटन कराने की भी सोच रहे हैं.

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