शामली: संवैधानिक आरक्षण मोर्चा की ओर से बनत में महापंचायत का आयोजन किया गया. वक्ताओं ने कश्यप समाज की 17 उपजातियों को आरक्षण नहीं मिलने पर बीजेपी सरकार को निशाने पर लिया. महापंचायत में आरक्षण नहीं तो वोट नहीं का नारे देते हुए समाज से एकजुट होने का आह्वान किया.
आरक्षण जन जागरण यात्रा पहुंची बनगत
संवैधानिक आरक्षण मोर्चा के तत्वाधान में एक फरवरी को माता शाकुंभरी देवी मंदिर से आरक्षण जन जागरण यात्रा शुरू की गई है. यह यात्रा 23 मार्च को दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहुंचेगी. बुधवार को यह यात्रा शामली जिले के बनत कस्बे में पहुंची. यहां पर कश्यप समाज के लोगों ने यात्रा का स्वागत किया. इसके बाद पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत बनत में कश्यप समाज की महापंचायत भी हुई. महापंचायत में 17 जातियों के आरक्षण की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ रोष प्रकट किया.
आरक्षण नहीं तो वोट नहीं: राकेश कुमार
महापंचायत में मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश कुमार कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इलाहाबाद की रैली में समाज को आरक्षण देने का वादा किया था. वर्ष 2014 में बीजेपी के नितिन गड़करी और सुषमा स्वराज ने भी मछुआ विजन पेश करते हुए मछुवा समुदाय को पूरे देश में अनुसूचित जाति का आरक्षण देने की बात कही थी. लेकिन आज केंद्र और प्रदेश में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार है. इसके बावजूद भी इन जातियों को संविधान में लिखा अनुसूचित जाति का आरक्षण नहीं दिया जा रहा है. जबकि इस समुदाय ने 2014, 2017 और 2019 में शत प्रतिशत वोट बीजेपी को दिया है. राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि यदि बीजेपी 2022 चुनाव से पहले समाज के लिए आरक्षण की घोषणा नहीं की तो यें 17 जातियां बीजेपी को सत्ता से बेदखल करेंगी.
बीजेपी नेताओं से नहीं करेंगे बात
मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक इंजीनियर देवेन्द्र कश्यप ने कहा कि वर्ष 2012 में योगी आदित्यनाथ ने कश्यप, निषाद सहित 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का मुद्दा सदन में उठाया था. उस दौरान वे गोरखपुर से सांसद थे, लेकिन अब वे मुख्यमंत्री है. इसके बावजूद भी सरकार कश्यप समाज की सुनवाई नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि महापंचायत में लिए गए निर्णय के अनुसार जब तक बीजेपी समाज के लिए आरक्षण नहीं लाती तब तक वोट मांगने पहुंचने वाले बीजेपी नेताओं से भी कोई बात नहीं की जाएगी.