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किसान आंदोलन की आड़ में 1984 जैसे दंगे कराने की थी साजिश: नंद किशोर गुर्जर

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Published : Feb 3, 2021, 10:25 PM IST

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत द्वारा गंभीर आरोप लगाने के बाद अब लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर भी हमलावर हो गए हैं. उन्होंने कहा कि टिकैत ने देश के इतिहास को कलंकित किया है. किसान आंदोलन की आड़ में देश में 1984 जैसे दंगे कराने की साजिश की गई थी, जिसकी अब जांच हो रही है. गुर्जर ने कहा कि जो लोग देशद्रोह में वांटेड हैं, वें अब अपनी जान बचाने के लिए किसानों को गुमराह कर रहे हैं.

नंद किशोर गुर्जर ने कसा तंज.
नंद किशोर गुर्जर ने कसा तंज.

शामली: गाजियाबाद के लोनी से विधायक नंद किशोर गुर्जर बुधवार को शामली में स्वर्गीय सांसद हुकुम सिंह की प्रतिमा अनावरण पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे थे. यहां पर उन्होंने मीडिया के सामने किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले चौधरी राकेश टिकैत को आड़े हाथों लिया. विधायक ने कहा कि टिकैत माफी मांगने के लिए अपने लोगों को उनके पास भेज रहे हैं, लेकिन गुर्जर और जाट बिरादरी के बीच माहौल बिगाड़ने की साजिश करने वाले टिकैत को सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की जरूरत है.

गुर्जर बोले 'टिकैत बीमार, देशद्रोह में वांटेड'
बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने कहा कि टिकैत जिस तरह से बयानबाजी कर रहे हैं, उन्हें डॉक्टर के पास एडमिट कराना चाहिए. राकेश टिकैत ने गुर्जर और जाट समाज के बीच माहौल बिगाड़ने का काम किया है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि अगर यह साबित हो जाए कि मैं आंदोलन में गया हूं, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा, लेकिन अगर टिकैत ने झूठ बोला है, तो वो सार्वजनिक रूप से देश से माफी मांगे. बड़े शर्म की बात है कि इतने बड़े आंदोलन को चलाने वाले लोग आंदोलन को किस दिशा में ले जाएंगे. लाल किले पर जो देश का अपमान हुआ है, उसे देश के लोग नहीं भूल सकते. लोगों के बक्कल पाड़ देंगे...जैसे शब्द बोलकर उन्होंने लोगों को उकसाने में भूमिका निभाई है. जो देशद्रोह में वांटेड हैं, वो अब अपनी जान बचाने के लिए हमारे लिए ऐसी बात कर रहे हैं.

'दो-दो हजार रूपए में कुछ भी बोल देते हैं'
बीजेपी विधायक ने कहा कि चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत एक भोले किसान थे और वो किसानों की लड़ाई लड़ते थे, लेकिन अब उनकी आत्मा को भी दुख पहुंचा होगा. उन्होंने कहा कि ये दंगा-बवाल कराना अच्छी बात नहीं है. किसानों का आंदोलन शातिपूर्ण तरीके से चलाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत मेरे से बड़ा किसान नहीं है, मुझसे आधी जमीन भी उसके पास नहीं होगी.

पहले देश का अपमान, अब खालिस्तानियों की पैरवी
विधायक ने कहा कि सरकार किसानों की मदद कर रही है. सारे किसान यह समझ गए हैं, लेकिन कुछ पार्टियों के लोग नहीं समझ पा रहे हैं. पहली बार किसान इन कानूनों के द्वारा आजाद हुआ है, लेकिन ये लोग इन कानूनों के बारे में बात ही नही करेंगे. ये लोग उनको छोड़ने के लिए बोलते हैं, जिन्होंने लाल किले पर खालिस्तान का झंडा फहराया. इस तिरंगे के लिए लाखों लोगों ने शहादत दी. उन्होंने बताया कि टिकैत ने देश को बांटने का काम किया है. इन्होंने इतिहास को कलंकित किया है. इतिहास इन्हें सबक सिखाएंगा. ये किसानों का धरना नहीं है. पॉलिटिकल पार्टी के चार लोग मौके पर जाकर बैठ गए हैं.

1984 जैसा दंगा कराने की थी साजिश
विधायक नंद किशोर गुर्जर ने कहा कि दुनिया जानती है कि मोदी, शाह और राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान का दिमाग ठीक कर दिया, चीन भी दुनिया के सामने रो रहा है. अगर ये लोग किसानों के भेष में दिल्ली के अंदर ना घुसते तो, किसी की हिम्मत नहीं थी कि तिरंगे को हाथ लगा देते. किसानों के लिए सरकार के दिल में बहुत जगह है. कुछ लोग 84 जैसी घटना कराना चाहते थे, उसकी अब जांच हो रही है.

शामली: गाजियाबाद के लोनी से विधायक नंद किशोर गुर्जर बुधवार को शामली में स्वर्गीय सांसद हुकुम सिंह की प्रतिमा अनावरण पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे थे. यहां पर उन्होंने मीडिया के सामने किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले चौधरी राकेश टिकैत को आड़े हाथों लिया. विधायक ने कहा कि टिकैत माफी मांगने के लिए अपने लोगों को उनके पास भेज रहे हैं, लेकिन गुर्जर और जाट बिरादरी के बीच माहौल बिगाड़ने की साजिश करने वाले टिकैत को सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की जरूरत है.

गुर्जर बोले 'टिकैत बीमार, देशद्रोह में वांटेड'
बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने कहा कि टिकैत जिस तरह से बयानबाजी कर रहे हैं, उन्हें डॉक्टर के पास एडमिट कराना चाहिए. राकेश टिकैत ने गुर्जर और जाट समाज के बीच माहौल बिगाड़ने का काम किया है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि अगर यह साबित हो जाए कि मैं आंदोलन में गया हूं, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा, लेकिन अगर टिकैत ने झूठ बोला है, तो वो सार्वजनिक रूप से देश से माफी मांगे. बड़े शर्म की बात है कि इतने बड़े आंदोलन को चलाने वाले लोग आंदोलन को किस दिशा में ले जाएंगे. लाल किले पर जो देश का अपमान हुआ है, उसे देश के लोग नहीं भूल सकते. लोगों के बक्कल पाड़ देंगे...जैसे शब्द बोलकर उन्होंने लोगों को उकसाने में भूमिका निभाई है. जो देशद्रोह में वांटेड हैं, वो अब अपनी जान बचाने के लिए हमारे लिए ऐसी बात कर रहे हैं.

'दो-दो हजार रूपए में कुछ भी बोल देते हैं'
बीजेपी विधायक ने कहा कि चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत एक भोले किसान थे और वो किसानों की लड़ाई लड़ते थे, लेकिन अब उनकी आत्मा को भी दुख पहुंचा होगा. उन्होंने कहा कि ये दंगा-बवाल कराना अच्छी बात नहीं है. किसानों का आंदोलन शातिपूर्ण तरीके से चलाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत मेरे से बड़ा किसान नहीं है, मुझसे आधी जमीन भी उसके पास नहीं होगी.

पहले देश का अपमान, अब खालिस्तानियों की पैरवी
विधायक ने कहा कि सरकार किसानों की मदद कर रही है. सारे किसान यह समझ गए हैं, लेकिन कुछ पार्टियों के लोग नहीं समझ पा रहे हैं. पहली बार किसान इन कानूनों के द्वारा आजाद हुआ है, लेकिन ये लोग इन कानूनों के बारे में बात ही नही करेंगे. ये लोग उनको छोड़ने के लिए बोलते हैं, जिन्होंने लाल किले पर खालिस्तान का झंडा फहराया. इस तिरंगे के लिए लाखों लोगों ने शहादत दी. उन्होंने बताया कि टिकैत ने देश को बांटने का काम किया है. इन्होंने इतिहास को कलंकित किया है. इतिहास इन्हें सबक सिखाएंगा. ये किसानों का धरना नहीं है. पॉलिटिकल पार्टी के चार लोग मौके पर जाकर बैठ गए हैं.

1984 जैसा दंगा कराने की थी साजिश
विधायक नंद किशोर गुर्जर ने कहा कि दुनिया जानती है कि मोदी, शाह और राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान का दिमाग ठीक कर दिया, चीन भी दुनिया के सामने रो रहा है. अगर ये लोग किसानों के भेष में दिल्ली के अंदर ना घुसते तो, किसी की हिम्मत नहीं थी कि तिरंगे को हाथ लगा देते. किसानों के लिए सरकार के दिल में बहुत जगह है. कुछ लोग 84 जैसी घटना कराना चाहते थे, उसकी अब जांच हो रही है.

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