सहारनपुर: कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णन ने सहारनपुर के देवबंद में दिल्ली विधानसभा चुनाव नतीजों को लेकर बड़ा बयान दिया है. प्रमोद कृष्णन ने कहा कि जो सनातन का झंडा हाथ में लेकर चलेगा वही सत्ता के सिंहासन पर बैठेगा. AAP संयोजक अरविन्द केजरीवाल कुछ दिनों से सनातन विरोधी नेताओं के पास चले गए थे. जिनमें से अखिलेश यादव और राहुल गांधी की ये चौकड़ी वामपंथियों की विचारधारा पर चल रहे हैं. ये वामपंथी लोग सनातन को खत्म करना चाहते हैं. दिल्ली में बीजेपी की प्रचंड जीत पीएम मोदी के विश्वास की जीत है. आप और कांग्रेस की करारी हार पर कहा कि चुनाव में हार-जीत होती रहती है. जो सभी को स्वीकार करनी चाहिए.
देश में कोई गारंटी है तो वह मोदी की गारंटी है
बता दें कि आचार्य प्रमोद कृष्णन शनिवार को फतवों की नगरी देवबंद में एक निजी कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इस दौरान उन्होंने दिल्ली में भाजपा की जीत और कांग्रेस व आम आदमी पार्टी की हार पर प्रतिक्रिया दी है. आचार्य प्रमोद कृष्णन ने कहा कि आप की लुटिया डुबोने में खुद केजरीवाल एक बड़ा कारण है. दिल्ली की जनता ने पीएम मोदी की गारंटी पर यकीन किया है. देश में अगर कोई गारंटी है तो वह नरेंद्र मोदी की गारंटी है. दिल्ली की जनता ने जो फैसला किया है उसका सभी को सम्मान करना चाहिए.
इंडिया गठबंधन का था बेमेल विवाह
इंडिया गठबंधन को लेकर कृष्णन ने कहा कि INDIA गठबंधन बहुत ही "बेमेल विवाह" था, ये टूटा नहीं, INDIA गठबंधन की नीतीश कुमार ने तेरहवीं की", "राहुल गांधी ने श्राद्ध किया" और "अरविंद केजरीवाल ने उसका तर्पण किया है. दिल्ली से कांग्रेस के सफाए के सवाल पर आचार्य ने कहा कि जब तक राहुल गांधी कांग्रेस में हैं, तब तक कांग्रेस का कुछ नहीं हो सकता और राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी से कोई नहीं हटा सकता. ये मोदी की जीत है, ये मोदी का जादू है, ये लोगों के दिलो-दिमाग में जोर-शोर से बोल रहा है. ये किसी की जीत नहीं है, यह सिर्फ मोदी की जीत है, ये भारत के लोकतंत्र की जीत है.
राहुल गांधी सांसद पद से दें इस्तीफा
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले ही विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनाव में धांधली का आरोप लगाने पर उन्होंने कहा कि "अंगूर खट्टे हैं" राहुल गांधी ने अब ये भी कहा है कि ईवीएम में गड़बड़ी है. जब फैसला राहुल गांधी के हक में होता है तो वह कहते हैं कि भारत में लोकतंत्र जिंदा है और जब फैसला उनके पक्ष में नहीं आता तो वह कहते हैं कि लोकतंत्र मर चुका है. ये लोग रोज लोकतंत्र की हत्या करते हैं और रोज उसे जिंदा करते हैं. मेरा राहुल गांधी से सवाल है कि पहले राहुल गांधी बताएं कि "लोकतंत्र जिंदा है या मर चुका है". अगर लोकतंत्र मर चुका है तो आप संसद में क्यों बैठे हैं? सांसद पद से इस्तीफा क्यों नहीं दे देते ?
यह भी पढ़ें : दिल्ली-मिल्कीपुर की जीत के बाद भाजपा प्रदेश कार्यालय में जमकर आतिशबाजी, नेताओं ने कहा- विपक्ष की डूब रही राजनीति