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किसानों ने गांवों में भाजपाइयों की एंट्री पर लगाया बैन, चस्पा किए पोस्टर

किसान आंदोलन में सरकार के रूख से आक्रोशित शामली जिले के किसानों ने अब अपना विरोध दर्ज कराने के लिए नया तरीका इजाद किया है. जनपद के दो गांवों के किसानों ने गांव के अंदर भाजपा नेताओं की एंट्री पर बैन लगाते हुए इस संबंध में पोस्टर भी चस्पा कर दिए हैं. पोस्टर के माध्यम से बीजेपी नेताओं को सख्त चेतावनी भी दी गई है.

शामली के गांव में बीजेपी नेताओं की एंट्री बंद
शामली के गांव में बीजेपी नेताओं की एंट्री बंद
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Published : Feb 1, 2021, 2:02 PM IST

शामलीः किसान आंदोलन में शामिल होने वाले लोग सरकार और स्थानीय प्रशासन की सख्ती से नाराज हैं. इसके चलते शामली जिले के दो गांवों में किसानों ने पोस्टर चस्पा कर अपना विरोध दर्ज कराया है. पोस्टर में भाजपा नेताओं को गांव के अंदर ना घुसने की सख्त चेतावनी दी गई है.


दरअसल, किसान आंदोलन की आड़ में दिल्ली में हिंसक घटनाएं करने वालों पर शिकंजा कसा जा रहा है. इसको लेकर पंचायतों का दौर भी चल रहा है. शामली जिले में पूर्व में किसान आंदोलन को हवा देने वाले लोगों पर प्रशासनिक सख्ती भी देखने को मिल चुकी है, हालांकि जिले में किसानों के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई है. इसके बाद भी किसानों में सरकार के खिलाफ आक्रोश फैला हुआ है, जो अब गांवों में भी दिखाई देने लगा है.

शामली के गांव में बीजेपी नेताओं की एंट्री बंद
इन गांवों में चस्पा किए गए पोस्टर
शामली जिले की ऊन तहसील क्षेत्र के गांव पिंडौरा जहांगीरपुर और कैराना तहसील क्षेत्र के गांव कसेरवा कलां में इन दिनों विभिन्न स्थानों पर चस्पा किए गए पोस्टर सुर्खियों में हैं. इन पोस्टर पर चौधरी चरण सिंह व चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के फोटो लगे हैं. पोस्टरों में किसान आंदोलन के तहत सरकार और बीजेपी के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया गया है. साथ ही चेतावनी भरे लहजे में बीजेपी नेताओं की गांव के अंदर एंट्री पर बैन होने की जानकारी भी दी गई है.


बीजेपी का विरोध क्यों ?
कसरेवा कलां गांव में रहने वाले किसान राजन देशवाल ने बताया कि हम बीजेपी सरकार का विरोध इसलिए कर रहे हैं कि यह सरकार किसानों के खिलाफ तीन काले कानून लेकर आई है. सरकार प्रदर्शन कर रहे किसानों पर लाठी चलवा रही है. किसान ने बताया कि 'सीधी सी बात है...जो हमारा साथ देगा, हम भी उनका साथ देंगे, जो हमारे साथ नही है...हम भी उनके साथ नही हैं.'

राजन देशवाल ने कहा कि बीजेपी सरकार से नाराजगी इसलिए भी है कि वें 14 दिनों में गन्ना पेमेंट का दावा कर रहे थे, लेकिन अब 14 महीनों तक भी किसानों को भुगतान नहीं मिल पा रहा है. सरकार किसानों की आय बढ़ाने की बात कर रही थी, लेकिन विभिन्न माध्यमों से किसानों पर महंगाई और कर थोप दिए गए हैं. युवा किसान रवि देशवाल ने बताया कि ये कानून भाजपा ही लेकर आई है और भाजपा ही इन्हें वापस लेगी. आक्रोश इसलिए है कि सरकार किसानों को किसी भी तरह से समर्थन नहीं दे रही है.

शामलीः किसान आंदोलन में शामिल होने वाले लोग सरकार और स्थानीय प्रशासन की सख्ती से नाराज हैं. इसके चलते शामली जिले के दो गांवों में किसानों ने पोस्टर चस्पा कर अपना विरोध दर्ज कराया है. पोस्टर में भाजपा नेताओं को गांव के अंदर ना घुसने की सख्त चेतावनी दी गई है.


दरअसल, किसान आंदोलन की आड़ में दिल्ली में हिंसक घटनाएं करने वालों पर शिकंजा कसा जा रहा है. इसको लेकर पंचायतों का दौर भी चल रहा है. शामली जिले में पूर्व में किसान आंदोलन को हवा देने वाले लोगों पर प्रशासनिक सख्ती भी देखने को मिल चुकी है, हालांकि जिले में किसानों के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई है. इसके बाद भी किसानों में सरकार के खिलाफ आक्रोश फैला हुआ है, जो अब गांवों में भी दिखाई देने लगा है.

शामली के गांव में बीजेपी नेताओं की एंट्री बंद
इन गांवों में चस्पा किए गए पोस्टर
शामली जिले की ऊन तहसील क्षेत्र के गांव पिंडौरा जहांगीरपुर और कैराना तहसील क्षेत्र के गांव कसेरवा कलां में इन दिनों विभिन्न स्थानों पर चस्पा किए गए पोस्टर सुर्खियों में हैं. इन पोस्टर पर चौधरी चरण सिंह व चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के फोटो लगे हैं. पोस्टरों में किसान आंदोलन के तहत सरकार और बीजेपी के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया गया है. साथ ही चेतावनी भरे लहजे में बीजेपी नेताओं की गांव के अंदर एंट्री पर बैन होने की जानकारी भी दी गई है.


बीजेपी का विरोध क्यों ?
कसरेवा कलां गांव में रहने वाले किसान राजन देशवाल ने बताया कि हम बीजेपी सरकार का विरोध इसलिए कर रहे हैं कि यह सरकार किसानों के खिलाफ तीन काले कानून लेकर आई है. सरकार प्रदर्शन कर रहे किसानों पर लाठी चलवा रही है. किसान ने बताया कि 'सीधी सी बात है...जो हमारा साथ देगा, हम भी उनका साथ देंगे, जो हमारे साथ नही है...हम भी उनके साथ नही हैं.'

राजन देशवाल ने कहा कि बीजेपी सरकार से नाराजगी इसलिए भी है कि वें 14 दिनों में गन्ना पेमेंट का दावा कर रहे थे, लेकिन अब 14 महीनों तक भी किसानों को भुगतान नहीं मिल पा रहा है. सरकार किसानों की आय बढ़ाने की बात कर रही थी, लेकिन विभिन्न माध्यमों से किसानों पर महंगाई और कर थोप दिए गए हैं. युवा किसान रवि देशवाल ने बताया कि ये कानून भाजपा ही लेकर आई है और भाजपा ही इन्हें वापस लेगी. आक्रोश इसलिए है कि सरकार किसानों को किसी भी तरह से समर्थन नहीं दे रही है.

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