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शामली: अब दिल्ली-सहारनपुर वाया शामली रेलमार्ग पर होगा इलेक्ट्रिक सिग्नल का प्रयोग

दिल्ली-सहारनपुर वाया शामली रेलमार्ग पर मैनुअल सिग्नल प्रणाली के स्थान पर अब इलेक्ट्रिक सिग्नल का प्रयोग होने लगेगा. अभी तक इस रेलवे मार्ग पर करीब डेढ़ सौ साल पुरानी मैनुअल सिग्नल प्रणाली से ही ट्रेनों का संचालन हो रहा है. यह रेलवे प्रणाली देश के अधिकांश रेलमार्गों से कब की खत्म हो चुकी है.

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शामली रेलमार्ग पर होगा इलैक्ट्रिक सिग्नल का प्रयोग.
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Published : Jan 22, 2020, 6:09 AM IST

शामली: उत्तर रेलवे के दिल्ली-सहारनपुर वाया शामली रेलमार्ग पर मैनुअल सिग्नल प्रणाली अब इतिहास बनने जा रही है. मैनुअल सिग्नल प्रणाली के स्थान पर अब इलेक्ट्रिक सिग्नल का प्रयोग होने लगेगा. इससे रेलगाडियों के संचालन में समय की काफी बचत होगी. ट्रेनों को काफी देर तक एक ही स्टेशन पर रोकने की समस्या भी खत्म हो जाएगी.

शामली रेलमार्ग पर होगा इलैक्ट्रिक सिग्नल का प्रयोग.

दिल्ली-सहारनपुर वाया शामली रेलवे मार्ग पर पुरानी मैनुअल सिग्नल प्रणाली को अपग्रेड करने का काम शुरू हो गया है. इसके तहत अब रेलमार्ग पर इलेक्ट्रिक सिग्नल के माध्यम से रेलगाड़ियों का संचालन शुरू हो जाएगा. अभी तक इस रेलवे मार्ग पर करीब डेढ़ सौ साल पुरानी मैनुअल सिग्नल प्रणाली से ही ट्रेनों का संचालन हो रहा है.

यह रेलवे प्रणाली देश के अधिकांश रेलमार्गों से कब की खत्म हो चुकी है. इलेक्ट्रिक सिग्नल लगने से मैनुअल टोकन प्रणाली खत्म हो जाएगी. इससे ट्रेनों के संचालन में समय की भी बचत होगी. स्टेशन मास्टर अपने कक्ष में बैठकर ही गाडियों को चलाने या रोकने के संकेत दे सकेंगे.

अभी टोकन से चलती हैं रेलगाडियां
इस रेलमार्ग पर अभी भी पुरानी मैनुअल सिग्नल प्रणाली से रेलगाडियों का संचालन हो रहा है. इस प्रणाली के तहत रेलवे स्टेशन पर दो मशीनें लगाई जाती हैं. इन मशीनों से जिस दिशा में गाड़ी जानी होती है, उसके लिए लोहे का गोलानुमा टोकन निकाला जाता है. इस टोकन को स्टेशन का एक व्यक्ति ट्रेन चालक को देता है. अगले स्टेशन पर चालक टोकन को लौटाकर ट्रेन को आगे बढ़ाने के लिए दूसरा टोकन प्राप्त करता है.

शीघ्र खत्म हो जाएगी समस्या
दिल्ली-सहारनपुर वाया शामली रेलमार्ग पर शाहदरा और टपरी के बीच पुरानी टोकन प्रणाली का स्थान शीघ्र ही इलेक्ट्रिक सिग्नल ले लेंगे. उत्तर रेलवे के डीआरएम ने इसके लिए निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. अगले कुछ महीनों में सेक्शन पर इलेक्ट्रिक सिग्नल सिस्टम का काम चालू हो जाने की संभावना है. इस नई प्रणाली से एक निश्चित दूरी पर ही गाड़ियों का संचालन किया जा सकेगा.

उत्तर रेलवे दिल्ली मंडल के डीआरएम एमसी जैन ने बताया कि दिल्ली-सहारनपुर वाया शामली रेलमार्ग पर पुराने सिग्नलिंग सिस्टम को नए सिग्निलिंग सिस्टम में तब्दील करने का प्रयास किया जा रहा है. हम नोली से लेकर शामली तक के सेक्शन पर एडवांस सिग्नलिंग सिस्टम लगाकर, इंटरलॉकिंग चेंज कर सेफ्टी को बढ़ावा देने के लिए उस पर कार्य चालू करने जा रहे हैं.

शामली: उत्तर रेलवे के दिल्ली-सहारनपुर वाया शामली रेलमार्ग पर मैनुअल सिग्नल प्रणाली अब इतिहास बनने जा रही है. मैनुअल सिग्नल प्रणाली के स्थान पर अब इलेक्ट्रिक सिग्नल का प्रयोग होने लगेगा. इससे रेलगाडियों के संचालन में समय की काफी बचत होगी. ट्रेनों को काफी देर तक एक ही स्टेशन पर रोकने की समस्या भी खत्म हो जाएगी.

शामली रेलमार्ग पर होगा इलैक्ट्रिक सिग्नल का प्रयोग.

दिल्ली-सहारनपुर वाया शामली रेलवे मार्ग पर पुरानी मैनुअल सिग्नल प्रणाली को अपग्रेड करने का काम शुरू हो गया है. इसके तहत अब रेलमार्ग पर इलेक्ट्रिक सिग्नल के माध्यम से रेलगाड़ियों का संचालन शुरू हो जाएगा. अभी तक इस रेलवे मार्ग पर करीब डेढ़ सौ साल पुरानी मैनुअल सिग्नल प्रणाली से ही ट्रेनों का संचालन हो रहा है.

यह रेलवे प्रणाली देश के अधिकांश रेलमार्गों से कब की खत्म हो चुकी है. इलेक्ट्रिक सिग्नल लगने से मैनुअल टोकन प्रणाली खत्म हो जाएगी. इससे ट्रेनों के संचालन में समय की भी बचत होगी. स्टेशन मास्टर अपने कक्ष में बैठकर ही गाडियों को चलाने या रोकने के संकेत दे सकेंगे.

अभी टोकन से चलती हैं रेलगाडियां
इस रेलमार्ग पर अभी भी पुरानी मैनुअल सिग्नल प्रणाली से रेलगाडियों का संचालन हो रहा है. इस प्रणाली के तहत रेलवे स्टेशन पर दो मशीनें लगाई जाती हैं. इन मशीनों से जिस दिशा में गाड़ी जानी होती है, उसके लिए लोहे का गोलानुमा टोकन निकाला जाता है. इस टोकन को स्टेशन का एक व्यक्ति ट्रेन चालक को देता है. अगले स्टेशन पर चालक टोकन को लौटाकर ट्रेन को आगे बढ़ाने के लिए दूसरा टोकन प्राप्त करता है.

शीघ्र खत्म हो जाएगी समस्या
दिल्ली-सहारनपुर वाया शामली रेलमार्ग पर शाहदरा और टपरी के बीच पुरानी टोकन प्रणाली का स्थान शीघ्र ही इलेक्ट्रिक सिग्नल ले लेंगे. उत्तर रेलवे के डीआरएम ने इसके लिए निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. अगले कुछ महीनों में सेक्शन पर इलेक्ट्रिक सिग्नल सिस्टम का काम चालू हो जाने की संभावना है. इस नई प्रणाली से एक निश्चित दूरी पर ही गाड़ियों का संचालन किया जा सकेगा.

उत्तर रेलवे दिल्ली मंडल के डीआरएम एमसी जैन ने बताया कि दिल्ली-सहारनपुर वाया शामली रेलमार्ग पर पुराने सिग्नलिंग सिस्टम को नए सिग्निलिंग सिस्टम में तब्दील करने का प्रयास किया जा रहा है. हम नोली से लेकर शामली तक के सेक्शन पर एडवांस सिग्नलिंग सिस्टम लगाकर, इंटरलॉकिंग चेंज कर सेफ्टी को बढ़ावा देने के लिए उस पर कार्य चालू करने जा रहे हैं.

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उत्तर रेलवे के दिल्ली—सहारनपुर वाया शामली रेलमार्ग पर मैनुअल सिग्नल प्रणाली अब इतिहास बनने जा रही है. इसके स्थान पर अब इलैक्ट्रिक सिग्नल का प्रयोग होने लगेगा. इससे रेलगाडियों के संचालन में समय की काफी बचत होगी. ट्रेनों को काफी देर तक एक ही स्टेशन पर रोकने की समस्या भी खत्म हो जाएगी.Body:
शामली: दिल्ली—सहारनपुर वाया शामली रेलवे मार्ग पर पुरानी मैनुअल सिग्नल प्रणाली को अपग्रेड करने का काम शुरू हो गया है. इसके तहत अब रेलमार्ग पर इलैक्ट्रिक सिग्नल के माध्यम से रेलगाड़ियों का संचालन शुरू हो जाएगा.

क्या है पूरा मामला?
. उत्तर रेलवे ने शामली—सहारनपुर वाया शामली रेलमार्ग पर इलैक्ट्रिक सिग्नल लगाने का काम शुरू कर रहा है.

. अभी तक इस रेलवे मार्ग पर करीब डेढ़ सौ साल पुरानी मैनुअल सिग्नल प्रणाली से ही ट्रेनों का संचालन हो रहा है.

. यह रेलवे प्रणाली देश के अधिकांश रेलमार्गों से कब की खत्म हो चुकी है.

. इलैक्ट्रिक सिग्नल लगने से मैनुअल टोकन प्रणाली खत्म हो जाएगी, इससे ट्रेनों के संचालन में समय की भी बचत होगी.

. स्टेशन मास्टर अपने कक्ष में बैठकर ही गाडियों को चलाने या रोकने के संकेत दे सकेंगे.

अभी टोकन से चलती हैं रेलगाडियां
इस रेलमार्ग पर अभी भी पुरानी मैनुअल सिग्नल प्रणाली से रेलगाडियों का संचालन हो रहा है. इस प्रणाली के तहत रेलवे स्टेशन पर दो मशीनें लगाई जाती हैं. इन मशीनों से जिस दिशा में गाड़ी जानी होती है, उसके लिए लोहे का गोलानुमा टोकन निकाला जाता है. इस टोकन को स्टेशन का एक व्यक्ति ट्रेन चालक को देता है. अगले स्टेशन पर चालक टोकन को लौटाकर ट्रेन को आगे बढ़ाने के लिए दूसरा टोकन प्राप्त करता है.

शीघ्र खत्म हो जाएगी समस्या
दिल्ली—सहारनपुर वाया शामली रेलमार्ग पर शाहदरा और टपरी के बीच पुरानी टोकन प्रणाली का स्थान शीघ्र ही इलैक्ट्रिक सिग्नल ले लेंगे. उत्तर रेलवे के डीआरएम ने इसके लिए निरीक्षण कर आवश्यक दिशा—निर्देश जारी कर दिए हैं. अगले कुछ महीनों में सेक्शन पर इलैक्ट्रिक सिग्नल सिस्टम का काम चालू हो जाने की संभावना है. इस नई प्रणाली से एक निश्चित दूरी पर ही गाड़ियों का संचालन किया जा सकेगा.Conclusion:
इन्होंने कहा—
दिल्ली—सहारनपुर वाया शामली रेलमार्ग पर पुराने सिग्नलिंग सिस्टम को नए सिग्निलिंग सिस्टम में तब्दील करने का प्रयास किया जा रहा है. हम नोली से लेकर शामली तक के सेक्शन पर एडवांस सिग्नलिंग सिस्टम लगाकर, इंटरलॉकिंग चेंज कर सेफ्टी को बढ़ावा देने के लिए उस पर कार्य चालू करने जा रहे हैं.
— एमसी जैन, डीआरएम, उत्तर रेलवे दिल्ली मंडल

बाइट: एमसी जैन, डीआरएम, उत्तर रेलवे दिल्ली मंडल

नोट: खबर रैप से रेडी पैकेज के रूप में भेजी गई है।

रिपोर्टर: सचिन शर्मा
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