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खनन माफियाओं की करतूत से तबाही के मुहाने पर दो गांवों के हजारों लोग

यूपी के शामली में खनन माफियाओं की करतूत दो गांवों के हजारों लोगों पर भारी पड़ सकती है. ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि यमुना नदी में अवैध खनन के चलते उन्हें बाढ़ के हालातों का सामना करना पड़ सकता है.

यमुना नदी में खनन की अनुमति नहीं देने की मांग.
यमुना नदी में खनन की अनुमति नहीं देने की मांग.
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Published : Dec 23, 2021, 3:39 PM IST

शामली: जिले के बल्हैडा और पठेड़ गांव के लोगों ने एसडीएम कैराना से शिकायत करते हुए बल्हेडा गांव के पास यमुना नदी में खनन की अनुमति नहीं देने की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि खनन के चलते उनके गांवों में बाढ़ आ सकती है.

दरअसल, जिले की कैराना तहसील क्षेत्र के गांव बल्हेडा में कई बार बालू खनन पट्टे आवंटित किए जा चुके हैं. आरोप है कि इन खनन पट्टे पर बड़ी-बड़ी मशीनों से यमुना नदी से रेत निकाला जाता है. इसके चलते मौके पर काफी गहराई हो गई है. बल्हैडा और पठेड़ गांव दर्जनों लोग बुधवार को कैराना तहसील पहुंचकर एसडीएम से शिकायत की. ग्रामीणों ने एसडीएम से कहा कि कि बल्हेडा में खनन पट्टा चलने से दोनों गांवों की ओर काफी गहराई हो गई है.

यमुना नदी में खनन की अनुमति नहीं देने की मांग.

ऐसे में यदि यमुना नदी में जलवृद्धि होगी तो बांध टूटने का खतरा बढ़ जाएगा. ग्रामीणों ने कहा कि यदि आने वाले समय में मौके पर खनन का पट्टा आवंटित हुआ तो यमुना में पानी आने पर गहराई अधिक होने के चलते बांध टूट जाएगा और यमुना नदी का पानी दोनों गांवों में घुस जाएगा. ऐसे में ग्रामीणों को बरसात के मौसम में बाढ़ के रूप में भारी हानि उठानी पड़ सकती है.

इसे भी पढ़ें-शामली में कोरोना पॉजिटिव मिला शिक्षक, स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप

एसडीएम से शिकायत करने के लिए पहुंचे पठेड़ गांव के किसान राजकुमार समेत अन्य ग्रामीणों ने बताया कि कुछ खनन मफिया बल्हेडा गांव की सीमा पर खनन की अनुमति लेने की कोशिशें कर रहे हैं. यदि मौके पर खनन की अनुमति दी गई, तो बल्हेडा और पठेड़ गांव तबाह और बर्बाद हो जाएंगे. ग्रामीणों ने मांग की है कि मौके पर रेत खनन की कोई अनुमति न दी जाए. यदि कोई खनन की अनुमति के लिए आवेदन कर रहा है, तो जनहित में उसको निरस्त किया जाए.

शामली: जिले के बल्हैडा और पठेड़ गांव के लोगों ने एसडीएम कैराना से शिकायत करते हुए बल्हेडा गांव के पास यमुना नदी में खनन की अनुमति नहीं देने की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि खनन के चलते उनके गांवों में बाढ़ आ सकती है.

दरअसल, जिले की कैराना तहसील क्षेत्र के गांव बल्हेडा में कई बार बालू खनन पट्टे आवंटित किए जा चुके हैं. आरोप है कि इन खनन पट्टे पर बड़ी-बड़ी मशीनों से यमुना नदी से रेत निकाला जाता है. इसके चलते मौके पर काफी गहराई हो गई है. बल्हैडा और पठेड़ गांव दर्जनों लोग बुधवार को कैराना तहसील पहुंचकर एसडीएम से शिकायत की. ग्रामीणों ने एसडीएम से कहा कि कि बल्हेडा में खनन पट्टा चलने से दोनों गांवों की ओर काफी गहराई हो गई है.

यमुना नदी में खनन की अनुमति नहीं देने की मांग.

ऐसे में यदि यमुना नदी में जलवृद्धि होगी तो बांध टूटने का खतरा बढ़ जाएगा. ग्रामीणों ने कहा कि यदि आने वाले समय में मौके पर खनन का पट्टा आवंटित हुआ तो यमुना में पानी आने पर गहराई अधिक होने के चलते बांध टूट जाएगा और यमुना नदी का पानी दोनों गांवों में घुस जाएगा. ऐसे में ग्रामीणों को बरसात के मौसम में बाढ़ के रूप में भारी हानि उठानी पड़ सकती है.

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एसडीएम से शिकायत करने के लिए पहुंचे पठेड़ गांव के किसान राजकुमार समेत अन्य ग्रामीणों ने बताया कि कुछ खनन मफिया बल्हेडा गांव की सीमा पर खनन की अनुमति लेने की कोशिशें कर रहे हैं. यदि मौके पर खनन की अनुमति दी गई, तो बल्हेडा और पठेड़ गांव तबाह और बर्बाद हो जाएंगे. ग्रामीणों ने मांग की है कि मौके पर रेत खनन की कोई अनुमति न दी जाए. यदि कोई खनन की अनुमति के लिए आवेदन कर रहा है, तो जनहित में उसको निरस्त किया जाए.

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