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शामली में पगड़ी को लेकर विवाद, 11 गांवों की हुई पंचायत - यूपी न्यूज

यूपी के शामली में एक रिटायर्ड पुलिसकर्मी को गठवाला खाप के थांबेदार की पगड़ी पहनाने के मामले ने तूल पकड़ लिया. विरोध में खाप के 11 गांव के चौधरियों के नेतृत्व में एक पंचायत बुलाई गई. पंचायत में थांबेदार की पगड़ी को अमान्य घोषित कर दिया गया.

शामली में पगड़ी को लेकर विवाद.
शामली में पगड़ी को लेकर विवाद.
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Published : Nov 21, 2021, 10:40 PM IST

शामली: जिले में गठवाला खाप के 11 गांवों के चौधरियों की एक पंचायत हसनपुर गांव में हुई. दरअसल, पिछले दिनों हसनपुर गांव के एक रिटायर्ड पुलिसकर्मी को खाप थांबेदार की पगड़ी पहनाई गई थी. पंचायत में थांबेदार की पगड़ी का विरोध करते हुए उसे अमान्य घोषित किया गया.

ये भी पढ़ेंः पूर्व मंत्री स्वामी चिन्मयानंद बोले-कंगना रनौत ने ठीक कहा, हमें आजादी 2014 में ही मिली...



दरअसल, शामली कोतवाली क्षेत्र के गांव हसनपुर में पिछले दिनों एक पंचायत हुई थी. बताया जा रहा है कि पंचायत में गांव के एक रिटायर्ड पुलिसकर्मी महिपाल को गांव से गठवाला खाप थांबेदार के रूप में पगड़ी पहनाई गई थी, जब इसकी सूचना गठवाला खाप के अन्य गांवों में पहुंची, तो इसका विरोध शुरू हो गया.

रविवार को हसनपुर गांव में 11 गांवों के चौधरियों की मौजूदगी में खाप के संभ्रांत लोगों की एक पंचायत बुलाई गई. पंचायत में गठवाला खाप के चौधरी बाबा राजेंद्र मलिक भी मौजूद रहे. पंचायत में हसनपुर गांव से रिटायर्ड पुलिसकर्मी को थांबेदार की पगड़ी पहनाए जाने का विरोध किया गया.


विरोध के चलते 11 लोगों की कमेटी बनाई गई. खाप चौधरी बाबा राजेंद्र मलिक ने बताया कि कमेटी ने निर्णय लिया है कि 250 साल पहले से अब तक हसनपुर गांव में थांबेदार की पगड़ी नही थी और न आगे होगी. उन्होंने बताया कि पंचायत द्वारा पगड़ी को अमान्य घोषित कर दिया गया है.

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शामली: जिले में गठवाला खाप के 11 गांवों के चौधरियों की एक पंचायत हसनपुर गांव में हुई. दरअसल, पिछले दिनों हसनपुर गांव के एक रिटायर्ड पुलिसकर्मी को खाप थांबेदार की पगड़ी पहनाई गई थी. पंचायत में थांबेदार की पगड़ी का विरोध करते हुए उसे अमान्य घोषित किया गया.

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दरअसल, शामली कोतवाली क्षेत्र के गांव हसनपुर में पिछले दिनों एक पंचायत हुई थी. बताया जा रहा है कि पंचायत में गांव के एक रिटायर्ड पुलिसकर्मी महिपाल को गांव से गठवाला खाप थांबेदार के रूप में पगड़ी पहनाई गई थी, जब इसकी सूचना गठवाला खाप के अन्य गांवों में पहुंची, तो इसका विरोध शुरू हो गया.

रविवार को हसनपुर गांव में 11 गांवों के चौधरियों की मौजूदगी में खाप के संभ्रांत लोगों की एक पंचायत बुलाई गई. पंचायत में गठवाला खाप के चौधरी बाबा राजेंद्र मलिक भी मौजूद रहे. पंचायत में हसनपुर गांव से रिटायर्ड पुलिसकर्मी को थांबेदार की पगड़ी पहनाए जाने का विरोध किया गया.


विरोध के चलते 11 लोगों की कमेटी बनाई गई. खाप चौधरी बाबा राजेंद्र मलिक ने बताया कि कमेटी ने निर्णय लिया है कि 250 साल पहले से अब तक हसनपुर गांव में थांबेदार की पगड़ी नही थी और न आगे होगी. उन्होंने बताया कि पंचायत द्वारा पगड़ी को अमान्य घोषित कर दिया गया है.

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