शामली: जिले के खेड़ी खुशनाम गांव में पिछले चार दिनों से खुदाई के दौरान सिक्के निकलने का शोर मचा हुआ था. सोशल मीडिया पर इससे संबंधित सूचनाएं प्रसारित होने पर पुरातत्व विभाग की टीम जांच के लिए खेडी खुशनाम पहुंची. टीम में शामिल अफसरों ने संबंधित स्थल की गहनता से जांच-पड़ताल की, लेकिन वहां पर खजाने से जुड़े कोई संकेत नहीं मिले. ग्रामीणों और खेत मालिक ने भी टीम को सिक्कों के बारे में जानकारी नहीं होने की बात कही.
खुदाई में तुगलक काल के सिक्के मिलने का दावा. यह है पूरा मामलाझिंझाना थाना क्षेत्र की चौसाना पुलिस चौकी के अंतर्गत आने वाले गांव खेड़ी खुशनाम में तीन दिन पूर्व खेत में खुदाई के दौरान खजाना निकलने की सूचना तेजी से फैल रही थी. जिला प्रशासन के अफसरों ने मौके पर पहुंचकर जांच की थी, लेकिन उस दौरान खेत मालिक और मजदूरों ने खेत से खजाना निकलने से इनकार कर दिया था. वहीं कुछ लोग मौके से कुछ सिक्के बरामद होने का दावा करते हुए सोशल मीडिया पर तस्वीरें भेज रहे थे. मामले की जानकारी लगने पर पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की टीम अधीक्षक पुरातत्वविद डीवी गणनायक के नेतृत्व में शामली जनपद पहुंची. टीम ने गांव खेडी खुशनाम में पहुंचकर मौके पर गहनता से जांच-पड़ताल की.
नहीं मिला खजानापुरातत्व विभाग की टीम ने ग्रामीणों से बातचीत की और खजाने के संबंध में जानकारी जुटाई, लेकिन ग्रामीणों ने खजाने की जानकारी होने से इनकार कर दिया. इसके बाद इंसाद राणा नाम के एक शख्स ने टीम को एक चांदी का सिक्का उपलब्ध कराया, लेकिन उक्त सिक्के के खुदाई के दौरान मौके से प्राप्त होने की पुष्टि नहीं हुई है. टीम ने सिक्के की जांच-पड़ताल करते हुए उसके 1320 से 1350वीं शताब्दी के होने की आशंका जताई, जिसे मुहम्मद बिन तुगलक काल का बताया जा रहा है. टीम ने सिक्के की जांच-पड़ताल के बाद उसे वापस लौटाते हुए धारक को सिक्के को नहीं बेचने की हिदायत भी दी.
दो दिन में बन गया मकानजिला स्तरीय अधिकारियों की जांच-पड़ताल में यह भी सामने आया है कि जहां से खजाना निकलने की बात बताई जा रही है, वहां पर दो दिनों के भीतर ही मकान बनाकर खड़ा कर दिया गया है. अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस ने गांव के कुछ लोगों के नाम-पते भी नोट करते हुए उन्हें पूछताछ के लिए थाने पर बुलाया है.
जिस जगह पर खजाना निकलने की बात बताई जा रही है, वह जगह पुरातात्विक नहीं है, लेकिन सोशल मीडिया पर खजाना निकलने की बात फैल रही है.
-डीवी गणनायक अधीक्षक पुरातत्विद, पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग