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शाहजहांपुर के सफाई कर्मचारी ने जीता वेटलिफ्टिंग में गोल्ड मेडल

शाहजहांपुर के पंचायती राज विभाग में सफाई कर्मचारी के पद पर तैनात अजय ने रूस में हुए पावरलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया है. अजय ने विदेशी धरती पर भारत का झंडा लहरा कर देश का नाम रोशन किया है.

सफाई कर्मचारी ने जीता गोल्ड मेडल.
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Published : Oct 29, 2019, 5:33 AM IST

Updated : Sep 4, 2020, 3:10 PM IST

शाहजहांपुर : जिले के अजय ने रूस के मास्को में हुए पावरलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया है. अजय के गोल्ड मेडल जीतने के बाद उनके पूरे गांव में खुशी का माहौल है. मास्को में गोल्ड जीतने वाले अजय पंचायती राज विभाग में सफाई कर्मचारी के पद पर तैनात है. वहीं अजय को भी नाज है कि उसने गोल्ड मेडल जीतकर अपने देश का नाम रोशन किया है.

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सफाई कर्मचारी ने जीता गोल्ड मेडल.

गोल्ड मेडल जीतने से गांव में खुशी का माहौल

मास्को में पावर लिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने के बाद उनके गांव महाउ महेश में खुशी का माहौल है. परिवार को जैसे ही खबर मिली कि अजय ने मास्को में पावर लिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया है, वैसे ही परिवार के लोगों ने मिठाई बांटकर और आतिशबाजी करके जश्न मनाया.

अजय के गोल्ड मेडल जीतने के बाद जिले के लोगों में अलग ही रौनक देखने को मिली. वहीं जब ये खबर अजय के पिता को पता चली तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े. सिधौली में एक छोटे से जिम में अजय वेटलिफ्टिंग की प्रैक्टिस करते थे. अब तक वह कई राज्य स्तरीय पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम कर चुके थे, लेकिन उनकी तमन्ना थी कि एक बार वह वर्ल्ड कप में हिस्सा लेकर देश का नाम रोशन करें.

26 और 27 अक्टूबर को मॉस्को में हुई पावर लिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में अजय ने 400 किलो का वजन उठाकर गोल्ड मेडल का खिताब अपने नाम कर लिया. आज मास्को में अजय को इस बात पर गर्व है कि उन्होंने विदेशी धरती पर भारत का तिरंगा लहराया है.

इसे भी पढ़ें-रूस की याना को भा गई भारत की सभ्यता, 'अब वापस जाने का मन नहीं करता'

अजय का परिवार आर्थिक रूप से बेहद कमजोर है, लेकिन उनके जुनून ने उन्हें पावरलिफ्टिंग वर्ल्ड कप चैंपियनशिप के लिए मास्को में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप तक पहुंचा दिया. खास बात यह है कि अजय के परिवार की तीन बेटियां भी पावर लिफ्टिंग में ब्लॉक स्तर पर चैंपियन हैं और अब वो अजय की तरह वर्ल्ड चैंपियन बनना चाहती हैं. आज पूरा परिवार बेहद खुश है तो वहीं उनके पिता की आंखों में खुशी के आंसू भी हैं.

अजय ने अपनी मेहनत और लगन से रूस में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का झंडा लहराया है. उन्होंने एक छोटे से जिम में प्रैक्टिस करके यह मुकाम हासिल किया है. ऐसे में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि अगर सरकार अपने स्तर से अजय को प्रशिक्षित करे तो कई और गोल्ड मेडल अजय के नाम आ सकते हैं.

शाहजहांपुर : जिले के अजय ने रूस के मास्को में हुए पावरलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया है. अजय के गोल्ड मेडल जीतने के बाद उनके पूरे गांव में खुशी का माहौल है. मास्को में गोल्ड जीतने वाले अजय पंचायती राज विभाग में सफाई कर्मचारी के पद पर तैनात है. वहीं अजय को भी नाज है कि उसने गोल्ड मेडल जीतकर अपने देश का नाम रोशन किया है.

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सफाई कर्मचारी ने जीता गोल्ड मेडल.

गोल्ड मेडल जीतने से गांव में खुशी का माहौल

मास्को में पावर लिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने के बाद उनके गांव महाउ महेश में खुशी का माहौल है. परिवार को जैसे ही खबर मिली कि अजय ने मास्को में पावर लिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया है, वैसे ही परिवार के लोगों ने मिठाई बांटकर और आतिशबाजी करके जश्न मनाया.

अजय के गोल्ड मेडल जीतने के बाद जिले के लोगों में अलग ही रौनक देखने को मिली. वहीं जब ये खबर अजय के पिता को पता चली तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े. सिधौली में एक छोटे से जिम में अजय वेटलिफ्टिंग की प्रैक्टिस करते थे. अब तक वह कई राज्य स्तरीय पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम कर चुके थे, लेकिन उनकी तमन्ना थी कि एक बार वह वर्ल्ड कप में हिस्सा लेकर देश का नाम रोशन करें.

26 और 27 अक्टूबर को मॉस्को में हुई पावर लिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में अजय ने 400 किलो का वजन उठाकर गोल्ड मेडल का खिताब अपने नाम कर लिया. आज मास्को में अजय को इस बात पर गर्व है कि उन्होंने विदेशी धरती पर भारत का तिरंगा लहराया है.

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अजय का परिवार आर्थिक रूप से बेहद कमजोर है, लेकिन उनके जुनून ने उन्हें पावरलिफ्टिंग वर्ल्ड कप चैंपियनशिप के लिए मास्को में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप तक पहुंचा दिया. खास बात यह है कि अजय के परिवार की तीन बेटियां भी पावर लिफ्टिंग में ब्लॉक स्तर पर चैंपियन हैं और अब वो अजय की तरह वर्ल्ड चैंपियन बनना चाहती हैं. आज पूरा परिवार बेहद खुश है तो वहीं उनके पिता की आंखों में खुशी के आंसू भी हैं.

अजय ने अपनी मेहनत और लगन से रूस में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का झंडा लहराया है. उन्होंने एक छोटे से जिम में प्रैक्टिस करके यह मुकाम हासिल किया है. ऐसे में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि अगर सरकार अपने स्तर से अजय को प्रशिक्षित करे तो कई और गोल्ड मेडल अजय के नाम आ सकते हैं.

Intro:स्लग- वर्ल्ड चैंपियन
एंकर-शाहजहांपुर के रहने वाले अजय ने रूस के मास्को में हुए पावरलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया है। अजय के गोल्ड मेडल जीतने के बाद उनके पूरे गांव में खुशी का माहौल है । मास्को में गोल्ड जीतने वाले अजय पंचायती राज विभाग में सफाई कर्मचारी के पद पर तैनात है । वही अजय को भी फक्र है कि उसने गोल्ड मेडल जीतकर अपने देश का नाम रोशन किया है। Body:मास्को में पावर लिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने के बाद उनके गांव महाउ महेश में खुशी का माहौल है । जैसे ही परिवार को खबर मिली कि अजय ने मास्को में पावर लिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया है । वैसे ही गांव में परिवार वालों ने मिठाई बांटकर और आतिशबाजी करके जश्न मनाया । वही जैसे ही अजय के पिता को गोल्ड मेडल जीतने की खबर मिली उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े हैं। आपको बता दें कि थाना सिधौली क्षेत्र के महाउ महेश गांव के रहने वाले अजय पंचायती राज विभाग में सफाई कर्मचारी के पद पर तैनात हैं । सिधौली में एक छोटे से जिम में वह वेटलिफ्टिंग की प्रैक्टिस करते हैं । अब तक वह कई राज्य स्तरीय पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम कर चुके थे । लेकिन उनकी तमन्ना थी कि एक बार वह वर्ल्ड कप में हिस्सा लेकर देश का नाम रोशन करें । 26 और 27 अक्टूबर को मॉस्को में हुई पावर लिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में अजय ने 400 किलो का वजन उठाकर गोल्ड मेडल का खिताब अपने नाम कर लिया । आज मास्को में अजय को इस बात पर फक्र है कि उन्होंने विदेशी धरती पर भारत का तिरंगा लहराया है।
अजय का परिवार आर्थिक रूप से बेहद कमजोर है लेकिन उनका जुनून ने उन्हें पावरलिफ्टिंग वर्ल्ड कप चैंपियनशिप के लिए उन्हें मास्को में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप तक पहुंचा दिया। खास बात यह है कि अजय के परिवार की तीन बेटियां भी पावर लिफ्टिंग में ब्लॉक स्तर पर चैंपियन है । और अब वो अजय की तरह वर्ल्ड चैंपियन बनना चाहती हैं । आज पूरा परिवार बेहद खुश है तो वहीं उनके पिता की आंखों में खुशी के आंसू भी हैं।
बाइट अजय फाइल बाइट क्योंकि इस समय अजय रूप में हैं
बाईट- लालता प्रसाद, अजय के पिता
बाईट- धनीराम वर्मा अजय के भाई
बाईट- रोली बर्मा अजय की बेटी
Conclusion:अजय ने अपनी मेहनत और लगन से रूस में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का झंडा लहराया है । अजय ने एक छोटे से जिम में प्रैक्टिस करके यह मुकाम हासिल किया है । ऐसे में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि अगर सरकार अपने स्तर से अजय को प्रशिक्षित करें तो कई और गोल्ड मेडल अजय के नाम आ सकते हैं।
संजय श्रीवास्तव ईटीवी भारत शाहजहांपुर 94 15 15 2485
Last Updated : Sep 4, 2020, 3:10 PM IST
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