शाहजहांपुर: 'मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंजिल मगर, लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया'. मजरूह सुल्तानपुरी की लिखी शायरी की इन चंद लाइनों को सच कर दिखाया है माधवराव सिंधिया स्कूल के प्रबंधक और प्रधानाचार्य ने. जिले का ये कॉन्वेंट स्कूल बेहद गरीब बच्चों को अंग्रेजी की नि:शुल्क शिक्षा दे रहा है. यहां पढ़ने वाले बच्चे फर्राटे से अंग्रेजी लिखते और पढ़ते हुए नजर आ रहे हैं. स्कूल प्रबंधक का कहना है कि लॉकडाउन में गरीब बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो, इसके लिए उन्हें इंग्लिश मीडियम में शिक्षा दी जा रही है.
बच्चों का इंग्लिश मीडियम में पढ़ने का सपना पूरा
शाहजहांपुर में शिक्षा के क्षेत्र में माधवराव सिंधिया पब्लिक स्कूल का नाम सबसे बेहतर स्कूलों में शुमार है. लॉकडाउन में स्कूल न खुलने पर यहां के डायरेक्टर मून जौहरी और प्रधानाचार्य नुजहत अंजुम ने गरीब बच्चों के लिए एक विशेष पहल की. इस पहल ने बच्चों के इंग्लिश मीडियम कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ने के सपने को पूरा कर दिया. यहां के स्कूल प्रशासन ने रिक्शा चालक, रेहड़ी लगाने वाले और फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले गरीब परिवार के बच्चों को रोजाना दो घंटे पढ़ाने का फैसला किया है. वर्तमान में यहां 200 से ज्यादा गरीब बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दी जा रही है. स्कूल प्रबंधक का मानना है कि कोरोना काल में इससे बेहतर कोई काम नहीं हो सकता.
प्राचार्य और स्टाफ की महत्वपूर्ण भूमिका
खास बात यह है कि शिक्षा की गुणवत्ता का यहां पूरा ध्यान रखा जा रहा है. कुछ ही दिनों में बच्चे अंग्रेजी सीखने भी लगे हैं. इसमें प्रधानाचार्य और उनके स्टाफ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. स्कूल प्रधानाचार्य का मानना है यह पहल समाज को समानता का एक बेहतर संदेश देती है. इंग्लिश मीडियम कान्वेंट स्कूल में पढ़ने का मौका पाकर गरीब बच्चे भी बेहद खुश हैं.