शाहजहांपुर: मिलर्स के लिए मंडी शुल्क खत्म करने के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने मोहर लगा दी है. जिसके बाद शाहजहांपुर में रविवार को मिलर्स ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शुक्रिया कहा है. मिलर्स का कहना है कि मुख्यमंत्री की इस पहल से उत्तर प्रदेश में बंद पड़े उद्योग एक बार फिर से शुरू हो जाएंगे और युवाओं को रोजगार मिलेगा.
दरअसल, शाहजहांपुर में उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी एग्रो बेस्ड इंडस्ट्री है. कैबिनेट द्वारा मिलर्स के लिए मंडी शुल्क खत्म करने के फैसले के बाद शाहजहांपुर में मिलर्स एसोसिएशन ने एक खास बैठक करके मुख्यमंत्री का शुक्रिया अदा किया. मिलर्स का कहना है कि शाहजहांपुर समेत पूरे उत्तर प्रदेश में राइस मिल और फ्लोर मिल उद्योग धीरे-धीरे खत्म हो रहा था. क्योंकि मंडी शुल्क और मंडी के अधिकारियों के शोषण के कारण राइस मिल और फ्लोर मिल बंदी की कगार पर थी. लेकिन अब शाहजहांपुर सहित पूरे उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेगी. मंडी शुल्क खत्म होने के बाद अब किसान अपना अनाज सीधे मिलर्स को अच्छे दाम पर बेच सकेगा और किसानों को बिचौलियों से राहत मिल सकेगी.
राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश सिंघल का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने 28 जनवरी को मंडी शुल्क खत्म करने का ऐलान किया है. यह मंडी शुल्क 1.5 प्रतिशत का था. इस शुल्क के खत्म होने से राइस मिलर और फ्लोर मिलर बेहद खुश हैं क्योंकि इससे किसानों का शोषण भी बंद होगा. इसके साथ ही उनको अपने अनाज के अच्छे दाम मिलेंगे. इसके साथ ही रोजगार की भी संभावनाएं बढ़ जाएंगी. क्योंकि बहुत से राइस मिल और फ्लोर मिल मंडी शुल्क के चलते बंद पड़े हैं. अब सभी चालू हो जाएंगे और रोजगार बढ़ जाएगा.
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