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आधे से अधिक सनातनियों ने लगाई संगम में डुबकी; महाकुंभ मेला महोत्सव में बोले सीएम योगी, कांची कामकोटि शंकराचार्य ने की तारीफ - PRAYAGRAJ MAHA KUMBH 2025

आधे से अधिक सनातन धर्मावलंबी लगा चुके महाकुंभ में डुबकी, शंकराचार्य शंकर विजयेन्द्र सरस्वती ने की व्यवस्थाओं की तारीफ

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कांची कामकोटि शंकराचार्य के साथ सीएम योगी (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 23, 2025, 8:33 PM IST

प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में अब तक विश्व के आधे से अधिक सनातन धर्मावलंबी आस्था की डुबकी लगा चुके हैं. यह सनातन संस्कृति की अद्वितीय आस्था और शक्ति को दर्शाता है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ये बातें कांची कामकोटि पीठ के शिविर में संतों को संबोधित करते हुए कही. सीएम योगी रविवार को महाकुंभ मेला क्षेत्र में पहुंचे. जहां वो सबसे पहले विष्णुस्वामी संप्रदाय की सतुआ बाबा पीठ पहुंचे, जहां उन्होंने महामंडलेश्वर संतोषाचार्य जी महाराज ‘सतुआ बाबा’ से भेंट की. इसके बाद वे कांची कामकोटि पीठ के शिविर पहुंचकर शंकराचार्य शंकर विजयेन्द्र सरस्वती से आशीर्वाद प्राप्त किया.

62 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई पावन डुबकी
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अब तक 62 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी में स्नान कर चुके हैं और आने वाले दिनों में ये संख्या और बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में कोई ऐसा मत, मजहब या संप्रदाय नहीं, जहां निश्चित समय पर इतनी बड़ी संख्या में लोग अपनी आस्था व्यक्त करने के लिए इकट्ठा होते हों. महाकुंभ सनातन धर्म की दिव्यता और विराटता का प्रतीक है. सनातन धर्म और महाकुंभ से जुड़े हर आयोजन को भव्यता प्रदान करने के लिए सरकार संकल्पबद्ध है. सनातन धर्म से जुड़े किसी भी आयोजन के लिए हम पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य करेंगे.

कांची कामकोटि पीठ की अहम भूमिका
सीएम योगी ने कांची कामकोटि पीठ के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि इस पूज्य पीठ की परंपरा ने सनातन धर्म के जनजागरण और अभिवृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि जब भी सनातन धर्म के सामने कोई संकट आया, कांची पीठ ने आगे बढ़कर उसका समाधान किया. श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन हो या नेपाल संकट, इस पीठ ने सदैव धर्म की रक्षा के लिए प्रयास किए हैं.

शंकराचार्य ने की महाकुंभ की व्यवस्थाओं की सराहना
वहीं शंकराचार्य शंकर विजयेन्द्र सरस्वती जी ने महाकुंभ में योगी सरकार की ओर से की गई व्यवस्थाओं की सराहना की. उन्होंने कहा कि ये आयोजन सरकार और जनता की सहभागिता का अद्भुत उदाहरण है. सनातन संस्कृति ही विश्व की आदर्श संस्कृति है और महाकुंभ इसका जीवंत प्रमाण है. शंकराचार्य ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस बात के लिए भी सराहना की कि प्रयागराज के प्राचीन नाम को उन्होंने दोबारा स्थापित किया. शंकराचार्य ने महाकुंभ को एकता का कुंभ बताते हुए इसे अद्वैत कुंभ कहा.

यह भी पढ़ें : महाकुंभ 2025; महाशिवरात्रि से पहले प्रयागराज में उमड़ा महारेला, क्या टूटेगा मौनी अमावस्या का रिकॉर्ड?

प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में अब तक विश्व के आधे से अधिक सनातन धर्मावलंबी आस्था की डुबकी लगा चुके हैं. यह सनातन संस्कृति की अद्वितीय आस्था और शक्ति को दर्शाता है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ये बातें कांची कामकोटि पीठ के शिविर में संतों को संबोधित करते हुए कही. सीएम योगी रविवार को महाकुंभ मेला क्षेत्र में पहुंचे. जहां वो सबसे पहले विष्णुस्वामी संप्रदाय की सतुआ बाबा पीठ पहुंचे, जहां उन्होंने महामंडलेश्वर संतोषाचार्य जी महाराज ‘सतुआ बाबा’ से भेंट की. इसके बाद वे कांची कामकोटि पीठ के शिविर पहुंचकर शंकराचार्य शंकर विजयेन्द्र सरस्वती से आशीर्वाद प्राप्त किया.

62 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई पावन डुबकी
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अब तक 62 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी में स्नान कर चुके हैं और आने वाले दिनों में ये संख्या और बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में कोई ऐसा मत, मजहब या संप्रदाय नहीं, जहां निश्चित समय पर इतनी बड़ी संख्या में लोग अपनी आस्था व्यक्त करने के लिए इकट्ठा होते हों. महाकुंभ सनातन धर्म की दिव्यता और विराटता का प्रतीक है. सनातन धर्म और महाकुंभ से जुड़े हर आयोजन को भव्यता प्रदान करने के लिए सरकार संकल्पबद्ध है. सनातन धर्म से जुड़े किसी भी आयोजन के लिए हम पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य करेंगे.

कांची कामकोटि पीठ की अहम भूमिका
सीएम योगी ने कांची कामकोटि पीठ के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि इस पूज्य पीठ की परंपरा ने सनातन धर्म के जनजागरण और अभिवृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि जब भी सनातन धर्म के सामने कोई संकट आया, कांची पीठ ने आगे बढ़कर उसका समाधान किया. श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन हो या नेपाल संकट, इस पीठ ने सदैव धर्म की रक्षा के लिए प्रयास किए हैं.

शंकराचार्य ने की महाकुंभ की व्यवस्थाओं की सराहना
वहीं शंकराचार्य शंकर विजयेन्द्र सरस्वती जी ने महाकुंभ में योगी सरकार की ओर से की गई व्यवस्थाओं की सराहना की. उन्होंने कहा कि ये आयोजन सरकार और जनता की सहभागिता का अद्भुत उदाहरण है. सनातन संस्कृति ही विश्व की आदर्श संस्कृति है और महाकुंभ इसका जीवंत प्रमाण है. शंकराचार्य ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस बात के लिए भी सराहना की कि प्रयागराज के प्राचीन नाम को उन्होंने दोबारा स्थापित किया. शंकराचार्य ने महाकुंभ को एकता का कुंभ बताते हुए इसे अद्वैत कुंभ कहा.

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