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कुछ ऐसी है स्कूलों की बदहाली, खुले मैदान में पढ़ने को मजबूर हैं बच्चे - यूपी के सरकारी स्कूल

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में बच्चे खुले मैदान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं. जिले में 16 स्कूल ऐसे हैं जो खुले मैदान में चल रहे हैं. स्कूल की बिल्डिंग न होने के कारण बच्चे खुले मैदान में पढ़ने को मजबूर हैं.

शाहजहांपुर के स्कूल
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Published : Jul 12, 2019, 8:24 AM IST

Updated : Sep 4, 2020, 3:10 PM IST

शाहजहांपुर: जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के 16 ऐसे स्कूल हैं जो खुले मैदान में चल रहे हैं. इन स्कूलों के पास बिल्डिंग भी ही नहीं है. यहां बच्चे शिक्षा ग्रहण करने के लिए धूप, सर्दी और बरसात का सामना करने को मजबूर हैं.

खुले मैदान में चल रहे 16 स्कूल.
  • इन स्कूलों में बच्चों के लिए टॉयलेट की व्यवस्था भी नहीं है.
  • यहां मिड-डे-मील बनाने के लिए कोई कमरा नहीं है.
  • यहां छात्रों के साथ स्कूल के अध्यापकों को भी तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
  • यह स्कूल पहले किराए के भवनों में चल रहे थे, लेकिन किराए पर चलने वाले भवन मलबे में तब्दील हो चुके हैं.
  • सरकारी स्कूल के लिए जगह न होने के कारण यहां के 16 स्कूल खुले मैदान में ही संचालित किए जा रहे हैं.
  • वहीं जिला बेसिक शिक्षा विभाग इस मामले पर अपनी बेबसी बयां कर रहा है.

यहां तमाम तरह की परेशानियां हैं. न तो टॉयलेट की व्यवस्था है और न ही पानी की. इसके लिए घर जाना पड़ता है. बारिश होने पर स्कूल में छुट्टी करनी पड़ती है. खाना बनाने के लिए रसोई नहीं है. दूसरे स्कूल से खाना बनकर आता है.
-मेघा अग्रवाल, शिक्षिका

शाहजहांपुर: जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के 16 ऐसे स्कूल हैं जो खुले मैदान में चल रहे हैं. इन स्कूलों के पास बिल्डिंग भी ही नहीं है. यहां बच्चे शिक्षा ग्रहण करने के लिए धूप, सर्दी और बरसात का सामना करने को मजबूर हैं.

खुले मैदान में चल रहे 16 स्कूल.
  • इन स्कूलों में बच्चों के लिए टॉयलेट की व्यवस्था भी नहीं है.
  • यहां मिड-डे-मील बनाने के लिए कोई कमरा नहीं है.
  • यहां छात्रों के साथ स्कूल के अध्यापकों को भी तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
  • यह स्कूल पहले किराए के भवनों में चल रहे थे, लेकिन किराए पर चलने वाले भवन मलबे में तब्दील हो चुके हैं.
  • सरकारी स्कूल के लिए जगह न होने के कारण यहां के 16 स्कूल खुले मैदान में ही संचालित किए जा रहे हैं.
  • वहीं जिला बेसिक शिक्षा विभाग इस मामले पर अपनी बेबसी बयां कर रहा है.

यहां तमाम तरह की परेशानियां हैं. न तो टॉयलेट की व्यवस्था है और न ही पानी की. इसके लिए घर जाना पड़ता है. बारिश होने पर स्कूल में छुट्टी करनी पड़ती है. खाना बनाने के लिए रसोई नहीं है. दूसरे स्कूल से खाना बनकर आता है.
-मेघा अग्रवाल, शिक्षिका

Intro:विशेष खबर / डे प्लान की खबर
नोट इस खबर की ऑफिशियल बाइट और स्क्रिप्ट मौजों से भेज रहा हूं शेष फाइलें wrap से भेजी हैं जिस का एड्रेस है...up_sjp_maidan me school_visual and byte _up10021

स्लग मैदान में स्कूल

एंकर उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के बेसिक विभाग में बच्चे खुले मैदान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं जिले में 16 स्कूल खुले मैदान में चल रहे हैं स्कूल की बिल्डिंग ना होने के कारण बच्चे खुले मैदान में पढ़ने को मजबूर हैं फिलहाल जिला बेसिक शिक्षा विभाग भी इस मामले में फिर अपनी बेबसी बयां कर रहा है


Body:दरअसल जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के 16 ऐसे स्कूल हैं जो खुले मैदान में चल रहे हैं जिनके पास बिल्डिंग भी ही नहीं है यहां मासूम बच्चे शिक्षा ग्रहण करने के लिए धूप सरदी और बरसात का सामना करने को मजबूर हैं बिना बिल्डिंग के चल रहे इन स्कूलों में बच्चों के लिए ना तो टॉयलेट की व्यवस्था है और ना ही यहां मिड डे मील बनाने के लिए कोई कमरा लेकिन फिर भी देश के भविष्य किताबी तालीम हासिल करने के लिए मजबूर हैं

बाइट मेघा अग्रवाल शिक्षिका

बाइट राकेश कुमार बेसिक शिक्षा अधिकारी शाहजहांपुर


Conclusion:खुले मैदान में चल रहे स्कूल पहले किराए के भवनों में चल रहे थे लेकिन किराए पर चलने वाले भवन मलबे में तब्दील हो चुके हैं सरकारी स्कूल के लिए जगह ना होने के कारण यहां के 16 स्कूल खुले मैदान में ही संचालित किए जा रहे हैं यही वजह है जिला बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी भी अपनी मजबूरी कुछ इसी तरह बयां कर रहे हैं

संजय श्रीवास्तव ईटीवी भारत शाहजहांपुर 9415152485
Last Updated : Sep 4, 2020, 3:10 PM IST
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