शहाजहांपुर : जिले के कलान ब्लॉक में तैनात अधिकारियों पर 15 लाख 77 हजार 963 रुपयों के सरकारी धन के गबन का आरोप लगा है. फिलहाल मामले के खुलासे के बाद ब्लॉक से एडीपीएम, एडीओ पंचायत, दो ग्राम सचिवों और ब्लॉक प्रमुख सहित 10 लोगों के खिलाफ सरकारी धन के गबन और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है. इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक कंप्यूटर ऑपरेटर और ब्लॉक के एक अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया है, वहीं 8 लोग अभी फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है.
दरअसल कलान को नगर पंचायत घोषित किया गया था. जिसमें रफियाबाद गांव को शामिल किया गया था. रफियाबाद ग्राम निधि में 15 लाख 77 हजार 963 रुपए बचे हुए थे. इन रुपयों को ब्लॉक के अधिकारियों ने निकाल लिया. ब्लॉक के एडीओ पंचायत धनराज पटेल, ग्रामीण स्वच्छ भारत मिशन के एडीपीएम देवी लाल मौर्या, ग्राम सचिव अरुण कुमार, अकाउंटेंट दीपक कुमार राय राहुल वर्मा ब्लाक प्रमुख रुचि वर्मा के सिग्नेचर का इस्तेमाल किया गया और सभी ने मिलकर 15 लाख 77 हजार 963 रुपए की धनराशि अपने अपने खातों में ट्रांसफर कर ली.
शिकायत के बाद पूरे मामले की जांच देवीपाटन के उप निदेशक पंचायती राज्य को दी गई. जिसके बाद जांच में पाया गया कि ग्राम निधि को कस्बे के ही बिल्डिंग मटेरियल और कंस्ट्रक्शन फर्म के खाते में भेज दिया गया था. जिसके बाद खाते से ट्रांसफर कर के अधिकारियों और ब्लॉक प्रमुख ने अपने अपने खाते में रुपए डलवाए. जांच रिपोर्ट आने के बाद मामले में गबन और धोखाधड़ी का मुकदमा मुकदमा दर्ज करते हुए 10 अधिकारियों और कर्मचारियों को नामजद किया है. पुलिस ने इस मामले में एडीपीएम देवी लाल मौर्या और कंप्यूटर ऑपरेटर केसरी नंदन को गिरफ्तार कर लिया है. मुख्य विकास अधिकारी का कहना है कि गबन की गई धनराशि के रिकवरी के आदेश दे दिए गए हैं और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा.