शाहजहांपुर: शाहजहांपुर में RSS कार्यालय में हमले से हिंदूवादी नेता गुस्से में हैं. उन्होंने SP दफ्तर के घेराव की चेतावनी दी है. विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों ने पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाया है. विश्व हिंदू परिषद के नेताओं ने आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाने की मांग की है. पुलिस ने 3 आरोपियों को जेल भेज दिया है. वहीं, आरोपियों के परिजनों ने स्वयंसेवकों पर बेटे के साथ मारपीट का आरोप लगाया है.
देर रात थाना सदर बाजार क्षेत्र के टाउन हॉल स्थित आरएसएस कार्यालय के बाहर टॉयलेट करने को लेकर शशांक गुप्ता का आरएसएस महानगर प्रचारक मनजीत सिंह से विवाद हो गया था. मारपीट के बाद शशांक के परिवार वाले कई लोगों के साथ पार्षद कार्यालय पर पहुंचे थे. आरोप है कि यहां पहुंच कर आरएसएस कार्यकर्ताओं और प्रचारक के साथ मारपीट की गई. इसके बाद देर रात भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया.
इसे लेकर बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद नेताओं ने जमकर हंगामा किया. खास बात यह है कि मारपीट और हंगामा पुलिस के सामने तक होता रहा और पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने खड़े रहे. Rss प्रचारक की तहरीर पर पुलिस ने शशांक गुप्ता, शेखर और अमन सहित 40 - 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को जेल भेज दिया. बजरंग दल पदाधिकारी का कहना है कि आरएसएस पर हमला एक-एक कार्यकर्ता पर हमला है. इसके लिए पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी जिम्मेदार हैं. बजरंग दल पदाधिकारियों ने आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाने की मांग की है.
हालांकि आज सुबह हुए हंगामे के बाद पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा आरएसएस कार्यालय पहुंचे और उन्होंने पदाधिकारियों के साथ बातचीत कर ठोस कार्रवाई का आश्वासन दिया. पुलिस अधीक्षक का कहना है कि बातचीत के बाद हालात सामान्य हैं. वहीं, आरोपियों के परिवार के लोगों ने आरएसएस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों पर उनके बेटे के साथ लाठी-डंडों से मारपीट करने का आरोप लगाया है. इसका एक वीडियो वायरल हो रहा है, इसमें संघ कार्यालय के ऊपर से कुछ लोग गमले फेंक रहे हैं और नीचे हमलावर खड़े हुए हैं. परिवारवालों का कहना है कि वह माफी मांगने को तैयार हैं. उनके बेटों को माफ कर दिया जाए. विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
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