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चाचा-भतीजी की जोड़ी पेश कर रही मिसाल, गांव को कोरोना से बचाने का उठाया बीड़ा - चाचा भतीजी की जोड़ी पेश कर रही मिसाल

यूपी के भदोही के एक गांव में चाचा-भतीजी की जमकर प्रशंसा हो रही है. भिदिउरा गांव के रहने वाले चाचा-भतीजी की जोड़ी ने एक मिसाल पेश करते हुए अपने गांव को कोरोना से बचाने का बीड़ा उठाया है. देखिए यह स्पेशल रिपोर्ट...

uncle and niece in bhadohi are trying to save their village from corona
भदोही में चाचा-भतीजी की जोड़ी पेश कर रही मिसाल.
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Published : Mar 27, 2020, 11:41 PM IST

भदोही: कोरोना वायरस से लड़ने के लिए चाचा-भतीजी की जनपद में जमकर प्रशंसा हो रही है. भिदिउरा गांव में सरकार के द्वारा साफ-सफाई न कराने और बाजारों में मास्क और सैनिटाइजर न मिलने की वजह से लोग काफी परेशान थे. गरीब व्यक्ति जो सामान खरीदने में सक्षम नहीं है, उनके लिए भी लॉकडाउन बड़ी मुसीबत बनी हुई थी, लेकिन चाचा-भतीजी की जोड़ी की वजह से पूरे गांव ने राहत की सांस ली है.

चाचा का नाम रत्नाकर पाठक और भतीजी का नाम गुड़िया है. भतीजी प्रतिदिन मास्क बनाती है. जबकि चाचा पूरे गांव को ग्रामीणों के साथ मिलकर सैनिटाइज कराते हैं और गरीबों में राशन, साबुन और अन्य सामग्री वितरित करवाते हैं. कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लॉकडाउन चल रहा है. ऐसे में गांव में ग्रामीणों ने एक-दूसरे की मदद के लिए एक अच्छी पहल शुरू की है.

कौन है गुड़िया
कोरोना वायरस की जंग में ग्रामीण इलाकों की बेटियां भी किसी से पीछे नहीं है. भिदिउरा गांव की रहने वाली गुड़िया पढ़ाई के साथ सिलाई का काम भी करती हैं. गांव के ग्रामीणों तक मास्क नहीं पहुंच पाए. ऐसे में गुड़िया ने ग्रामीणों के लिए अभी तक 500 से ज्यादा मास्क अपने हाथों से बना डाले हैं. आम दिनों में गुड़िया सिलाई के एवज में लोगों से रूपये लेती थीं, लेकिन कोरोना की जंग में इन्होने अपने गांव वासियों के लिए नि:शुल्क मास्क की सिलाई कर रही हैं.

देखें वीडियो.

गांव को बिना सरकारी मदद के सेनेटाइज कर रहे ग्रामीण
वहीं ग्रामीण कोरोना की रोकधाम में एक बड़ी मिशाल पेश कर रहे है. पूरे गांव को सेनेटाइज कराया जा रहा है. सेनेटाइज का काम भी किसी सरकारी मदद से नहीं हो रहा है. बल्कि ग्रामीण अपने पैसों से ऐसा कर रहे हैं.

ग्रामीणों को नि:शुल्क बांटा जा रहा साबुन
इस गांव के रहने वाले रत्नाकर पाठक ने ग्रामीणों के साथ बैठक कर उन्हें एक-दूसरे की मदद के लिए तैयार किया था, जिसके बाद सभी ग्रामीणों ने अपने गांव से कोरोना को भगाने की ठानी और आपस में एक-दूसरे की मदद करने का प्रण लिया, जिसमें गांव की बेटियों ने मास्क बनाए. कुछ युवक गांव को सेनेटाइज कर रहे हैं और जिन लोगों के पास हाथ साफ करने के लिए साबुन नहीं है, उन्हें नि:शुल्क साबुन का वितरण कराया जा रहा है.

हर गांव के लोग लें सबक
भिदिउरा गांव के लोग कोरोना से जंग जीतने के लिए मिशाल पेश कर रहे है. जरूरत है कि अन्य गांवों और शहरी इलाकों के लोग भी सामने आएं और कोरोना की रोकथाम में अपनी अहम भूमिका को निभाएं. क्योकि कोरोना को भगाना है तो सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे. तभी हम इस बड़ी जंग को जीत सकेंगे.
ये भी पढ़ें: जरूरी सामानों की जमाखोरी पर प्रशासन की रोक, नहीं खरीद सकेंगे दो किलो से अधिक आलू

भदोही: कोरोना वायरस से लड़ने के लिए चाचा-भतीजी की जनपद में जमकर प्रशंसा हो रही है. भिदिउरा गांव में सरकार के द्वारा साफ-सफाई न कराने और बाजारों में मास्क और सैनिटाइजर न मिलने की वजह से लोग काफी परेशान थे. गरीब व्यक्ति जो सामान खरीदने में सक्षम नहीं है, उनके लिए भी लॉकडाउन बड़ी मुसीबत बनी हुई थी, लेकिन चाचा-भतीजी की जोड़ी की वजह से पूरे गांव ने राहत की सांस ली है.

चाचा का नाम रत्नाकर पाठक और भतीजी का नाम गुड़िया है. भतीजी प्रतिदिन मास्क बनाती है. जबकि चाचा पूरे गांव को ग्रामीणों के साथ मिलकर सैनिटाइज कराते हैं और गरीबों में राशन, साबुन और अन्य सामग्री वितरित करवाते हैं. कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लॉकडाउन चल रहा है. ऐसे में गांव में ग्रामीणों ने एक-दूसरे की मदद के लिए एक अच्छी पहल शुरू की है.

कौन है गुड़िया
कोरोना वायरस की जंग में ग्रामीण इलाकों की बेटियां भी किसी से पीछे नहीं है. भिदिउरा गांव की रहने वाली गुड़िया पढ़ाई के साथ सिलाई का काम भी करती हैं. गांव के ग्रामीणों तक मास्क नहीं पहुंच पाए. ऐसे में गुड़िया ने ग्रामीणों के लिए अभी तक 500 से ज्यादा मास्क अपने हाथों से बना डाले हैं. आम दिनों में गुड़िया सिलाई के एवज में लोगों से रूपये लेती थीं, लेकिन कोरोना की जंग में इन्होने अपने गांव वासियों के लिए नि:शुल्क मास्क की सिलाई कर रही हैं.

देखें वीडियो.

गांव को बिना सरकारी मदद के सेनेटाइज कर रहे ग्रामीण
वहीं ग्रामीण कोरोना की रोकधाम में एक बड़ी मिशाल पेश कर रहे है. पूरे गांव को सेनेटाइज कराया जा रहा है. सेनेटाइज का काम भी किसी सरकारी मदद से नहीं हो रहा है. बल्कि ग्रामीण अपने पैसों से ऐसा कर रहे हैं.

ग्रामीणों को नि:शुल्क बांटा जा रहा साबुन
इस गांव के रहने वाले रत्नाकर पाठक ने ग्रामीणों के साथ बैठक कर उन्हें एक-दूसरे की मदद के लिए तैयार किया था, जिसके बाद सभी ग्रामीणों ने अपने गांव से कोरोना को भगाने की ठानी और आपस में एक-दूसरे की मदद करने का प्रण लिया, जिसमें गांव की बेटियों ने मास्क बनाए. कुछ युवक गांव को सेनेटाइज कर रहे हैं और जिन लोगों के पास हाथ साफ करने के लिए साबुन नहीं है, उन्हें नि:शुल्क साबुन का वितरण कराया जा रहा है.

हर गांव के लोग लें सबक
भिदिउरा गांव के लोग कोरोना से जंग जीतने के लिए मिशाल पेश कर रहे है. जरूरत है कि अन्य गांवों और शहरी इलाकों के लोग भी सामने आएं और कोरोना की रोकथाम में अपनी अहम भूमिका को निभाएं. क्योकि कोरोना को भगाना है तो सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे. तभी हम इस बड़ी जंग को जीत सकेंगे.
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