भदोही: जिले में तीन दिन से हो रही लगातार बारिश ने किसानों की उम्मीदों को और भी बढ़ा दिया है. सूख रहे खेत अब धान की रोपाई के लिए बिल्कुल तैयार हैं. साथ ही साथ धान की रोपाई का काम भी शुरू हो गया है. मानसून के सही समय पर आने से पिछले 3 दिनों में 53 एमएम हुई बारिश से ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार जोत भी बढ़ेगी और पैदावार भी.
भदोही में 39000 हेक्टेयर जमीनें ऐसी हैं जो सिंचित नहीं है. 43% भूमि ऐसी है जो पूरी तरह से इरिगेटेड एरिया मानी जाती है. बाकी 57% में से 73% भूमि ऐसी है जो पूरी तरह से मानसून पर निर्भर होती हैं. इसलिए अगर किसान बाजरा और अरहर की खेती करें तो उन्हें ज्यादा फायदा हो सकता है. दोआब क्षेत्र के कारण वरुणा और गंगा का पानी किनारे वाले क्षेत्र में बहुत मुश्किल से रुकता है, लेकिन ये मॉनसून किसानों के लिए कुछ खास तोहफा लेकर लाई है.
- बारिश की वजह से भूमि नम हुई है, जिससे किसानों को अधिक फायदा मिल सकता है.
- भदोही जिले में 43% भूमि ऐसी है जो पूरी तरह से इरिगेटेड एरिया मानी जाती है.
- लगभग 1 किलो धान पर 22 साल लीटर पानी की मात्रा की जरूरत पड़ती है.
- अलनीनो का दबाव क्षेत्र अधिक होने के कारण बारिश कम से कम 2 से 3 सप्ताह तक लगातार हो सकती है.
- पिछली बार अलनीनो के लेट आने की वजह से पूर्वांचल में सूखा पड़ा था.
- किसान बाजरा और अरहर की खेती को ज्यादा फायदा हो सकता है.