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भदोही: मानसून आने से किसानों को मिली राहत, धान रोपाई शुरू

मानसून के आते ही किसानों के चेहरे में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है. सही समय पर मानसून के आने से धान की रोपाई का काम शुरू हो गया है,जो किसानों के लिए एक अच्छा संदेश है.

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Published : Jul 9, 2019, 11:18 PM IST

मानसून से मिली किसानों को राहत.

भदोही: जिले में तीन दिन से हो रही लगातार बारिश ने किसानों की उम्मीदों को और भी बढ़ा दिया है. सूख रहे खेत अब धान की रोपाई के लिए बिल्कुल तैयार हैं. साथ ही साथ धान की रोपाई का काम भी शुरू हो गया है. मानसून के सही समय पर आने से पिछले 3 दिनों में 53 एमएम हुई बारिश से ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार जोत भी बढ़ेगी और पैदावार भी.

मानसून से मिली किसानों को राहत

भदोही में 39000 हेक्टेयर जमीनें ऐसी हैं जो सिंचित नहीं है. 43% भूमि ऐसी है जो पूरी तरह से इरिगेटेड एरिया मानी जाती है. बाकी 57% में से 73% भूमि ऐसी है जो पूरी तरह से मानसून पर निर्भर होती हैं. इसलिए अगर किसान बाजरा और अरहर की खेती करें तो उन्हें ज्यादा फायदा हो सकता है. दोआब क्षेत्र के कारण वरुणा और गंगा का पानी किनारे वाले क्षेत्र में बहुत मुश्किल से रुकता है, लेकिन ये मॉनसून किसानों के लिए कुछ खास तोहफा लेकर लाई है.

  • बारिश की वजह से भूमि नम हुई है, जिससे किसानों को अधिक फायदा मिल सकता है.
  • भदोही जिले में 43% भूमि ऐसी है जो पूरी तरह से इरिगेटेड एरिया मानी जाती है.
  • लगभग 1 किलो धान पर 22 साल लीटर पानी की मात्रा की जरूरत पड़ती है.
  • अलनीनो का दबाव क्षेत्र अधिक होने के कारण बारिश कम से कम 2 से 3 सप्ताह तक लगातार हो सकती है.
  • पिछली बार अलनीनो के लेट आने की वजह से पूर्वांचल में सूखा पड़ा था.
  • किसान बाजरा और अरहर की खेती को ज्यादा फायदा हो सकता है.

भदोही: जिले में तीन दिन से हो रही लगातार बारिश ने किसानों की उम्मीदों को और भी बढ़ा दिया है. सूख रहे खेत अब धान की रोपाई के लिए बिल्कुल तैयार हैं. साथ ही साथ धान की रोपाई का काम भी शुरू हो गया है. मानसून के सही समय पर आने से पिछले 3 दिनों में 53 एमएम हुई बारिश से ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार जोत भी बढ़ेगी और पैदावार भी.

मानसून से मिली किसानों को राहत

भदोही में 39000 हेक्टेयर जमीनें ऐसी हैं जो सिंचित नहीं है. 43% भूमि ऐसी है जो पूरी तरह से इरिगेटेड एरिया मानी जाती है. बाकी 57% में से 73% भूमि ऐसी है जो पूरी तरह से मानसून पर निर्भर होती हैं. इसलिए अगर किसान बाजरा और अरहर की खेती करें तो उन्हें ज्यादा फायदा हो सकता है. दोआब क्षेत्र के कारण वरुणा और गंगा का पानी किनारे वाले क्षेत्र में बहुत मुश्किल से रुकता है, लेकिन ये मॉनसून किसानों के लिए कुछ खास तोहफा लेकर लाई है.

  • बारिश की वजह से भूमि नम हुई है, जिससे किसानों को अधिक फायदा मिल सकता है.
  • भदोही जिले में 43% भूमि ऐसी है जो पूरी तरह से इरिगेटेड एरिया मानी जाती है.
  • लगभग 1 किलो धान पर 22 साल लीटर पानी की मात्रा की जरूरत पड़ती है.
  • अलनीनो का दबाव क्षेत्र अधिक होने के कारण बारिश कम से कम 2 से 3 सप्ताह तक लगातार हो सकती है.
  • पिछली बार अलनीनो के लेट आने की वजह से पूर्वांचल में सूखा पड़ा था.
  • किसान बाजरा और अरहर की खेती को ज्यादा फायदा हो सकता है.
Intro:मानसून के आते ही किसानों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है लगातार तीन दिन से हो रहे बारिश की वजह से किसानों के जो खेत सूख रहे थे अब वह धान की रोपाई के लिए बिल्कुल तैयार हो गए हैं जिले में धान रोपाई का काम शुरू हो गया है मानसून के बिल्कुल सही समय पर आने से ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार जोत भी बढ़ेगी और पैदावार भी बढ़ सकती है पिछले 3 दिनों में 53 एमएम बारिश जिले में हुई है


Body:जिले में 39000 हेक्टेयर भूमि ऐसे हैं जो सिंचित भूमि नहीं है वह भूमि खेती के लिए तो उपयुक्त है लेकिन वहां की खेती मानसून पर निर्भर रहती है भदोही जिले में 43% भूमि ऐसी है जो पूरी तरह से इरिगेटेड एरिया मानी जाती है बाकी बचे 57% में से 73% भूमि ऐसी है जो बिल्कुल ही मानसून पर निर्भर होती हैं भदोही जिला वरुणा और गंगा के दोआब क्षेत्र में बसे होने के कारण गंगा और वरुणा नदी के किनारे वाले क्षेत्र पर पानी मुश्किल से ही रुकता है इसलिए अगर वहां किसान बाजरा और अरहर की खेती करें तो उन्हें ज्यादा फायदा हो सकता है


Conclusion:बारिश होने की वजह से भूमि नाम हो गई है जिससे किसानों को अधिक फायदा मिल रहा है क्योंकि सिंचाई में भूमि नमी में ही सबसे अधिक पानी की जरूरत होती है और उसी समय बरसात शुरू हो जाने की वजह से वह काफी खुश है लगभग 1 किलो धान पर 22 साल लीटर पानी की मात्रा की जरूरत पड़ती है मानसून अल नीनो की वजह से 1 तारीख से ही मानसून ने पूर्वांचल में दस्तक दे दी है अलनीनो का दबाव क्षेत्र अधिक होने के कारण यह बारिश कम से कम 2 से 3 सप्ताह तक लगातार चलेगी पिछली बार अलनीनो के लेट आने की वजह से पूर्वांचल में सूखा पड़ा था

जिला कृषि अधिकारी अशोक कुमार की बाइट
किसान प्रकाश पाल और अरविंद पाल की बाइट
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