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ऐसा जिला जहां बस स्टैंड तो है, लेकिन नहीं चलती बसें

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Published : Feb 5, 2019, 11:39 PM IST

यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने को लेकर चाहे जो भी दावे किए जा रहे हैं लेकिन जनपद सृजन के 24 वर्ष बाद भी बसों का संचालन नहीं हो रहा है. गत वर्षों से यह बस स्टैंड मात्र शोपीस बनकर रह गया है.

ज्ञानपुर बस स्टैंड

संत रविदासनगर : जिला बने 24 वर्ष बीत जाने के बाद भी यहां बस स्टैंड तो है लेकिन वहां से बसों का संचालन नहीं होता है. बसपा शासनकाल के दौरान ज्ञानपुर मैं बस स्टेशन की स्थापना कराई गई थी. बस स्टेशन से पड़ोसी जिलों प्रयागराज वाराणसी सहित अन्य जनपदों के साथ जिले के भी विभिन्न क्षेत्रों के लिए करीब एक दर्जन बसों का संचालन भी किया गया था. हालांकि चंद माह बाद सभी बसें गायब हो गई मौजूद आश्रम स्टेशन परिसर मात्र ऑटो रिक्शा प्राइवेट वाहनों के स्टैंड के रूप में काम में आता है. ज्ञानपुर में बस स्टेशन तो बन गया लेकिन बसे नहीं मिल पाई बस स्टैंड खंडहर का रूप ले चुका है और वहां सिर्फ दो प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड रखे गए हैं इसके अलावा पूरा परिसर खाली रहता है.

ज्ञानपुर बस स्टैंड से बसों का संचालन नहीं

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यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने को लेकर चाहे जो भी दावे किए जा रहे हैं लेकिन जनपद सृजन के 24 वर्ष बाद भी जिले को विभिन्न क्षेत्रों से जिला मुख्यालय के लिए सरकारी परिवहन सुविधा रोडवेज महानगरीय बसों के अभाव के चलते लोगों के लिए मुख्यालय पहुंचना आसान नहीं है लोगों को डग्गामार वाहनों से यात्रा करने में परेशानी उठाने के साथ कई स्थानों पर सवारी बदलने के साथ मनमानी किराए की वसूली की से आर्थिक शोषण का शिकार होना पड़ रहा है.

भदोही की स्थिति यह है कि साथिया पहला जिला ऐसा होगा जहां पर बस स्टेशन सिर्फ एक है और वहां से बसों का संचालन भी नहीं होता है ऐसी स्थिति में अगर आप भदोही जिले में मुख्यालय आना चाहें तो आपको शाम 7:00 बजे के बाद एक भी वाहन नहीं मिलेंगे. इस बदहाल स्थिति को सुधारने के लिए यहां के स्थानीय प्रशासन और नेताओं ने न कोशिश की और रही लोगों की बात प्रदेश के मुख्यमंत्री तक पहुंच पा रही है.

संत रविदासनगर : जिला बने 24 वर्ष बीत जाने के बाद भी यहां बस स्टैंड तो है लेकिन वहां से बसों का संचालन नहीं होता है. बसपा शासनकाल के दौरान ज्ञानपुर मैं बस स्टेशन की स्थापना कराई गई थी. बस स्टेशन से पड़ोसी जिलों प्रयागराज वाराणसी सहित अन्य जनपदों के साथ जिले के भी विभिन्न क्षेत्रों के लिए करीब एक दर्जन बसों का संचालन भी किया गया था. हालांकि चंद माह बाद सभी बसें गायब हो गई मौजूद आश्रम स्टेशन परिसर मात्र ऑटो रिक्शा प्राइवेट वाहनों के स्टैंड के रूप में काम में आता है. ज्ञानपुर में बस स्टेशन तो बन गया लेकिन बसे नहीं मिल पाई बस स्टैंड खंडहर का रूप ले चुका है और वहां सिर्फ दो प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड रखे गए हैं इसके अलावा पूरा परिसर खाली रहता है.

ज्ञानपुर बस स्टैंड से बसों का संचालन नहीं

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यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने को लेकर चाहे जो भी दावे किए जा रहे हैं लेकिन जनपद सृजन के 24 वर्ष बाद भी जिले को विभिन्न क्षेत्रों से जिला मुख्यालय के लिए सरकारी परिवहन सुविधा रोडवेज महानगरीय बसों के अभाव के चलते लोगों के लिए मुख्यालय पहुंचना आसान नहीं है लोगों को डग्गामार वाहनों से यात्रा करने में परेशानी उठाने के साथ कई स्थानों पर सवारी बदलने के साथ मनमानी किराए की वसूली की से आर्थिक शोषण का शिकार होना पड़ रहा है.

भदोही की स्थिति यह है कि साथिया पहला जिला ऐसा होगा जहां पर बस स्टेशन सिर्फ एक है और वहां से बसों का संचालन भी नहीं होता है ऐसी स्थिति में अगर आप भदोही जिले में मुख्यालय आना चाहें तो आपको शाम 7:00 बजे के बाद एक भी वाहन नहीं मिलेंगे. इस बदहाल स्थिति को सुधारने के लिए यहां के स्थानीय प्रशासन और नेताओं ने न कोशिश की और रही लोगों की बात प्रदेश के मुख्यमंत्री तक पहुंच पा रही है.
Intro:जिला बने 24 वर्ष बीत जाने के बाद भी यहां बस स्टैंड तो है लेकिन वहां से बसों का संचालन नहीं होता है बसपा शासनकाल के दौरान ज्ञानपुर मैं बस स्टेशन की स्थापना कराई गई थी बस स्टेशन से पड़ोसी जिलों प्रयागराज वाराणसी सहित अन्य जनपदों के साथ जिले के भी विभिन्न क्षेत्रों के लिए करीब एक दर्जन बसों का संचालन भी किया गया था हालांकि चंद माह बाद सभी बसें गायब हो गई मौजूद आश्रम स्टेशन परिसर मात्र ऑटो रिक्शा प्राइवेट वाहनों के स्टैंड के रूप में काम में आता है ज्ञानपुर में बस स्टेशन तो बन गया लेकिन बसे नहीं मिल पाई बस स्टैंड खंडहर का रूप ले चुका है और वहां सिर्फ दो प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड रखे गए हैं इसके अलावा पूरा परिसर खाली रहता है


Body:यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने को लेकर चाहे जो भी दावे किए जा रहे हैं लेकिन जनपद सृजन के 24 वर्ष बाद भी जिले को विभिन्न क्षेत्रों से जिला मुख्यालय के लिए सरकारी परिवहन सुविधा रोडवेज महानगरीय बसों के अभाव के चलते लोगों के लिए मुख्यालय पहुंचना आसान नहीं है लोगों को डग्गामार वाहनों से यात्रा करने में परेशानी उठाने के साथ कई स्थानों पर सवारी बदलने के साथ मनमानी किराए की वसूली की से आर्थिक शोषण का शिकार होना पड़ रहा है


Conclusion:भदोही की स्थिति यह है कि साथिया पहला जिला ऐसा होगा जहां पर बस स्टेशन सिर्फ एक है और वहां से बसों का संचालन भी नहीं होता है ऐसी स्थिति में अगर आप भदोही जिले में मुख्यालय आना चाहें तो आपको शाम 7:00 बजे के बाद एक भी वाहन नहीं मिलेंगे इस बदहाल स्थिति को सुधारने के लिए यहां के स्थानीय प्रशासन और नेताओं ने न कोशिश की और रही लोगों की बात प्रदेश के मुख्यमंत्री तक पहुंच पा रही है
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