भदोही: जिले के जीआईसी इंटक कॉलेज में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में शादी के बाद दो जोड़ों को योजना के तहत दी जाने वाली गृहस्थी का सामान नहीं दिया गया. वहीं विभाग का दावा है कि दोनों जोड़ों का नाम सूची में नहीं था. ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि जब नाम सूची में नहीं था तो जोड़ों का विवाह कैसे हुआ और सूची में दोनों जोड़े का नाम शामिल कैसे हुआ.
दो जोड़ों को नहीं मिला शादी का सामान
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत जिले में 100 जोड़ों की शादी कराने के बाद उन्हें योजना के तहत दी जाने वाली गृहस्थी का सामान दिया जाता है. गुरूवार को जिले में 100 जोड़ों की शादी कराई गई लेकिन वह सामान के लिए इधर-उधर भटकते रहे. जिले के गोपीगंज के डी ब्लॉक के दो जोड़े ऐसे थे, जो सामान न मिलने के बाद वहां देर शाम तक इंतजार करते रहे. कार्यक्रम में रंगनाथ की आशा से और नीतीश की आंचल से शादी कराई गई थी. दोनों जोड़े ने बताया कि उन्हें विभाग की तरफ से फोन आया था कि आज उनकी शादी कराई जाएगी. इसके लिए उन्होंने फार्म भी भरकर ब्लॉक में जमा किया था.
दोनों जोड़ों की शादी के बाद विभाग के अधिकारियों ने सूची में नाम न होने का हवाला देकर शादी का सामान देने से इंकार कर दिया. गौरतलब है कि शादी के बाद नवविवाहिता जोड़ी को विभाग की तरफ से पंखा, घड़ी, मोबाइल, कुकर, थाली, गिलास और कपड़े सहित अन्य सामग्री दी जाती है.
जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि हमें ब्लॉक कार्यालय की तरफ से जो सूची मिलती है, उसी को शादी के बाद सामग्री दी जाती है. सामूहिक विवाह में 100 जोड़ों को ही सम्मान दिया गया है. कई जोड़े ऐसे थे, जिनकी शादी पिछले महीने 14 नवंबर को सामूहिक विवाह में की गई थी, लेकिन उन्हें सामान न मिलने के कारण फिर से उनकी शादी कराई गई. साथ ही उन्हें सामान दिया गया.