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भदोही: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शादी के बाद भटकते रहे जोड़े, नहीं मिला गृहस्थी का सामान

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Published : Dec 12, 2019, 7:25 PM IST

उत्तर प्रदेश के भदोही में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का आयोजन किया गया. शादी के बाद दो जोड़ों को योजना के तहत दी जाने वाली गृहस्थी का सामान नहीं दिया गया. गृहस्थी का सामान पाने के लिए दोनों जोड़े कार्यक्रम में इधर से उधर भटकते रहे.

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मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में दो जोड़ों को नहीं मिला शादी का सामान.

भदोही: जिले के जीआईसी इंटक कॉलेज में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में शादी के बाद दो जोड़ों को योजना के तहत दी जाने वाली गृहस्थी का सामान नहीं दिया गया. वहीं विभाग का दावा है कि दोनों जोड़ों का नाम सूची में नहीं था. ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि जब नाम सूची में नहीं था तो जोड़ों का विवाह कैसे हुआ और सूची में दोनों जोड़े का नाम शामिल कैसे हुआ.

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में दो जोड़ों को नहीं मिला शादी का सामान.

दो जोड़ों को नहीं मिला शादी का सामान
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत जिले में 100 जोड़ों की शादी कराने के बाद उन्हें योजना के तहत दी जाने वाली गृहस्थी का सामान दिया जाता है. गुरूवार को जिले में 100 जोड़ों की शादी कराई गई लेकिन वह सामान के लिए इधर-उधर भटकते रहे. जिले के गोपीगंज के डी ब्लॉक के दो जोड़े ऐसे थे, जो सामान न मिलने के बाद वहां देर शाम तक इंतजार करते रहे. कार्यक्रम में रंगनाथ की आशा से और नीतीश की आंचल से शादी कराई गई थी. दोनों जोड़े ने बताया कि उन्हें विभाग की तरफ से फोन आया था कि आज उनकी शादी कराई जाएगी. इसके लिए उन्होंने फार्म भी भरकर ब्लॉक में जमा किया था.

दोनों जोड़ों की शादी के बाद विभाग के अधिकारियों ने सूची में नाम न होने का हवाला देकर शादी का सामान देने से इंकार कर दिया. गौरतलब है कि शादी के बाद नवविवाहिता जोड़ी को विभाग की तरफ से पंखा, घड़ी, मोबाइल, कुकर, थाली, गिलास और कपड़े सहित अन्य सामग्री दी जाती है.

जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि हमें ब्लॉक कार्यालय की तरफ से जो सूची मिलती है, उसी को शादी के बाद सामग्री दी जाती है. सामूहिक विवाह में 100 जोड़ों को ही सम्मान दिया गया है. कई जोड़े ऐसे थे, जिनकी शादी पिछले महीने 14 नवंबर को सामूहिक विवाह में की गई थी, लेकिन उन्हें सामान न मिलने के कारण फिर से उनकी शादी कराई गई. साथ ही उन्हें सामान दिया गया.

भदोही: जिले के जीआईसी इंटक कॉलेज में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में शादी के बाद दो जोड़ों को योजना के तहत दी जाने वाली गृहस्थी का सामान नहीं दिया गया. वहीं विभाग का दावा है कि दोनों जोड़ों का नाम सूची में नहीं था. ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि जब नाम सूची में नहीं था तो जोड़ों का विवाह कैसे हुआ और सूची में दोनों जोड़े का नाम शामिल कैसे हुआ.

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में दो जोड़ों को नहीं मिला शादी का सामान.

दो जोड़ों को नहीं मिला शादी का सामान
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत जिले में 100 जोड़ों की शादी कराने के बाद उन्हें योजना के तहत दी जाने वाली गृहस्थी का सामान दिया जाता है. गुरूवार को जिले में 100 जोड़ों की शादी कराई गई लेकिन वह सामान के लिए इधर-उधर भटकते रहे. जिले के गोपीगंज के डी ब्लॉक के दो जोड़े ऐसे थे, जो सामान न मिलने के बाद वहां देर शाम तक इंतजार करते रहे. कार्यक्रम में रंगनाथ की आशा से और नीतीश की आंचल से शादी कराई गई थी. दोनों जोड़े ने बताया कि उन्हें विभाग की तरफ से फोन आया था कि आज उनकी शादी कराई जाएगी. इसके लिए उन्होंने फार्म भी भरकर ब्लॉक में जमा किया था.

दोनों जोड़ों की शादी के बाद विभाग के अधिकारियों ने सूची में नाम न होने का हवाला देकर शादी का सामान देने से इंकार कर दिया. गौरतलब है कि शादी के बाद नवविवाहिता जोड़ी को विभाग की तरफ से पंखा, घड़ी, मोबाइल, कुकर, थाली, गिलास और कपड़े सहित अन्य सामग्री दी जाती है.

जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि हमें ब्लॉक कार्यालय की तरफ से जो सूची मिलती है, उसी को शादी के बाद सामग्री दी जाती है. सामूहिक विवाह में 100 जोड़ों को ही सम्मान दिया गया है. कई जोड़े ऐसे थे, जिनकी शादी पिछले महीने 14 नवंबर को सामूहिक विवाह में की गई थी, लेकिन उन्हें सामान न मिलने के कारण फिर से उनकी शादी कराई गई. साथ ही उन्हें सामान दिया गया.

Intro:भदोही जिले में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के कार्यक्रम में शादी के बाद दो जोड़ों को योजना के तहत दी जाने वाली गृहस्ती का सामान नहीं दिया गया जिससे दोनों जोड़े काफी निराश रहे विभाग का दावा है कि दोनों जोड़ों का नाम सूची में नहीं था ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि जब नाम सूची में नहीं था तो जोड़ों का विवाह कैसे हुआ और सूची में दोनों जोड़े का नाम शामिल कैसे हुआ और उनकी सामूहिक विवाह में शादी कैसे करा दी गई यह पहला ऐसा मामला नहीं है जिले में जितनी बार सामूहिक विवाह हुआ है हर बार कोई न कोई लापरवाही विभाग के सामने आती रही है


Body:मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत जिले में 100 जोड़ों की शादी कराने के बाद उन्हें योजना के तहत दी जाने वाली गृहस्ती का सामान दिया जाता है लेकिन कई ऐसे जोड़े थे जो निराश होकर लौट गए शादी हुआ लेकिन उन्हें जोड़ों को सामान नहीं मिला डी ब्लॉक के भी दो जोड़े ऐसे थे जो सामान ना मिलने के बाद वहां देर शाम तक इंतजार करते रहे शादी कराए जाने के बाद भी उन्हें हस्ती का सामान नहीं दिया गया डी ब्लॉक के रंगनाथ की आशा से और नीतीश की आंचल से शादी कराई गई थी दोनों जोड़े ने बताया कि उन्हें विभाग की तरफ से फोन आया था कि आज उनकी शादी कराई जाएगी इसके लिए उन्होंने फार्म भी भरकर ब्लॉक में जमा किया था


Conclusion:लेकिन शादी के बाद विभाग के अधिकारी सूची में नाम न होने का हवाला देकर गृहस्ती का सामान देने से इनकार कर दिया गौरतलब है कि शादी के बाद नवविवाहिता जोड़ी को विभाग की तरफ से पंखा घड़ी मोबाइल कुकर थाली गिलास और कपड़े सहित अन्य सामग्री दी जाती है विवाहित जोड़ों को गृहस्ती का सामान न दिए जाने पर जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि उन्हें ब्लॉक कार्यालय की तरफ से जो सूची मिली है उसी को शादी के बाद सामग्री दी जाती है सामूहिक विवाह में 100 जोड़ों को ही सम्मान दिया गया है कई जोड़े ऐसे थे जिनकी शादी पिछले महीने हुए 14 नवंबर को सामूहिक विवाह में किया गया था लेकिन उन्हें सामान न मिलने के कारण फिर से उनकी शादी कराई गई और उन्हें सामान दिया गया ऐसे में सवाल यह उठता है कि हर बार सामूहिक विवाह में कई जोड़े ऐसे क्यों जाते हैं जिनकी शादी तो हो जाती है लेकिन उन्हें सामान के लिए फिर दूसरी सामूहिक विवाह में शामिल होना पड़ता है कुछ दिनों पहले तहसील दिवस पर खराब सामान दिए जाने को लेकर डीएम के सामने एक जोड़े ने शिकायत की थी उसका असर इस बार देखने को मिला किसी भी जोड़े को आधा अधूरा सामान नहीं दिया गया

जिला समाज कल्याण विकास अधिकारी महेंद्र यादव की बाइट नव दंपति नितेश कुमार की बाइट तथा डी ब्लॉक की आंगनबाड़ी की बाइट


दीपू पांडे भदोही 90053 44633
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