भदोहीः राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय शैक्षणिक गुणवत्ता और सुविधा को बढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से अनुदान दिए जा रहे हैं. इसी कड़ी में जिले के काशी नरेश स्नातकोत्तर महाविद्यालय ज्ञानपुर में शैक्षणिक संस्थान की गुणवत्ता सुधारने के लिए 82 लाख रुपये स्वीकृत हुए थे. लेकिन महाविद्यालय में प्रोग्राम कोआर्डिनेटर नहीं होने के कारण बजट का उपयोग नहीं जा सका है. जिसकी वजह से छह महीनों से 82 लाख रुपये महाविद्यालय के खाते में पड़ा हुआ है.
निदेशालय ने कई बार भेजा पत्र
बता दें कि जिले के ज्ञानपुर में स्थित नरेश स्नातकोत्तर महाविद्यालय से प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर रश्मि सिंह का स्थानांतरण मिर्जापुर हो गया था. इसके बाद सरकार की ओर से स्वीकृत हुए बजट को किसी को खर्च करने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है. निदेशालय की तरफ से कई बार नोटिफिकेशन और पत्र भेजे जाने के बावजूद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. बजट स्वीकृत होने के बाद कॉलेज को सुसज्जित कराना भी एक चुनौती बनी हुई है.
छह महीने पहले स्वीकृत हुआ था बजट
कॉलेज में छात्रों के हित को देखते हुए स्टार योजना के अंतर्गत स्नातक के छात्रों और पाना परास्नातक के छात्रों के शोध कार्य के लिए डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के अंतर्गत करोड़ों रुपये का प्रस्ताव भेजा गया था. अप्रैल 2020 में ही केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से केएनपीजी के अलावा चार कॉलेजों का इसमें चयन किया गया था. मंत्रालय ने नरेश स्नातकोत्तर महाविद्यालय में डीबीटी के लिए 82 लाख की स्वीकृति दी थी, जिसमें चार प्रायोगिक विज्ञान विषयों के शिक्षण में उत्कृष्टता प्रदान किया जा सके. पैसे आने के बाद उम्मीद थी कि कॉलेज के साइंस डिपार्टमेंट का कायाकल्प होगा लेकिन ऐसा कुछ भी होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है. प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर के स्थानांतरण के बाद यहां कोई भी नियुक्ति नहीं की गई. जिसकी वजह से यह छह महीनों से डंप पड़ा हुआ है.
प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर के बिना प्रयोगशालाओं का विकास मुश्किल
नरेश स्नातकोत्तर महाविद्यालय में स्नातक, परास्नातक और शोध के विद्यार्थी बिना प्रैक्टिकल किए हुए भी अपना कोर्स पूरा कर लेते हैं. सब कुछ प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर के जाने के बाद से स्थिति बदला हुआ है. प्राचार्य डॉक्टर पीएन डोगरा ने बताया कि प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर के लिए कई बार निदेशालय को पत्र लिखा गया है. बिना प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर के प्रयोगशालाओं का विकास होना नामुमकिन है.