भदोही: कुछ ही दिनों में केंद्र सरकार अपना बजट पेश करने वाली है और इसको लेकर भदोही की कारपेट इंडस्ट्री हर बार की तरह इस बार भी काफी आशान्वित है. पिछले कुछ सालों में कारपेट इंडस्ट्री को बजट से कुछ खास फायदा नहीं हुआ, लेकिन वह अपनी मूलभूत चीजों को लेकर इस बजट से काफी आस लगाए हुए हैं. देखने वाली बात यह है कि क्या इस बजट में कालीन इंडस्ट्री के लिए कुछ खास पैकेज केंद्र सरकार देती है या नहीं, लेकिन यहां के एक्सपोर्टर और कालीन उद्योग से जुड़े लोग इस बजट को लेकर काफी आशान्वित दिख रहे हैं.
मूलभूत सुविधाओं से वंचित है भदोही
यहां के एक्सपोर्टरों का मानना है कि इस साल बजट में कालीन उद्योग का हब माने जाने वाले भदोही को अगर कुछ स्पेशल फंड मिलता है, तो सबसे जरूरी यह होगा कि भदोही के बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर यह फंड खर्च किए जाएं, ताकि यहां विदेशी बाजारों को आने में आसानी हो. यहां के एक्सपोर्टर और कारपेट से जुड़े लोगों को अपना कालीन बेचने के लिए देश-विदेश और दूसरे शहर जाना पड़ता है. जबकि भदोही में कोई भी विदेशी ग्राहक आने से कतराता है. अगर यहां शहर में मूलभूत सुविधाएं सरकार दे, तो इससे कालीन उद्योग को काफी फायदा होगा.
आने वाले बजट में कालीन उद्योग को है आस
कुछ जानकारों का यह कहना है कि इस साल बजट में कालीन उद्योग के लिए सब्सिडी का प्रावधान जरूर होगा. क्योंकि हमारा कंपटीशन उन देशों से हो रहा है, जो मशीन मेड कारपेट बनाते हैं, जिससे उनकी लागत काफी कम आती है और हम हैंडमेड कारपेट बनाने में अग्रणी हैं, लेकिन इसकी लागत काफी ज्यादा होती है. अगर सरकार इस पर कुछ सब्सिडी दे और गरीब बुनकरों के लिए भी कोई नई योजना लाए तो कारपेट इंडस्ट्री का ग्रोथ काफी तेजी से हो सकता है.
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कालीन उद्योग में सब्सिडी दे सरकार
मुख्य रूप से कारपेट इंडस्ट्री का प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान, ईरान, टर्की, चीन जैसे देश हैं, जो मशीन मेड कारपेट भेजते हैं. वहां उन देशों की सरकार उन्हें काफी सब्सिडी देती है, जिसकी वजह से हर साल वहां ग्रोथ भारत की तुलना में काफी तेजी से हो रहा है. सबसे बड़ी समस्या भदोही के लिए करोड़ों की लागत से बना एक्सपोर्ट मार्ट है, जिसमें आज तक एक भी फेयर नहीं लग पाया है. अगर वह चालू हो जाए तो यहां के कारपेट इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को काफी फायदा मिलेगा.