भदोही: कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते भदोही में कालीन बुनकर बेरोजगार हो गए हैं. पूरे देश से कालीनों का निर्यात 12 हजार करोड़ से अधिक है. दावा किया जाता है कि इस आंकड़े में 60 फीसदी हिस्सा अकेले भदोही का है. यहां की कालीन बड़े पैमाने पर अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, इटली, चीन सहित कई देशों में निर्यात होता है.
विश्व के लगभग सभी वो देश जो कालीन का आयात करते थे वो कोरोना महामारी से बड़े पैमाने पर प्रभावित हैं. अखिल भारतीय कालीन निर्माता संघ के पूर्व सचिव पियूष बरनवाल ने बताया कि कालीन कम्पनियां मिले ऑर्डर को पूरा करने में लगी हुई थीं और बड़े पैमाने पर कालीन बनकर तैयार था, लेकिन अचानक कोरोना के कारण पूरा विश्व रुक गया.
इस समय पूरे विश्व में जगह-जगह घोषित-अघोषित लॉकडाउन है. हम न कालीन बनाने और उसे निर्यात करने की स्थिति में हैं और न ही कोई देश उसे आयात करने की स्थिति में है. उद्योग को सिर्फ कोरोना से जुड़े अच्छी खबर का इंतजार है, लेकिन उसमें कितना समय लगेगा यह किसी को पता नहीं है.
वहीं इसे लेकर कालीन निर्यात संवर्धन परिषद के अध्यक्ष सिद्धनाथ सिंह का कहना है कि मौजूदा स्थितियों के कारण इंडस्ट्री को दो हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हो सकता है. निर्यताकों का माल डंप है. अयातक बकाया पैसा दे नहीं रहे क्योंकि वों खुद कोरोना से परेशान हैं. कार्पेट से जुड़े तमाम फेयर रद्द हो चुके हैं. मौजूदा स्थिति का असर कालीन उद्योग पर लंबे समय तक देखने को मिल सकता है.