संत कबीर नगरः किसानों के लिए सरकार तमाम योजनाएं चलाने के दावे करती है लेकिन जिले में किसानों की हालत ये है कि गेहूं बेचने के लिए उन्हें नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं. गेहूं क्रय केंद्रों पर पहुंचकर किसान एक हफ्ते से लाइन में लगे हुए हैं लेकिन उनके गेहूं की खरीदारी नहीं हो पा रही है. केंद्र प्रभारियों द्वारा किसानों को सेंटर पर बोरा उपलब्ध ना होने का बहाना बनाकर किसानों को लौटाया जा रहा है.
समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद एक अप्रैल से शुरू हुई जो 15 जून तक चलनी है. जब किसान अपनी उपज लेकर क्रय केंद्रों पर पहुंचे तो वहां पर किसानों के बैठने तक की कोई व्यवस्था नहीं थी, जबकि शासन का निर्देश था कि किसानों के बैठने के लिए छायादार स्थान, पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध कराया जाए.
आपको बता दें कि जनपद में संचालित विभिन्न क्रय केंद्रों पर लचर व्यवस्था के चलते किसान अपनी तैयार फसल बेचने के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं. मेहदावल ब्लॉक परिसर में स्थित सरकारी साधन समिति में बहुत गंभीर स्थिति है. यहां आलम यह है कि दो-दो महीने से नंबर लगाने के बावजूद भी अभी तक किसानों के गेहूं की खरीद नहीं हो सकी है. जिम्मेदार सचिव यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं कि हमें जिला प्रशासन द्वारा बोरा नहीं उपलब्ध कराया गया. इससे गेहूं खरीद नहीं कर पा रहे हैं. वहीं सेंटर पर एक-एक हफ्ते से अपना गेहूं लेकर पड़े किसान सरकार को कोसते नजर आए. यही आलम जनपद के गेहूं क्रय केंद्रों का है, जहां किसानों को सिर्फ समस्याओं से ही जूझना पड़ रहा है.
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किसान हरिराम ने बताया कि करीब एक महीने से गेहूं बेचने के लिए ऑनलाइन नंबर लगाया हुआ है. नंबर आने के बावजूद सेंटर पर पहुंचने पर केंद्र प्रभारी द्वारा ब्योरा ना होने की बात कही जाती है. उनके गेहूं की खरीदारी नहीं की जा रही है. किसान रामलाल ने भी बताया कि हफ्तों से परेशान हैं लेकिन गेहूं नहीं बिक रहा.