संतकबीरनगर: यूपी के संतकबीरनगर जिले में बस डिपो और स्थाई बस स्टैंड ना होने से यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. यात्री घंटो सड़क पर खड़े होकर बस का इंतजार करने पर मजबूर हैं. संतकबीरनगर जिले को जिला बने 23 साल का वक्त गुजर गया लेकिन जिले के लोगों को बस स्टॉप की व्यवस्था नहीं हो पाई.
बस डिपो और स्थाई बस स्टैंड की मांग
5 सितंबर 1997 को नवसृजित संतकबीरनगर जिला बना था. जिला बनने के बाद यहां काफी विकास भी हुआ, सरकारी भवन भी बने, लेकिन नहीं बना तो बस डिपो और स्थाई बस स्टैंड. 23 साल का एक बड़ा वक्त धीरे-धीरे गुजर गया, लेकिन एक रोडवेज डिपो की मांग को पूरा करने की मांग अनसुना कर दिया जा रहा है. शासन प्रशासन की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के शासनकाल में बनाए गए जिलों में शामिल संतकबीरनगर जिले को एक रोडवेज डिपो ना मिलने से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
यात्री हो रहे परेशान
संतकबीरनगर जिले से रोज लखनऊ, दिल्ली, गोरखपुर, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर और नेपाल तक का यात्रा करने वाले यात्री आए दिन परेशान हो रहे हैं. बस डिपो स्थाई बस स्टैंड ना होने से यात्रियों को घंटों खड़े होकर बसों का इंतजार करना पड़ता है. लेकिन ब से आने के बाद गुजर जाती हैं और यात्री खड़ा होकर दूसरे बसों का इंतजार करते हैं.
यात्रियों ने बताई समस्या-
लखनऊ यात्रा करने जा रहे सोनू यादव ने बताया कि वह घंटों से खड़ा होकर बस का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उनको कोई साधन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. बैठने की भी व्यवस्था नहीं है. जिससे खड़ा होकर ही उनको बसों का इंतजार करना पड़ रहा है. सोनू यादव ने कहा कि अगर जिले को बस डिपो और अस्थाई बस स्टैंड का निर्माण हो तो यात्रियों को राहत मिलेगी.
वहीं एक और यात्री प्रदीप कुमार ने बताया कि जिले को बने लगभग कई सालों का वक्त गुजर गया लेकिन बस डिपो और स्टैंड का निर्माण नहीं हो सका आए दिन यात्री परेशान हो रहे हैं. लेकिन बस डिपो स्टैंड की मांग को अनसुना कर दिया जा रहा है.
बस स्टैंड और डिपो की मांग को लेकर पत्राचार किया गया है. जमीन तलाशी जा रही है, जल्द ही स्थाई बस स्टैंड और डिपो का निर्माण कराकर यात्रियों को राहत दी जाएगी.
-दिव्या मित्तल, डीएम