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हाईकोर्ट के आदेश को नहीं मान रहे अधिकारी, फरियादी काट रहा चक्कर - संत कबीर नगर डीपीआरओ

संतकबीरनगर जिले में एक फरियादी पिछले एक महीने से इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक आदेश को लेकर विकास भवन में डीपीआरओ कार्यालय के चक्कर लगा लगाते-लगाते अब थक चुका है. वहीं डीपीआरओ के कान पर जूं तक नही रेंग रहा है या यूं कहें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को नहीं मानते डीपीआरओ.

संत कबीर नगर.
संत कबीर नगर.
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Published : Dec 23, 2020, 4:43 PM IST

संत कबीर नगरः मामला सेमरियावां ब्लॉक में आने वाले प्रसादपुर गांव का है. निवासी नसीम अहमद ने अपने गांव में हुए विकास कार्यों की अनिमितता की डीएम से शिकायत की थी. जिसके बाद डीएम के आदेश पर एडीओ पंचायत ने गांव में जांच की और लाखों रुपये के घोटाले का मामला भी सामने आया था, लेकिन घोटाला उजागर होने के बाद भी जिले के जिम्मेदारों ने घोटालेबाजों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.

फरियादी.
फरियादी.

इसके बाद पीड़ित नसीम अहमद ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और एक रिट याचिका दाखिल की. जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एक महीने के अंदर मामले को निस्तारण करने का आदेश दिया था. जिस पर डीएम दिव्या मित्तल ने तत्काल डीपीआरओ को मामले में कार्रवाई का आदेश भी दिया, लेकिन एक महीना गुजरने के बाद भी डीपीआरओ साहब की फाइल अभी तक कच्छप गति से ही चल रही है.

वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट के द्वारा दिए गए आदेश में एक महीने में मामले के निस्तारण का वक्त जब निकल गया. पीड़ित नसीम अहमद डीएम कार्यालय पहुंगा, लेकिन मीटिंग की वजह से पीड़ित की मुलाकात डीएम से नहीं हो सकी. जिसके बाद पीड़ित नसीम अहमद ने मीडिया के सामने अपना दर्द बयां किया. ये भी कहा कि अब तो यही लगता है, की डीपीआरओ साहब के सामने हाईकोर्ट का आदेश भी कोई मायने नहीं रखता. या हूं कह सकते हैं की कहीं न कहीं डीपीआरओ उमा शंकर मिश्र ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना की है.

पूरे मामले पर डीपीआरओ उमाशंकर मिश्रा ने बताया कि मामले की जांच अभी चल रही है. जल्द ही जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी जाएगी. वहीं जब डीपीआरओ उमा शंकर मिश्रा से हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना का सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अभी समय सीमा बचा है. जल्द ही उच्च अधिकारियों को जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी जाएगी.

संत कबीर नगरः मामला सेमरियावां ब्लॉक में आने वाले प्रसादपुर गांव का है. निवासी नसीम अहमद ने अपने गांव में हुए विकास कार्यों की अनिमितता की डीएम से शिकायत की थी. जिसके बाद डीएम के आदेश पर एडीओ पंचायत ने गांव में जांच की और लाखों रुपये के घोटाले का मामला भी सामने आया था, लेकिन घोटाला उजागर होने के बाद भी जिले के जिम्मेदारों ने घोटालेबाजों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.

फरियादी.
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इसके बाद पीड़ित नसीम अहमद ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और एक रिट याचिका दाखिल की. जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एक महीने के अंदर मामले को निस्तारण करने का आदेश दिया था. जिस पर डीएम दिव्या मित्तल ने तत्काल डीपीआरओ को मामले में कार्रवाई का आदेश भी दिया, लेकिन एक महीना गुजरने के बाद भी डीपीआरओ साहब की फाइल अभी तक कच्छप गति से ही चल रही है.

वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट के द्वारा दिए गए आदेश में एक महीने में मामले के निस्तारण का वक्त जब निकल गया. पीड़ित नसीम अहमद डीएम कार्यालय पहुंगा, लेकिन मीटिंग की वजह से पीड़ित की मुलाकात डीएम से नहीं हो सकी. जिसके बाद पीड़ित नसीम अहमद ने मीडिया के सामने अपना दर्द बयां किया. ये भी कहा कि अब तो यही लगता है, की डीपीआरओ साहब के सामने हाईकोर्ट का आदेश भी कोई मायने नहीं रखता. या हूं कह सकते हैं की कहीं न कहीं डीपीआरओ उमा शंकर मिश्र ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना की है.

पूरे मामले पर डीपीआरओ उमाशंकर मिश्रा ने बताया कि मामले की जांच अभी चल रही है. जल्द ही जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी जाएगी. वहीं जब डीपीआरओ उमा शंकर मिश्रा से हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना का सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अभी समय सीमा बचा है. जल्द ही उच्च अधिकारियों को जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी जाएगी.

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