संत कबीर नगर: सूफी संत कबीर की निर्वाण स्थली मगहर में लगने वाले मगहर महोत्सव पर भी करोनो का साया पड़ गया है. हर वर्ष 12 जनवरी से 18 जनवरी तक मगहर महोत्सव आयोजित किया जाता था. इस बार इस महोत्सव का आयोजन नहीं हो रहा है. महोत्सव न लगने से स्थानीय कलाकारों की उपेक्षा हो रही है. दूर-दराज से आए व्यापारी भी निराश हो रहे हैं.
महोत्सव में आते थे कबीर के अनुयायी
हर वर्ष 12 जनवरी से 18 जनवरी तक मगहर महोत्सव का आयोजन किया जाता था. मगहर महोत्सव में देश के नामी-गिरामी कलाकार आकर समा बांधते थे. स्थानीय कलाकारों को भी इस महोत्सव में अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का मौका मिलता था. देश के कोने-कोने से कबीर के अनुयायी मगहर पहुंचते थे और कबीर के संदेशों को पूरे देश में पहुंचाते थे.
मगहर महोत्सव में दूरदराज से आए व्यापारियों को भी अच्छा लाभ होता था, लेकिन इस बार महोत्सव न लगने से स्थानीय लोगों में रोष का माहौल है. प्रशासन और महंत की मानें तो कोरोना काल के मद्देनजर मगहर महोत्सव को आगे बढ़ाया गया है. हालांकि, अभी तक मगहर महोत्सव टालने की बात को प्रशासन ने स्पष्ट नहीं किया है.
आधिकारिक घोषणा नहीं की
व्यापारियों की मानें तो मगहर महोत्सव में वह अपना रोजगार काफी अच्छी तरीके से करते थे. महोत्सव को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा होती थी. इस बार व्यापारियों का घाटा होने का अनुमान है. चौरा मगहर के महंत विचार दास ने बताया कि कोरोना महामारी को देखते हुए प्रशासन ने महोत्सव की तारीख टालने की बात कही है. अभी आधिकारिक रूप से नहीं बताया गया कि मगहर महोत्सव नहीं लगेगा. प्रशासन ने 23 फरवरी से 25 फरवरी को महोत्सव लगवाने की बात कही है.