संतकबीरनगर : कोरोना की मार झेल रहे मूर्तिकारों का व्यवसाय अब धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा है. मूर्तिकारों को इस बार नुकसान नहीं झेलना होगा, क्योंकि इसी सप्ताह में शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो रहा है. नवरात्र के लिए मूर्तिकार तरह-तरह की प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हैं. संतकबीरनगर के मूर्तिकारों का कहना है, कि अब उनके दिन उबरने लगे हैं.
मूर्तिकारों ने बताया कि कोरोना काल के दौरान उन्हें काफी नुकसान हुआ था. लंबे समय से मूर्तिकारों की कोई आमदनी नहीं हो रही थी. जिसके कारण उन्हें अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए मूर्तिकला का काम छोड़कर छोटे-मोटे कार्यों पर निर्भर होना पड़ा था. मूर्तिकारों का कहना है, कि इस बार उन्हें धंधे से कफी उम्मीदें है. मूर्तिकारों ने बताया कि इस वर्ष उन्हें मूर्तियों के आर्डर मिल रहे है. आगामी शारदीय नवरात्रि के मौके पर मूर्तिकारों को पिछले समय में हुए नुकसान की भरपाई होने की उम्मीद है.
बता दें, कि संतकबीरनगर जिला मूर्तिकला का हब कहा जाता है. संतकबीर नगर जिले की बनी मूर्तियां बस्ती, सिद्धार्थनगर और गोरखपुर तक भेजी जाती हैं. कोरोना महामारी के कारण बीते 2 साल से इस जिले के मूर्तिकारों के धंधे पर ग्रहण लग गया था. लेकिन अब एक बार फिर से मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करने की छूट दी गयी है. जिससे मूर्तिकारों का धंधा चमकने लगा है. मूर्तिकारों को पहले से ही आर्डर मिल गए हैं.
आगामी 7 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो रहे हैं. नवरात्रि को लेकर इस बार मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाएगी, जिसके कारण जिले में मूर्तिकारों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. मूर्तिकार नवरात्र की तैयारी को लेकर अपनी मूर्ति को आखिरी रूप देने में जुटे हुए हैं.
मूर्तिकारों ने बताया कोरोना महामारी के कारण उनका धंधा चौपट हो गया था. जिसके कारण कई मूर्तिकार रोजी रोटी कमाने के लिए दूसरे शहरों में पलायन कर गए हैं. वहीं इस बार मूर्ति के धंधे में अच्छी आमदनी होने की उम्मीद है. मूर्तिकारों ने बताया कि अभी वह शारदीय नवरात्रि के लिए मूर्तियों को तैयार कर रहे हैं. इसके बाद वह दीपावली के पर्व के लिए मूर्तियां बनाएंगे.