संतकबीर नगर: मामला सेमरियावां ब्लॉक के उचहराकला गांव का है. यहां विकास के नाम पर आवंटित धन जब प्रधान व सचिव डकार गए हों तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि गांव के विकास की जमीनी हकीकत कितनी अच्छी होगी. मामले का खुलासा उस वक्त हुआ, जब गांव के ही एक युवा ग्रामीण ने जिलाधिकारी से शिकायत की. डीएम ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर रिपोर्ट मांगी है. इस दौरान ग्राम प्रधान और सचिव द्वारा आनन-फानन में घटिया सामग्रियों से कुछ कार्यों का निर्माण कार्य प्रारम्भ करा दिया गया.
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वहीं जांच टीम के सामने ही घटिया दर्जे की सामग्री का उपयोग निर्माण कार्य में चलता रहा, लेकिन जिम्मेदार कुछ भी बोलने से कतराते रहे. इस दौरान पाया गया कि लगभग 50 लाख रुपये का गबन किया गया है. हालांकि जब मौके पर मीडिया कर्मियों ने जांच टीम से सवाल किए तो जांच अधिकारी गोलमोल जवाब देकर अपना पल्ला झाड़ते नजर आए. अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी या फिर कागजों तक ही सीमित रह जाएगा घोटाले का ये मामला.