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नगरपालिका बाबू निलंबित, अन्य कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को लिखा पत्र

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Published : Jan 11, 2023, 9:12 AM IST

संभल नगर पालिका में भ्रष्टाचार की पोल खुलने के बाद पालिकाकर्मियों पर गाज गिरने लगी है. प्रशासन ने इस मामले में संलिप्त बाबू को निलंबित कर दिया है और एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है.

संभल
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संभल: नगर पालिका में बड़े भ्रष्टाचार की पोल खुलने के बाद अब पालिकाकर्मियों पर गाज गिरना शुरू हो गई है. धोखाधड़ी के मामले में फर्म के खिलाफ पहले ही मुकदमा दर्ज हो चुका है. वहीं, प्रशासन ने पूरे मामले में संलिप्त एक बाबू को निलंबित करते हुए एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है. इसके अलावा कई अन्य कर्मचारियों के खिलाफ शासन को कार्रवाई के लिए लिखा गया है. प्रशासन की इस कार्रवाई से अब नगर पालिका में हड़कंप मचा हुआ है.

बता दें कि जनपद की नगर पालिका संभल में वर्ष 2017 में चूना/सेलखरी का टेंडर निकाला गया थ. इसके लिए मैसर्स सनलाइट इंटरप्राइजेज संभल नाम की फर्म ने टेंडर में प्रतिभाग किया था. यही नहीं टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के बाद उक्त फर्म ने पालिका को 2670 क्विंटल चूना/सेलखरी खरीदा जाना बताया था. फर्म स्वामी का उक्त टेंडर का भुगतान नहीं हुआ था. इसके बाद फर्म स्वामी रिहानुल हुदा टेंडर के भुगतान के लिए हाईकोर्ट गया, जहां से जिला प्रशासन को आदेश दिया गया.

इस मामले में डीएम ने 4 सदस्यीय जांच कमेटी गठित की. फर्म स्वामी द्वारा 2670 क्विंटल चूना/सेलखरी खरीद के बिल समिति के समक्ष पेश नहीं किए गए. जांच समिति ने उक्त टेंडर को संदिग्ध मानते हुए जांच कराई तो पता चला कि जिस फर्म के नाम से टेंडर हुआ है. उसका लाइसेंस वर्ष 2016 में ही निरस्त किया जा चुका है. लेकिन, फिर भी उक्त फर्म ने तथ्य को छुपाते हुए टेंडर प्रक्रिया को अपनाया. इसके बाद डीएम के आदेश पर मैसर्स सनलाइट इंटरप्राइजेज संभल के खिलाफ कोतवाली संभल में मुकदमा दर्ज़ कराया गया. वहीं, इस मामले में संलिप्त एक बाबू के खिलाफ भी कार्रवाई हुई है.

अपर जिला मजिस्ट्रेट प्रदीप वर्मा ने बताया कि चूना सेलखड़ी की खरीद के मामले में कुछ लोगों द्वारा डीएम को शिकायती पत्र दिया गया था. डीएम द्वारा इस मामले में एक कमेटी गठित की गई थी. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दी कि खरीद सही नहीं की गई और बिल गलत तरीके से बनाए गए हैं. जांच उपरांत लिपिक हरीश कुमार को निलंबित किया गया. संबंधित फर्म के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया गया है. यही नहीं इस मामले में सहभागी अन्य कर्मचारियों के खिलाफ शासन को पत्र लिखा गया है कि इनके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जाए. वहीं, संबंधित बाबू जिसने गलत तरीके से स्टॉक में अंकित किया था उसके खिलाफ भी अभियोग पंजीकृत कराया जाएगा.

यह भी पढ़ें: निजी कंपनी ने वितरण लाइसेंस के लिए नियामक आयोग में दाखिल की याचिका, उपभोक्ता परिषद ने किया विरोध



संभल: नगर पालिका में बड़े भ्रष्टाचार की पोल खुलने के बाद अब पालिकाकर्मियों पर गाज गिरना शुरू हो गई है. धोखाधड़ी के मामले में फर्म के खिलाफ पहले ही मुकदमा दर्ज हो चुका है. वहीं, प्रशासन ने पूरे मामले में संलिप्त एक बाबू को निलंबित करते हुए एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है. इसके अलावा कई अन्य कर्मचारियों के खिलाफ शासन को कार्रवाई के लिए लिखा गया है. प्रशासन की इस कार्रवाई से अब नगर पालिका में हड़कंप मचा हुआ है.

बता दें कि जनपद की नगर पालिका संभल में वर्ष 2017 में चूना/सेलखरी का टेंडर निकाला गया थ. इसके लिए मैसर्स सनलाइट इंटरप्राइजेज संभल नाम की फर्म ने टेंडर में प्रतिभाग किया था. यही नहीं टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के बाद उक्त फर्म ने पालिका को 2670 क्विंटल चूना/सेलखरी खरीदा जाना बताया था. फर्म स्वामी का उक्त टेंडर का भुगतान नहीं हुआ था. इसके बाद फर्म स्वामी रिहानुल हुदा टेंडर के भुगतान के लिए हाईकोर्ट गया, जहां से जिला प्रशासन को आदेश दिया गया.

इस मामले में डीएम ने 4 सदस्यीय जांच कमेटी गठित की. फर्म स्वामी द्वारा 2670 क्विंटल चूना/सेलखरी खरीद के बिल समिति के समक्ष पेश नहीं किए गए. जांच समिति ने उक्त टेंडर को संदिग्ध मानते हुए जांच कराई तो पता चला कि जिस फर्म के नाम से टेंडर हुआ है. उसका लाइसेंस वर्ष 2016 में ही निरस्त किया जा चुका है. लेकिन, फिर भी उक्त फर्म ने तथ्य को छुपाते हुए टेंडर प्रक्रिया को अपनाया. इसके बाद डीएम के आदेश पर मैसर्स सनलाइट इंटरप्राइजेज संभल के खिलाफ कोतवाली संभल में मुकदमा दर्ज़ कराया गया. वहीं, इस मामले में संलिप्त एक बाबू के खिलाफ भी कार्रवाई हुई है.

अपर जिला मजिस्ट्रेट प्रदीप वर्मा ने बताया कि चूना सेलखड़ी की खरीद के मामले में कुछ लोगों द्वारा डीएम को शिकायती पत्र दिया गया था. डीएम द्वारा इस मामले में एक कमेटी गठित की गई थी. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दी कि खरीद सही नहीं की गई और बिल गलत तरीके से बनाए गए हैं. जांच उपरांत लिपिक हरीश कुमार को निलंबित किया गया. संबंधित फर्म के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया गया है. यही नहीं इस मामले में सहभागी अन्य कर्मचारियों के खिलाफ शासन को पत्र लिखा गया है कि इनके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जाए. वहीं, संबंधित बाबू जिसने गलत तरीके से स्टॉक में अंकित किया था उसके खिलाफ भी अभियोग पंजीकृत कराया जाएगा.

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