संभल: दिल्ली से अयोध्या भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होने के लिए मुस्लिम महिला शबनम खान ने कड़ा संकल्प लिया है. वह महोत्सव में शामिल होने के लिए दिल्ली से करीब 700 किलोमीटर की पदयात्रा करके अयोध्या पहुंचेंगी. मानवाधिकार कार्यकर्ता शबनम खान इन दिनों अपनी यात्रा पर ही हैं और शुक्रवार की रात उत्तर प्रदेश के संभल पहुंचीं.
संभल पहुंचकर मानवाधिकार कार्यकर्ता शबनम खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की जमकर सराहना की. उन्होंने पीएम मोदी की भगवान श्री राम से तुलना की है. कहा कि जिस दिन नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने उसी दिन से देश में रामराज आ गया था. आप हनुमान जी बनकर मोदी को देखेंगे तो उनमें प्रभु श्री राम नजर आएंगे.
संभल जिले के बबराला में शुक्रवार को रात विश्राम के दौरान मानव अधिकार कार्यकर्ता शबनम खान ने कहा कि राम मंदिर के नाम से मन श्रद्धा से भर जाता है. यूपी में योगी सरकार ने गुंडों पर लगाम लगाई है. अब मुसलमानों को बदलना चाहिए. मुसलमानों का भी मन है कि वे जय श्रीराम बोलें. उन्होंने मुसलमानों से आह्वान किया कि वह दिखाएं कि वे भी सेक्युलर हैं. राममंदिर उद्घाटन के दिन वे भी अपने घरों में दिए जलाएं.
शबनम खान ने कहा कि तौकीर रजा और शफीकुर्रहमान बर्क जैसे लोगों के खिलाफ सरकार लगाम लगाए. उन्होंने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि वे अल्लाह का इस्लाम पढ़ें. जो मुल्ला का इस्लाम पढ़ेगा वह गर्त में जाएगा. काशी मथुरा के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो मंदिर मिलने जा रहे हैं, हमें उनका स्वागत करना चाहिए. यह कटु सत्य है कि मुगलों ने मंदिरों को तोड़ कर उन पर मस्जिद बनाईं.
शबनम खान ने मोदी सरकार के कार्यों की जमकर सराहना की. कहा कि मोदी सरकार में मुसलमानों की बेहतरीन स्थिति है. मोदी राज में मुसलमान सौ फीसदी सुरक्षित है. शबनम खान ने मुसलमानों से कहा कि वह मुल्लाओं को सुनना छोड़ दें. 6 दिसंबर के नाम पर हमें डराया जाता है. मुस्लिमों को कट्टरपंथी मुल्लाओं से वे छुड़ाना चाहती हैं. कट्टरपंथी गलत दिशा दिखाएंगे.
रोहिंग्याओं को बलात्कारी चोर बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे देश का मुसलमान बदनाम होता है. रोहिंग्याओं के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. मोदी के मुस्लिमों के एक हाथ में कंप्यूटर और एक हाथ में कुरान पर कहा कि इससे बेहतर हूर तीन तलाक जैसी चीजों से मुसलमान निकल सकेगा. मोदी और योगी किसी की सुनते नहीं हैं. वह जो करते हैं सही करते हैं. दोनों ही सही दिशा में काम करते रहते हैं. शबनम खान ने कहा कि भले ही हमें आजादी 1947 में मिली हो लेकिन असली बदलाव 2014 में आया है.