संभल: इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर अभी तक कोई एकमत नहीं बन पाया है. इस बीच कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की जगह प्रियंका गांधी को प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाया जाना चाहिए. उनके बयान के बाद कांग्रेस पार्टी की तरफ से अभी कोई बयान जारी नहीं किया गया है.
संभल में भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष चौधीर हरेंद्र सिंह के पिता का देहांत हो गया था. उनके तेरहवीं का कार्यक्रम में रविवार को संभल सदर क्षेत्र के कुरकावली गांव में आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम भी पहुंचे थे. वहीं, मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि इंडिया गठबंधन अगर मिलकर कांग्रेस के किसी नेता को प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाता है तो वह उसका स्वागत करेंगे. लेकिन इस तरह से बयानबाजी कर हमारे घर में लड़ाई करने की बात हो रही है. दलित चेहरे के सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष हैं. लेकिन प्रधानमंत्री के चेहरे के तौर पर वह प्रियंका गांधी को देखना चाहते हैं.
बता दें कि इंडिया गठबंधन की ओर से अभी चार बैठकें हो चुकी हैं. इसके बाद भी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. इंडिया गठबंधन में दलित चेहरे को पीएम पद का उम्मीदवार बनाए जाने की बात की जा रही है. वहीं इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पीएम का चेहरा बनाए जाने की वकालत की. इसके बाद मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम पर बहस छिड़ गई है.
वहीं, प्रियंका गांधी को यूपी कांग्रेस प्रभारी पद से हटाए जाने के सवाल पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि राजनीति में परिवर्तन होना और जीवन में परिवर्तन होना यह सब दैनिक प्रक्रिया है. महत्वपूर्ण पद पर जब किसी को नियुक्त करते हैं या फिर प्रभारी बनाते हैं तो वह पार्टी को मजबूती देता है. लेकिन जब पार्टी को मजबूती नहीं मिलती है तो अन्य का चयन किया जाता है. यह एक सतत प्रक्रिया है. पार्टी ने इसे आगे बढ़ाया है तो इसके परिणाम अच्छे होंगे.
प्रियंका गांधी को यूपी में सफल नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह यूपी में बहुत मेहनत की हैं और जी तोड़ काम की हैं. उन्होंने गांव-गांव जाकर महिलाओं, गरीबों, मजदूरों की आवाज को उठाया है. जनतंत्र में सारी शक्तियां जनता में ही निहित होती हैं, जनता जिसे चाहती है, उसे सिंहासन पर बैठा देती है. जनता जिसे चाहती है, उसे सिंहासन से उतार देती है. यह फैसला जनता का है. वह फिर पूरे देश में काम करेंगी. प्रियंका गांधी को यह कहना कि वह सफल नहीं हो पाई हैं, वह असफल हो गई. यह कहना ठीक नहीं है. उन्होंने अपना कर्तव्य ईमानदारी के साथ किया और अब वह देश की सेवा में लगी हैं.