संभल : अभी तक आपने पुलिस का गुड वर्क सुना होगा लेकिन संभल जिले में ग्रामीणों ने बुधवार रात एक अपहृत युवक की जान बचाई. आरोप है कि पुलिस ने छुड़ाए गए अपहृत युवक को बगैर मेडिकल कराए परिजनों को सौंप दिया. दो जिलों का मामला होने की वजह से पुलिस बोलने के लिए तैयार नहीं है.
पूरा मामला गुन्नौर थाने के गांव लोधे की मढ़ैइयां का है. जहां बुधवार रात अवारा पशुओं से फसल की रखवाली करने के लिए गांव के किसान खेतों की ओर आए थे. गश्त के दौरान ईख के खेत में बंधा पड़ा एक युवक किसानों को मिला. शुरुआत में किसानों ने उसे नशेड़ी समझा. मगर जब उसके पैर और मुंह बंधे मिले तो हड़कंप मच गया. शोर मचने पर सैकड़ों लोग मौके पर पहुंच गए और अपहृत युवक को बंधन से मुक्त कराया. ग्रामीणों के अनुसार युवक के मुंह और पीठ पर चोट के निशान मिले. ग्रामीणों ने पानी पिला कर उससे पूरी कहानी सुनी.
घायल युवक ने बताया कि तीन चार दिन पहले उसका बदायूं जनपद से अपहरण किया गया था. ग्रामीणों ने मामले की पुलिस को सूचना दी. पुलिस मौके पर नहीं पहुंची तो ग्रामीणों ने युवक के परिजनों को सूचना दी परिजन मौके पर पहुंचे. ग्रामीण और परिजन युवक को लेकर गुन्नौर थाना आए, जहां पुलिस ने उससे हमदर्दी तो दिखाई लेकिन मेडिकल जैसी लीगल प्रक्रिया भी पूरी नहीं की. संभल के एएसपी ने बताया कि यह पूरा मामला बदायूं जिले से जुड़ा हुआ है इसलिए बदायूं पुलिस ही पूरे मामले को देखेगी. संभल पुलिस का इस मामले से कोई मतलब नहीं है. जिले के पुलिस अफसरों ने कैमरे पर इस मामले में बोलने से इनकार कर दिया.
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