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आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा संभल का जिला अस्पताल

संभल में जिला अस्पताल आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. इस अस्पताल में आज की तारीख में न तो पर्याप्त संख्या में डॉक्टर हैं और न ही चिकित्सीय उपकरण.

जानकारी देते मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एके गुप्ता
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Published : Mar 5, 2019, 10:54 PM IST

संभल : उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ जहां अपनी हर जनसभा में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने का दावा कर रहे हैं तो वहीं संभल का जिला अस्पताल आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.

जानकारी देते मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एके गुप्ता

सपा सरकार में बने इस जिला अस्पताल में आज न तो पर्याप्त संख्या में डॉक्टर हैं और न ही चिकित्सीय उपकरण. जिला अस्पताल के लिए करोड़ों रुपए का बजट रखा गया है. मगर नीचे से लेकर ऊपर तक चिकित्सा विभाग के अधिकारी इसका भट्टा बैठा रहे हैं.

इस मामले में जब मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एके गुप्ता से बात की गई, तब उन्होंने बताया कि वह शासन को कई बार पत्र लिखकर वर्तमान स्थिति के बारे में बता चुके हैं. मगर इसपर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. उन्होंने ये भी बताया कि आईसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा तो बहुत दूर यहां पर फिजिशियन तक नहीं उपलब्ध है.

उन्होंने आगे कहा कि यहां 66 डॉक्टरों के पद सृजित हैं. मगर मात्र पांच डॉक्टरों की तैनाती है. इसमें से एक या दो छुट्टी पर भी रहते हैं. ऐसे में जिला अस्पताल में प्रतिदिन होने वाली करीब 700 से 800 ओपीडी किस तरह से संभाली जाती है, यह तो ऊपर वाला ही जानता है.

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गंभीर रोग से पीड़ित मरीजों और घायल मरीजों के बारे में डॉक्टर गुप्ता से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि घायल और गंभीर रोग से पीड़ित मरीजों को मुरादाबाद जिला अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है.

संभल : उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ जहां अपनी हर जनसभा में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने का दावा कर रहे हैं तो वहीं संभल का जिला अस्पताल आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.

जानकारी देते मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एके गुप्ता

सपा सरकार में बने इस जिला अस्पताल में आज न तो पर्याप्त संख्या में डॉक्टर हैं और न ही चिकित्सीय उपकरण. जिला अस्पताल के लिए करोड़ों रुपए का बजट रखा गया है. मगर नीचे से लेकर ऊपर तक चिकित्सा विभाग के अधिकारी इसका भट्टा बैठा रहे हैं.

इस मामले में जब मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एके गुप्ता से बात की गई, तब उन्होंने बताया कि वह शासन को कई बार पत्र लिखकर वर्तमान स्थिति के बारे में बता चुके हैं. मगर इसपर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. उन्होंने ये भी बताया कि आईसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा तो बहुत दूर यहां पर फिजिशियन तक नहीं उपलब्ध है.

उन्होंने आगे कहा कि यहां 66 डॉक्टरों के पद सृजित हैं. मगर मात्र पांच डॉक्टरों की तैनाती है. इसमें से एक या दो छुट्टी पर भी रहते हैं. ऐसे में जिला अस्पताल में प्रतिदिन होने वाली करीब 700 से 800 ओपीडी किस तरह से संभाली जाती है, यह तो ऊपर वाला ही जानता है.

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गंभीर रोग से पीड़ित मरीजों और घायल मरीजों के बारे में डॉक्टर गुप्ता से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि घायल और गंभीर रोग से पीड़ित मरीजों को मुरादाबाद जिला अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है.

संभल का जिला अस्पताल आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है भले ही उत्तर प्रदेश में 2 साल से भाजपा सरकार काम कर रही है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी हर जनसभा में प्रदेश की स्वास्थ सेवाओं को बेहतर करने का दावा कर रहे हैं,
मुख्यमंत्री के प्रदेशभर में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता की सच्चाई जाननी है तो आप संभल के जिला अस्पताल में आइए और देखिए की मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के दावों मैं कितनी सच्चाई है संभल का जिला अस्पताल अपने निर्माण से लेकर आज तक अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा सपा सरकार में संभल में जिला अस्पताल के बिल्डिंग तो बन गई लेकिन कभी भी यहां पर नाथू पर्याप्त चिकित्सक ही आए और ना ही चिकित्सीय उपकरण करोड़ों रुपए का बजट जरूर हर बरसाता है और उसकी बंदरबांट बड़े आराम से नीचे से लेकर ऊपर तक चिकित्सा विभाग के अधिकारी चट कर जाते संभल में मौजूद स्वास्थ सुविधाओं को लेकर जब सम्मान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ए के गुप्ता से जानकारी दी गई उन्होंने साफ तौर पर कहा की संभल जिला अस्पताल में उनकी शादी को 2 साल हो गए और वह शासन को कई बार पत्र लिखकर वस्तुस्थिति से अवगत भी करा दिए हैं लेकिन ना तो अभी तक जसपाल संभल को डॉक्टर ही मिले हैं और ना ही स्टाफ जब पूछा गया की जिला संभल में वेंटीलेटर और आईसीयू की सुविधा उपलब्ध है उन्होंने साफ तौर पर कहा किजाल संभल में कोई भी आईसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा तो बहुत दूर यहां पर फिजिशियन तक नहीं उपलब्ध है उन्होंने बताया किस संबंध बचपन में 66 डॉक्टरों के पद सृजित हैं लेकिन यहां पर मात्र 5 डॉक्टरों की तैनाती है इसमें से एक या दो छुट्टी पर भी रहते हैं ऐसे में जिला अस्पताल में प्रतिदिन होने वाली करीब 700 से 800 ओपीडी किस तरह से संभाली जाती है यह तो ऊपर वाला ही जानता है पूछा गया जवाब दाल में वेंटिलेटर की सुविधा नहीं है तो गंभीर घायल अथवा गंभीर रोग से पीड़ित मरीजों को कैसे करते हैं तो मिस्टर गुप्ता ने साफ बताया कि वह गंभीर घायल अथवा गंभीर रोग से पीड़ित सीरियस व्यक्ति को मुरादाबाद जिला अस्पताल में रेफर कर देते हैं
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