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पेट्रोलियम उत्पादों को 28% GST के दायरे में लाने की मांग

यूपी के संभल में सोमवार को पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती दरों को लेकर अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से पेट्रोलियम उत्पादों को 28% जीएसटी के दायरे में लाने की मांग की है. व्यापारियों का कहना है कि ऐसा करने से महंगाई पर लगाम लगेगी. साथ ही आम जनता की कमर नहीं टूटेगी.

पेट्रोलियम उत्पादों को 28% GST के दायरे में लाने की मांग
पेट्रोलियम उत्पादों को 28% GST के दायरे में लाने की मांग
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Published : Mar 1, 2021, 5:21 PM IST

संभलः देश में पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर सोमवार को अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय आह्वान पर उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. उपजिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन भारत सरकार के वित्त मंत्री को भेजा गया. ज्ञापन में पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस व अल्कोहल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग की.

पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग
ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी में लाने से आम जनता एवं उद्योग व्यापार को महंगाई और कच्चे माल की कीमतों से राहत मिलेगी. क्योंकि जीएसटी के अधिकतम दर 28 परसेंट है. पेट्रोलियम पदार्थों को 28% के दायरे में आने से इनकी कीमतों पर 25% की कमी आएगी. ऐसा करने से महंगाई घटेगी, कच्चे माल की कीमत कम होगी, भाड़ा कम होगा, जिससे जनता को महंगाई से राहत मिलेगी.

जीएसटी में अब तक हुए 1000 संशोधन
बता दें कि जीएसटी में ई-वे बिल सीमा को सरकार ने एक दिन में 200 किलोमीटर कर दी है जो कि सही नहीं है. इसे पहले की तरह 100 किलोमीटर करा दिया जाए. इसके अलावा जीएसटी पर किसी भी तकनीकी भूल के कारण कोई भी अर्थ दंड या जुर्माना न लगाया जाए. जीएसटी जब से लागू हुई है, तब से अब तक कम से कम 1000 बार संशोधन हो चुके हैं.

भ्रष्ट अधिकारियों पर हो कार्रवाई
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि जीएसटीआर-1 एवं जीएसटीआर-3 में यदि किसी कारण से समानता हो जाती है तो कुछ त्रुटि के सुधार की गुंजाइश रखी जाए. इसके अलावा व्यापारियों को अपनी बात कहने का अवसर दिया जाए. साथ ही वस्तु एवं सेवा कर के जो अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए.

ज्ञापन सौंपने वालों में अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष प्रेम ग्रोवर, युवा प्रदेश मंत्री शाह आलम मंसूरी, जिला महामंत्री प्रभात कृष्णा, विकास मिश्रा, अनुज वार्ष्णेय, सुशील छोटू, वसीम अख्तर, राजू चड्डा. मोहम्मद राशिद, शुभम अग्रवाल, खालिद यामीन, गोविंद ठाकुर और तनवीर अहमद मौजूद रहे.

संभलः देश में पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर सोमवार को अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय आह्वान पर उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. उपजिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन भारत सरकार के वित्त मंत्री को भेजा गया. ज्ञापन में पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस व अल्कोहल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग की.

पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग
ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी में लाने से आम जनता एवं उद्योग व्यापार को महंगाई और कच्चे माल की कीमतों से राहत मिलेगी. क्योंकि जीएसटी के अधिकतम दर 28 परसेंट है. पेट्रोलियम पदार्थों को 28% के दायरे में आने से इनकी कीमतों पर 25% की कमी आएगी. ऐसा करने से महंगाई घटेगी, कच्चे माल की कीमत कम होगी, भाड़ा कम होगा, जिससे जनता को महंगाई से राहत मिलेगी.

जीएसटी में अब तक हुए 1000 संशोधन
बता दें कि जीएसटी में ई-वे बिल सीमा को सरकार ने एक दिन में 200 किलोमीटर कर दी है जो कि सही नहीं है. इसे पहले की तरह 100 किलोमीटर करा दिया जाए. इसके अलावा जीएसटी पर किसी भी तकनीकी भूल के कारण कोई भी अर्थ दंड या जुर्माना न लगाया जाए. जीएसटी जब से लागू हुई है, तब से अब तक कम से कम 1000 बार संशोधन हो चुके हैं.

भ्रष्ट अधिकारियों पर हो कार्रवाई
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि जीएसटीआर-1 एवं जीएसटीआर-3 में यदि किसी कारण से समानता हो जाती है तो कुछ त्रुटि के सुधार की गुंजाइश रखी जाए. इसके अलावा व्यापारियों को अपनी बात कहने का अवसर दिया जाए. साथ ही वस्तु एवं सेवा कर के जो अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए.

ज्ञापन सौंपने वालों में अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष प्रेम ग्रोवर, युवा प्रदेश मंत्री शाह आलम मंसूरी, जिला महामंत्री प्रभात कृष्णा, विकास मिश्रा, अनुज वार्ष्णेय, सुशील छोटू, वसीम अख्तर, राजू चड्डा. मोहम्मद राशिद, शुभम अग्रवाल, खालिद यामीन, गोविंद ठाकुर और तनवीर अहमद मौजूद रहे.

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