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सहारनपुर : विश्व योग दिवस के लिए ऑनलाइन हो रहा योगाभ्यास

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Published : Jun 20, 2020, 9:38 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

योग पद्धति भारत में करीब 5000 साल से चली आ रही है. योग साधना को आत्मा और परमात्मा के बीच सामंजस्य का अद्धभुत विज्ञान माना गया है. प्रतिवर्ष 21 जून को अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है लेकिन इस साल योग दिवस हर साल से बिल्कुल अलग होगा.

saharanpur
ऑनलाइन योगा ट्रेनिंग.

सहारनपुर: 21 जून को अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की तैयारियां की जा रही हैं लेकिन इस बार योग दिवस पर भी कोरोना वायरस का ग्रहण लगता नजर आ रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करने के लिए लोगों ने ऑनलाइन योगाभ्यास करना शुरू कर दिया है. पिछले एक महीने से देश विदेश के साधक योग गुरु के निर्देशन में ऑनलाइन योग कर रहे हैं. मोबाइल, लैपटॉप पर आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल कर प्राचीनतम योग पद्धति को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं. हालांकि, शुरुआत में योग गुरुओं को आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने में परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन धीरे-धीरे सब ठीक होता गया. देश-प्रदेश के ही नहीं, बल्कि विदेशी साधक भी योगाभ्यास कर योग दिवस घर पर ही मनाने की तैयारी कर रहे हैं. वहीं पिछले साल जिला मुख्यालय, तहसील एवं ब्लॉक समेत सभी स्कूल-कॉलेजों में योग दिवस मनाया गया था.

सहारनपुर में योग दिवस से पहले ऑनलाइन योगाभ्यास कर रहे साधक.

योग पद्धति भारत में करीब 5000 साल से चली आ रही है. योग साधना को आत्मा और परमात्मा के बीच सामंजस्य का अद्धभुत विज्ञान माना गया है. यही वजह है कि प्राचीन पद्धति का विस्तार करने के लिए प्रतिवर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. पीएम मोदी के प्रयास से 2015 में दुनिया भर के देशों ने योग को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में अपनाया था. तभी से 21 जून को प्रति वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है, लेकिन 2020 में चीन से आये कोरोना वायरस ने इस योग दिवस की तैयारियों पर ग्रहण लगा दिया है. कोरोना महामारी के बढ़ते पॉजिटिव मामलों को देखते हुए इस बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने पर भी रोक लगाई गई है. जनपद सहारनपुर की बात करें तो 2019 में योग दिवस के मौके पर एक साथ एक लाख से ज्यादा साधकों ने योगाभ्यास कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते योग दिवस मनाना तो दूर साधकों के लिए योगाभ्यास करना भी मुश्किल हो गया है.

जूम एप से जुड़ कर लोग कर रहे योग
बावजूद इसके साधकों ने योग गुरु की मदद से ऑनलाइन योगाभ्यास करने की पहल की है. सहारनपुर में योग गुरु डीके बंसल की अगुवाई में सैकड़ों साधक लैपटॉप और मोबाइल पर जूम एप से ऑनलाइन आकर योग सीख रहे हैं. खास बात ये है कि कोरोना काल में सभी साधक निःशुल्क ऑनलाइन योगाभ्यास कर रहे हैं. इसके लिए केवल सभी को अपने मोबाइल और लैपटॉप में जूम एप डाउनलोड करना पड़ रहा है. ईटीवी भारत से बातचीत में ऑनलाइन साधकों ने न सिर्फ योग के फायदे बताए बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग के अनुपालन के लिए ऑनलाइन योगाभ्यास को ही बेहतर बताया. उन्होंने कहा कि योग करने से शरीर मे रोग निरोधक क्षमता बढ़ती है, जिससे कोरोना वायरस को भी मात दिया जा सकता है.

योग भारत की प्राचीनतम सभ्यता
वहीं ऑनलाइन योगाभ्यास करा रहे योग गुरु डीके बंसल ने बताया कि योग हमारी प्राचीनतम सभ्यता में से एक है. इसका उदगम स्वयं भगवान शिव हैं. भगवान शिव ने योग को कैसे अपनाया इसके बारे में भी बताया है. पूर्व में बहुत सारे ऋषि मुनि और गुरुजन हुए हैं, जिन्होंने योग को हम तक पहुंचाया है. अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर हर साल योग के लिए बड़े बड़े शिविर लगते रहे, लेकिन इस बार आपदा को अवसर में बदलने का वक्त है. कोरोना काल में आधुनिक तकनीक का सहारा लेकर योग का न सिर्फ प्रचार किया जा रहा है, बल्कि ऑनलाइन साधकों को जोड़ा गया है.

सहारनपुर: 21 जून को अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की तैयारियां की जा रही हैं लेकिन इस बार योग दिवस पर भी कोरोना वायरस का ग्रहण लगता नजर आ रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करने के लिए लोगों ने ऑनलाइन योगाभ्यास करना शुरू कर दिया है. पिछले एक महीने से देश विदेश के साधक योग गुरु के निर्देशन में ऑनलाइन योग कर रहे हैं. मोबाइल, लैपटॉप पर आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल कर प्राचीनतम योग पद्धति को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं. हालांकि, शुरुआत में योग गुरुओं को आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने में परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन धीरे-धीरे सब ठीक होता गया. देश-प्रदेश के ही नहीं, बल्कि विदेशी साधक भी योगाभ्यास कर योग दिवस घर पर ही मनाने की तैयारी कर रहे हैं. वहीं पिछले साल जिला मुख्यालय, तहसील एवं ब्लॉक समेत सभी स्कूल-कॉलेजों में योग दिवस मनाया गया था.

सहारनपुर में योग दिवस से पहले ऑनलाइन योगाभ्यास कर रहे साधक.

योग पद्धति भारत में करीब 5000 साल से चली आ रही है. योग साधना को आत्मा और परमात्मा के बीच सामंजस्य का अद्धभुत विज्ञान माना गया है. यही वजह है कि प्राचीन पद्धति का विस्तार करने के लिए प्रतिवर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. पीएम मोदी के प्रयास से 2015 में दुनिया भर के देशों ने योग को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में अपनाया था. तभी से 21 जून को प्रति वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है, लेकिन 2020 में चीन से आये कोरोना वायरस ने इस योग दिवस की तैयारियों पर ग्रहण लगा दिया है. कोरोना महामारी के बढ़ते पॉजिटिव मामलों को देखते हुए इस बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने पर भी रोक लगाई गई है. जनपद सहारनपुर की बात करें तो 2019 में योग दिवस के मौके पर एक साथ एक लाख से ज्यादा साधकों ने योगाभ्यास कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते योग दिवस मनाना तो दूर साधकों के लिए योगाभ्यास करना भी मुश्किल हो गया है.

जूम एप से जुड़ कर लोग कर रहे योग
बावजूद इसके साधकों ने योग गुरु की मदद से ऑनलाइन योगाभ्यास करने की पहल की है. सहारनपुर में योग गुरु डीके बंसल की अगुवाई में सैकड़ों साधक लैपटॉप और मोबाइल पर जूम एप से ऑनलाइन आकर योग सीख रहे हैं. खास बात ये है कि कोरोना काल में सभी साधक निःशुल्क ऑनलाइन योगाभ्यास कर रहे हैं. इसके लिए केवल सभी को अपने मोबाइल और लैपटॉप में जूम एप डाउनलोड करना पड़ रहा है. ईटीवी भारत से बातचीत में ऑनलाइन साधकों ने न सिर्फ योग के फायदे बताए बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग के अनुपालन के लिए ऑनलाइन योगाभ्यास को ही बेहतर बताया. उन्होंने कहा कि योग करने से शरीर मे रोग निरोधक क्षमता बढ़ती है, जिससे कोरोना वायरस को भी मात दिया जा सकता है.

योग भारत की प्राचीनतम सभ्यता
वहीं ऑनलाइन योगाभ्यास करा रहे योग गुरु डीके बंसल ने बताया कि योग हमारी प्राचीनतम सभ्यता में से एक है. इसका उदगम स्वयं भगवान शिव हैं. भगवान शिव ने योग को कैसे अपनाया इसके बारे में भी बताया है. पूर्व में बहुत सारे ऋषि मुनि और गुरुजन हुए हैं, जिन्होंने योग को हम तक पहुंचाया है. अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर हर साल योग के लिए बड़े बड़े शिविर लगते रहे, लेकिन इस बार आपदा को अवसर में बदलने का वक्त है. कोरोना काल में आधुनिक तकनीक का सहारा लेकर योग का न सिर्फ प्रचार किया जा रहा है, बल्कि ऑनलाइन साधकों को जोड़ा गया है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST
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